रांची: सरकार में शामिल गठबंधन दलों के बीच मधुपुर विधानसभा सीट को लेकर आपसी तकरार चल रहा है. इस बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने विशेष अधिकार का प्रयोग करते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा कोटे से हाजी हुसैन अंसारी के बेटे हाफिज उल हसन को मंत्री पद की शपथ दिला दी. इससे यह साफ हो गया है कि आने वाले समय में मधुपुर विधानसभा उपचुनाव में हाफिज उल हसन ही झामुमो के उम्मीदवार होंगे. लेकिन, उनकी यह राह आसान नहीं है. मंत्री पद पर कायम रहने के लिए उन्हें विधानसभा का चुनाव जीतना होगा. हाफिज उल के राह का रोड़ा खुद महागठबंधन का सहयोगी दल राजद बन गया है. हालांकि, जेएमएम महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने राजद के दावे को हल्के में लेते हुए इसे सुलझा लेने की बात कही है.
वहीं, जेएमएम के मधुपुर विधानसभा में मजबूत दावा पेश करने के बाद भी राजद ने अपना दावा नहीं छोड़ा है. राजद के प्रदेश युवा अध्यक्ष रंजन यादव ने एक बार फिर दावा पेश करते हुए कहा कि हमारी दावेदारी इसलिए नहीं थी कि हाफिज उल हसन को मंत्री पद मिले. हमारी दावेदारी राजद के चुनाव लड़ने को लेकर है. मधुपुर में राजद का वोट बैंक है. हम अभी भी अपनी दावेदारी से पीछे नहीं हट रहे हैं. मंत्री बनाना या नहीं बनाना हमारा विषय नहीं है. हमारी दावेदारी मधुपुर विधानसभा सीट पर प्रबल है. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में चुनाव लड़ने का सभी को अधिकार है. हमने पहले भी कहा है कि जहां भी हमारा संगठन मजबूत होगा, हम चुनाव लड़ेंगे.
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बता दें कि बिहार से झारखंड अलग होने के बाद राजद ने 2000 में मधुपुर विधानसभा से सलाउद्दीन अंसारी को उम्मीदवार बनाया था. उन्हें 5537 वोट मिले थे. वहीं, 2005 में राजद इस सीट पर चुनाव लड़कर छठे स्थान पर रहा. 2009 में संजय भारद्वाज ने मधुपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़कर 1767 वोट प्राप्त किया. वहीं, 2014 के विधानसभा चुनाव में राजद ने अपना उम्मीदवार नहीं उतारा था. साल 2019 के विधानसभा चुनाव में तत्कालीन मंत्री राज पलिवार को झामुमो गठबंधन के उम्मीदवार हाजी हुसैन अंसारी ने 23 हजार से अधिक मतों से हराया था. राजद ने महागठबंधन प्रत्याशी को चुनाव में समर्थन दिया था. हाजी हुसैन के निधन के बाद यह सीट खाली हुई है.