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अधर में लटका लाइट हाउस प्रोजेक्ट, जानिए बस्तीवाले क्यों कर रहे हैं विरोध - रांची समाचार

देश के 6 राज्यों में लाइट हाउस प्रोजेक्ट के तहत सात लाख घर बनाने का निर्णय दो वर्ष पहले लिया गया था. इस योजना के अंतर्गत गरीबों को कम पैसे में फ्लैट मुहैया कराना है, लेकिन झारखंड में यह योजना अधर में लटक गया है. रांची के आनी मैदान के पास रह रहे लोगों ने फ्लैट निर्माण कार्य का विरोध शुरू कर दिया है.

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अधर में लाइट हाउस प्रोजेक्ट
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Published : Jun 14, 2021, 7:04 PM IST

Updated : Jun 15, 2021, 7:19 AM IST

रांची: झारखंड में लाइट हाउस प्रोजेक्ट शुरू होने से पहले ही निर्माण स्थल को लेकर विवाद चल रहा है. इस योजना के तहत अत्याधुनिक तरीके से कम समय में तैयार होनेवाले फ्लैट एक मॉडल के रूप में होगा. शुरुआत में एक हजार घर बनने थे. झारखंड के अलावा यह योजना गुजरात, मध्यप्रदेश, तमिलनाडु, त्रिपुरा और उत्तर प्रदेश में पहले ही शुरू हो चुका है.

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साल 2024 तक झारखंड सहित देश के 06 राज्यों में लाइट हाउस प्रोजेक्ट के तहत सात लाख घर बनाने का निर्णय आज से दो वर्ष पहले लिया गया था. केन्द्र सरकार के भारी दवाब के आगे झारखंड में निर्माण कार्य शुरू तो हुआ, लेकिन जिस तरह से आनी मैदान बचाने के लिए बस्ती वाले एकजुट होकर आंदोलन कर रहे हैं, उससे यहां शांतिपूर्ण निर्माण शुरू करा लेना संभव नहीं है.

देखें पूरी खबर

गरीबों को सस्ते दामों में मिलेंगे आवास

गरीबों के लिए सस्ती और किफायती आवास बनाने को लेकर बनी लाइट हाउस प्रोजेक्ट अधर में है. राज्य सरकार के अनुरोध पर केन्द्र सरकार के ओर से सहायता राशि बढाए जाने के बाबजूद अभी तक झारखंड में इसकी शुरुआत नहीं हो पाई है. काफी जद्दोजहद के बाद धुर्वा पंच मंदिर के पास एचईसी की जमीन पर इसकी शुरुआत की कोशिश की गई, लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के कारण अब तक नींव तक नहीं रखा जा सका है.

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आनी मैदान के पास बस्ती


क्या है विरोध का कारण
लाइट हाउस प्रोजेक्ट के तहत बनने वाले फ्लैट्स का विरोध कर रहे स्थानीय लोगों का मानना है कि जिस जगह पर फ्लैट बनेगा, वह खेल और शादी विवाह का काम आने वाला मैदान है, इसके अलावा इस मैदान के बगल में बस्ती है, जिसे सरकार उजाड़कर लाइट हाउस प्रोजेक्ट के तहत फ्लैट बनाएगी. निर्माण कार्य का विरोध कर रहे संजीत की मानें तो गरीब जनता कहां से 8 लाख रुपया देकर फ्लैट खरीदेगी, सरकार को बस्ती उजाड़ने से पहले लोगों की परेशानी का समाधान करना होगा, उसके बाद ही लाइट हाउस प्रोजेक्ट शुरू हो पाएगा. वहीं सरकार के निर्णय का विरोध कर रहे लाल बाबू यादव कहते हैं कि सरकार तानाशाही रवैया अपना रही है, पहले भी स्वाइल टेस्ट करने की कोशिश की गई थी और आगे भी यदि ऐसा होता है, तो बस्ती के लोग चुप नहीं बैठेंगे.

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आनी मैदान

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मंगलवार को प्रशासन की है स्वाइल टेस्ट की तैयारी
मंगलवार को एक बार फिर स्वाइल टेस्ट प्रशासन के ओर से करने की तैयारी है. संभावित विरोध को देखते हुए भारी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात कर इस बार लाइट हाउस प्रोजेक्ट कार्य को शुरू करने की योजना सरकार की है. इससे पहले 20 फरवरी को स्वाइल टेस्ट के लिए गए प्रशासनिक टीम को बस्तीवासियों का भारी विरोध का सामना करना पड़ा था.

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आनी मैदान में खेलते बच्चे



पहले से ही प्रोजेक्ट शुरू होने में हो गई है काफी देर
गरीबों के लिए सस्ते दर पर आवास देने की लाइट हाउस योजना झारखंड में शुरु नहीं हो पाया है. केन्द्र के सहयोग से झारखंड में यह योजना शुरू किया जाना था, जिसके तहत गरीबी रेखा से नीचे के लोगों को सरकार की ओर से प्रति यूनिट 6.50 लाख रुपये खर्च कर आवास तैयार कर देना था, लेकिन फ्लैट निर्माण में आ रहे लागत को देखते हुए राज्य सरकार ने केन्द्र से सहायता राशि बढाने की मांग की थी, जिसके बाद केन्द्र अब तीन लाख से बढाकर इस मद में अब 5.50 लाख देने का निर्णय लिया. वहीं राज्य सरकार एक लाख का सहायता राशि देगी.

रांची: झारखंड में लाइट हाउस प्रोजेक्ट शुरू होने से पहले ही निर्माण स्थल को लेकर विवाद चल रहा है. इस योजना के तहत अत्याधुनिक तरीके से कम समय में तैयार होनेवाले फ्लैट एक मॉडल के रूप में होगा. शुरुआत में एक हजार घर बनने थे. झारखंड के अलावा यह योजना गुजरात, मध्यप्रदेश, तमिलनाडु, त्रिपुरा और उत्तर प्रदेश में पहले ही शुरू हो चुका है.

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साल 2024 तक झारखंड सहित देश के 06 राज्यों में लाइट हाउस प्रोजेक्ट के तहत सात लाख घर बनाने का निर्णय आज से दो वर्ष पहले लिया गया था. केन्द्र सरकार के भारी दवाब के आगे झारखंड में निर्माण कार्य शुरू तो हुआ, लेकिन जिस तरह से आनी मैदान बचाने के लिए बस्ती वाले एकजुट होकर आंदोलन कर रहे हैं, उससे यहां शांतिपूर्ण निर्माण शुरू करा लेना संभव नहीं है.

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गरीबों को सस्ते दामों में मिलेंगे आवास

गरीबों के लिए सस्ती और किफायती आवास बनाने को लेकर बनी लाइट हाउस प्रोजेक्ट अधर में है. राज्य सरकार के अनुरोध पर केन्द्र सरकार के ओर से सहायता राशि बढाए जाने के बाबजूद अभी तक झारखंड में इसकी शुरुआत नहीं हो पाई है. काफी जद्दोजहद के बाद धुर्वा पंच मंदिर के पास एचईसी की जमीन पर इसकी शुरुआत की कोशिश की गई, लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के कारण अब तक नींव तक नहीं रखा जा सका है.

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आनी मैदान के पास बस्ती


क्या है विरोध का कारण
लाइट हाउस प्रोजेक्ट के तहत बनने वाले फ्लैट्स का विरोध कर रहे स्थानीय लोगों का मानना है कि जिस जगह पर फ्लैट बनेगा, वह खेल और शादी विवाह का काम आने वाला मैदान है, इसके अलावा इस मैदान के बगल में बस्ती है, जिसे सरकार उजाड़कर लाइट हाउस प्रोजेक्ट के तहत फ्लैट बनाएगी. निर्माण कार्य का विरोध कर रहे संजीत की मानें तो गरीब जनता कहां से 8 लाख रुपया देकर फ्लैट खरीदेगी, सरकार को बस्ती उजाड़ने से पहले लोगों की परेशानी का समाधान करना होगा, उसके बाद ही लाइट हाउस प्रोजेक्ट शुरू हो पाएगा. वहीं सरकार के निर्णय का विरोध कर रहे लाल बाबू यादव कहते हैं कि सरकार तानाशाही रवैया अपना रही है, पहले भी स्वाइल टेस्ट करने की कोशिश की गई थी और आगे भी यदि ऐसा होता है, तो बस्ती के लोग चुप नहीं बैठेंगे.

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आनी मैदान

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मंगलवार को प्रशासन की है स्वाइल टेस्ट की तैयारी
मंगलवार को एक बार फिर स्वाइल टेस्ट प्रशासन के ओर से करने की तैयारी है. संभावित विरोध को देखते हुए भारी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात कर इस बार लाइट हाउस प्रोजेक्ट कार्य को शुरू करने की योजना सरकार की है. इससे पहले 20 फरवरी को स्वाइल टेस्ट के लिए गए प्रशासनिक टीम को बस्तीवासियों का भारी विरोध का सामना करना पड़ा था.

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आनी मैदान में खेलते बच्चे



पहले से ही प्रोजेक्ट शुरू होने में हो गई है काफी देर
गरीबों के लिए सस्ते दर पर आवास देने की लाइट हाउस योजना झारखंड में शुरु नहीं हो पाया है. केन्द्र के सहयोग से झारखंड में यह योजना शुरू किया जाना था, जिसके तहत गरीबी रेखा से नीचे के लोगों को सरकार की ओर से प्रति यूनिट 6.50 लाख रुपये खर्च कर आवास तैयार कर देना था, लेकिन फ्लैट निर्माण में आ रहे लागत को देखते हुए राज्य सरकार ने केन्द्र से सहायता राशि बढाने की मांग की थी, जिसके बाद केन्द्र अब तीन लाख से बढाकर इस मद में अब 5.50 लाख देने का निर्णय लिया. वहीं राज्य सरकार एक लाख का सहायता राशि देगी.

Last Updated : Jun 15, 2021, 7:19 AM IST
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