रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर सीटों को लेकर खींचा-तानी शुरु हो गई है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस ने अपनी परंपरागत सीट रांची को जेएमएम के लिए छोड़ दिया है, जिसके बाद कांग्रेस में रांची सीट को लेकर रार मचने लगा है. पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने एक बार फिर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. हालांकि, प्रदेश कांग्रेस ने इस सीट को जेएमएम को दिए जाने से इनकार कर दिया है.
झारखंड विधानसभा चुनाव में कांग्रेस महागठबंधन के तहत रांची विधानसभा सीट जेएमएम को देने का मन बना चुकी है. इसके पीछे की वजह पिछले विधानसभा चुनाव में जेएमएम का दूसरे नंबर पर होना बताया जा रहा है. हालांकि, इसकी आधिकारिक घोषणा अबतक नहीं हुई है. सूत्रों के हवाले से इसकी पुष्टि भी हो चुकी है. ऐसे में ये पहली बार होगा जब कांग्रेस रांची विधानसभा सीट के लिए उम्मीदवार खड़ी नहीं करेगी. इसकी सूचना मिलते ही पार्टी के अंदर विरोधी तेवर दिखने लगे हैं.
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सुबोधकांत सहाय ने पार्टी नेताओं पर साधा निशाना
पूर्व केंद्रीय मंत्री और रांची से सांसद रहे सुबोधकांत सहाय ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि दिल्ली से आने वाले हाकिम (नेता) गठबंधन की बात कर रहे हैं, लेकिन उन्हें वास्तविक स्थिति की कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं की रांची विधानसभा सीट पर पूरी तैयारी है. ऐसे में किसी भी हाल में रांची सीट नहीं छोड़ा जाएगा.
पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की स्थिति रांची विधानसभा सीट पर बेहद खराब रही थी, जिसके आधार पर यह सीट छोड़ने की स्क्रिप्ट लिखी जा चुकी है. हालांकि, इससे प्रदेश कांग्रेस ने इनकार किया है. पार्टी प्रवक्ता लाल किशोर नाथ शाहदेव ने इसपर गोल मटोल जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि रांची, कांके, हटिया और खिजरी में पार्टी की स्थिति मजबूत है और कार्यकर्ताओं की इन सीटों पर चुनाव लड़ने की मंशा भी है. ऐसे में इस पर शीर्ष नेतृत्व को विचार करने की जरूरत है. उन्होंने कहा है कि अभी तक महागठबंधन और सीट शेयरिंग का स्वरूप तैयार नहीं हुआ है, रांची सीट को लेकर अभी भी उम्मीद बांकी है.