रांची: दीपावली (Diwali 2022) की छुट्टी में घर आये कर्नल और उनके बेटे की बेतरह लोगों के साथ मारा-पीट हो गई. विवाद GST बिल को लेकर शुरू होता है. कर्नल का कहना है कि उन्होंने दुकानदार से पटाखा लेने पर GST बिल की मांग की. इस पर दुकामदार ने उन्हें बिल देने से मना कर दिया और इस तरह विवाद शुरू हो गया (Dispute Between Colonel and Shopkeeper on GST Bill). लाठी-डंडे और रॉड से दोनों के बदन और सिर पर प्रहार किया गया. बेटे का चश्मा तोड़ दिया गया, आंखें भी चोटिल हुई हैं. बाप-बेटे दोनों बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़े. कर्नल का आरोप है कि उन्हें और उनके बेटे के साथ मॉब लिंचिंग की कोशिश की गई है.
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GST बिल मागंने पर विवाद: किसी तरह दोनों अपनी जान बचा सके. उनके कान में गंभीर चोटें लगी हैं जिस वजह से उन्हें अब सुनाई भी कम दे रहा है. कर्नल का कसूर सिर्फ इतना था कि उन्होंने पटाखा बेचने वाले दुकान ट्रेड फ्रेंड्स से GST बिल की डिमांड कर दी थी. इस पर दुकानदार बेखौफ होकर बोला 'यहां कोई GST बिल कस्टमर को नहीं दिया जाता. जाओ जो करना है कर लो. सबसे हैरत की बात यह है कि ट्रेड फ्रेंड्स दुकान और कर्नल का मकान अगल-बगल ही है. आरोप है कि दुकानदार विमल सिंघानिया के इशारे पर बिना कुछ जाने-सुनें 15-20 लोगों के साथ कर्नल और उसके बेटे पर कातिलाना हमला कर दिया.
कर्नल के बेटे ने केस दर्ज कराया: कर्नल के बेटे ईशान सिंह के बयान पर राजधानी रांची के गोंदा थाने में केस दर्ज कर लिया गया है. पुलिस आज दुकान के बाहर लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला रही है. कर्नल ने कहा यह बहुत दुखद बात है कि GST बिल मांगे जाने पर मॉब लिंचिंग का प्रयास हुआ. कर्नल का कहना है कि दुकानदार का भाई कमल सिंघानिया ने पहले माफी मांगी, केस नहीं उठाने की बात कहने पर अपने ही दुकान के एक स्टाफ राजेंद्र मुंडा से उनपर और उनके बेटे पर एससी-एसटी का झूठा केस गोंदा थाने में ही दर्ज करा दिया.
कर्नल परिवार अंतिम तक केस लड़ेगा: कर्नल के परिवार का आरोप है कि उनके घर पटाखे और मिठाई तक भिजवाये गये, ताकि वह अपना केस वापस ले लें. परिवार का कहना है कि सेना के अधिकारी बिकाऊ नहीं होते. उनके साथ गलत हुआ है. वह कानून सम्मत इस लड़ाई को लड़ेंगे, ताकि किसी और के साथ ऐसा कभी ना हो. अगर पुलिस से उन्हें इंसाफ नहीं मिला तो वे ऊपर कोर्ट तक जाएंगे. झारखंड के गवर्नर रमेश बैस को भी घटना की पूरी जानकारी देंगे. कर्नल ने सिंघानिया बंधु पर आरोप लगाया है कि वे खुद को रसूखदार बताते हैं और खुला चैलेंज करते हैं कि उनका कुछ नहीं बिगड़ सकता. झूठा केस दर्ज कराकर उन्होंने यह संकेत दे भी दिया. कर्नल का कहना है कि एक जवान बेटे के सामने उन्हें अपमानित किया गया, मारा-पीटा गया, उनकी जान लेने की कोशिश की गई.
कर्नल की पोस्टिंग फिलहाल राजस्थान के गंगा नगर में है. वह सदमे में हैं कि उनके घर यानी राजधानी रांची में ऐसा हुआ. उन्होंने कहा कि अगर दुकानदार और झूठा केस करने वाले के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो वह ऊपर की अदालत तक जाएंगे. इधर पटाखा विक्रेता कमल सिंघानिया का कहना है कि जो कुछ हुआ अच्छा नहीं हुआ. वह देख रहे हैं कि विवाद कैसे सुलझेगा.
इधर, गोंदा के थानेदार रवि ठाकुर ने बताया कि कर्नल के बेटे के कहने पर केस दर्ज किया गया है. वहीं केस दर्ज होने के बाद सिंघानिया के एक स्टाफ राजेंद्र मुंडा के आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज की गई है. राजेंद्र ने अपने बयान में कहा है कि कर्नल पटाखा खरीदने के बाद डिस्काउंट करने बोल रहे थे. डिस्काउंट नहीं मिलने पर गाली-गलौज, मार-पीट करने लगे. वहीं, उन्हें जाति सूचक गालियां दी. सूत्रों के अनुसार ट्रेड फ्रेंड्स के मालिक की तरफ से एक आवेदन गोंदा थाना में दिया गया है.