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रांचीः मेयर के बुलाने पर भी नगर आयुक्त बैठक में नहीं हुए शामिल - मेयर आशा लाकड़ा

रांची नगर निगम में इन दिनों अहम की लड़ाई चल रही है. मेयर आशा लकड़ा और नगर विकास विभाग समेत निगम के अधिकारियों के बीच चल रही खींचतान से यही संकेत मिल रहा है.

रांची नगर निगम
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Published : Oct 15, 2020, 3:31 PM IST

Updated : Oct 15, 2020, 6:39 PM IST

रांचीः टैक्स कलेक्शन एजेंसी को लेकर मेयर और नगर आयुक्त के बीच उठा विवाद खत्म नहीं हो पा रहा है. आलम यह है कि मेयर आशा लकड़ा ने गुरुवार को इस विवाद को सुलझाने के लिए निगम सभागार में बैठक आहूत की थी, लेकिन नगर आयुक्त की ओर से मेयर के निर्देश को दरकिनार कर दिया गया और वह बैठक में नहीं पहुंचे.

देखें पूरी खबर.

इस वजह से मेयर ने बैठक को स्थगित कर फिर से शुक्रवार को बैठक बुलाई है. दरअसल टैक्स कलेक्शन के लिए श्री पब्लिकेशन एंड स्टेशनर्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ नगर निगम के करारनामा को लेकर मेयर और निगम पदाधिकारियों के बीच लगातार विवाद चल रहा है.

इसको लेकर मेयर ने उप नगर आयुक्त को शॉ कॉज भी किया था, जिसका उन्होंने जवाब नहीं दिया. साथ ही नगर आयुक्त से करारनामा के दस्तावेज की भी मांग की गई थी और बैठक आहूत की गई थी, लेकिन नगर आयुक्त का मेयर ने घंटों इंतजार किया.

इस दौरान मेयर ने उन्हें फोन भी किया, लेकिन उनका मोबाइल स्विच ऑफ था. ऐसे में मेयर ने बैठक को स्थगित कर फिर से बैठक बुलाई है, लेकिन इससे यह साफ हो गया है कि मेयर के निर्देश का नगर आयुक्त की ओर से तरजीह नहीं दी गई.

इसको लेकर मेयर आशा लकड़ा ने कहा कि नगर आयुक्त बैठक में क्यों नहीं आए यह साफ नहीं हुआ है, लेकिन झारखंड नगरपालिका अधिनियम के कानून से ऊपर कोई नहीं है. चाहे वह मेयर हों या नगर आयुक्त.

यह भी पढ़ेंः मुलायम सिंह यादव की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव, मेदांता में भर्ती

नगर निगम ऑटोनॉमस बॉडी है और इसकी मुखिया होने के नाते उनकी जिम्मेदारी बनती है कि वह सभी विवाद को सुलझाएं. इसमें नगर आयुक्त को सहयोग देना चाहिए. उन्होंने कहा कि नगर निगम परिषद का निर्णय सर्वोपरि है. उस निर्णय का पालन करना नगर आयुक्त का काम है.

उन्होंने कहा कि नगर आयुक्त को इसकी समझ नहीं है. कानून जो कहता है. उसके आधार पर ही निर्णय लिए जाते हैं. और उसका हर हाल में पालन करना होगा.

रांचीः टैक्स कलेक्शन एजेंसी को लेकर मेयर और नगर आयुक्त के बीच उठा विवाद खत्म नहीं हो पा रहा है. आलम यह है कि मेयर आशा लकड़ा ने गुरुवार को इस विवाद को सुलझाने के लिए निगम सभागार में बैठक आहूत की थी, लेकिन नगर आयुक्त की ओर से मेयर के निर्देश को दरकिनार कर दिया गया और वह बैठक में नहीं पहुंचे.

देखें पूरी खबर.

इस वजह से मेयर ने बैठक को स्थगित कर फिर से शुक्रवार को बैठक बुलाई है. दरअसल टैक्स कलेक्शन के लिए श्री पब्लिकेशन एंड स्टेशनर्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ नगर निगम के करारनामा को लेकर मेयर और निगम पदाधिकारियों के बीच लगातार विवाद चल रहा है.

इसको लेकर मेयर ने उप नगर आयुक्त को शॉ कॉज भी किया था, जिसका उन्होंने जवाब नहीं दिया. साथ ही नगर आयुक्त से करारनामा के दस्तावेज की भी मांग की गई थी और बैठक आहूत की गई थी, लेकिन नगर आयुक्त का मेयर ने घंटों इंतजार किया.

इस दौरान मेयर ने उन्हें फोन भी किया, लेकिन उनका मोबाइल स्विच ऑफ था. ऐसे में मेयर ने बैठक को स्थगित कर फिर से बैठक बुलाई है, लेकिन इससे यह साफ हो गया है कि मेयर के निर्देश का नगर आयुक्त की ओर से तरजीह नहीं दी गई.

इसको लेकर मेयर आशा लकड़ा ने कहा कि नगर आयुक्त बैठक में क्यों नहीं आए यह साफ नहीं हुआ है, लेकिन झारखंड नगरपालिका अधिनियम के कानून से ऊपर कोई नहीं है. चाहे वह मेयर हों या नगर आयुक्त.

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नगर निगम ऑटोनॉमस बॉडी है और इसकी मुखिया होने के नाते उनकी जिम्मेदारी बनती है कि वह सभी विवाद को सुलझाएं. इसमें नगर आयुक्त को सहयोग देना चाहिए. उन्होंने कहा कि नगर निगम परिषद का निर्णय सर्वोपरि है. उस निर्णय का पालन करना नगर आयुक्त का काम है.

उन्होंने कहा कि नगर आयुक्त को इसकी समझ नहीं है. कानून जो कहता है. उसके आधार पर ही निर्णय लिए जाते हैं. और उसका हर हाल में पालन करना होगा.

Last Updated : Oct 15, 2020, 6:39 PM IST
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