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Land Scam in Ranchi: रांची में सैकड़ों एकड़ जमीन की डील में फर्जीवाड़ा! कोलकाता से नकली पेपर बनाकर होती थी खरीद-बिक्री

रांची में जमीन की खरीद बिक्री में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. कोलकाता से फर्जी दस्तावेज बनाकर सैकड़ों एकड़ जमीन की खरीद बिक्री की जा रही थी. इसमें कई बड़े अफसर और कर्मचारियों के शामिल होने के संकेत ईडी को मिले हैं.

Land Scam in Ranchi
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Published : Apr 14, 2023, 7:57 AM IST

रांची: राजधानी में गुरुवार को ईडी की छापेमारी ने एक बड़े जमीन घोटाले के संकेत दिए हैं. इस घोटाले में कई बड़े अफसर और कर्मचारी नपेंगे, यह तय माना जा रहा है. रांची में सेना की जमीन की खरीद बिक्री में कोलकाता से फर्जी दस्तावेज बनाकर की गई गड़बड़ी की जांच में ईडी आगे बढ़ी तो रांची में सैकड़ों एकड़ जमीन की डील में फर्जीवाड़ा सामने आ गया. जैसे-जैसे ईडी की जांच आगे बढ़ेगी, इस मामले में कई बड़े खुलासे होंगे, जो बेहद चौंकाने वाले होंगे.

यह भी पढ़ें: Jharkhand ED Raid: ईडी की हिरासत में बड़गाईं अंचल कर्मचारी भानु प्रताप, घर से मिले कई महत्वपूर्ण दस्तावेज

कोलकता से जुड़ा है लिंक: दरअसल, ईडी की जांच में यह बात सामने आई है कि रांची में एक गिरोह सक्रिय है, जो कोलकाता जाकर रांची की जमीन का फर्जी पेपर तैयार करता है, उसकी रजिस्ट्री कोलकाता में ही करायी जाती है. इसके बाद कौड़ियों की जमीन को करोड़ों में बेचा जाता है. इस पूरे फर्जीवाड़े में आला अधिकारियों के साथ-साथ अंचल अधिकारी, राजस्व कर्मचारियों की बड़ी भूमिका होती है. ईडी ने अपनी जांच में यह भी पाया है कि जमीन घोटाला कर सरकारी अफसरों, कर्मियों के साथ-साथ माफियाओं ने अरबों की कमायी की है.

चर्चित राजस्व कर्मचारी अशोक सिंह आया रडार पर: ईडी ने रांची में कई सालों से जमे राजस्व कर्मचारी अशोक सिंह के सिंहमोड़ स्थित आवास में गुरुवार को छापेमारी की. ईडी की टीम जब यहां पहुंची तो अधिकारी एक मामूली राजस्व कर्मचारी के आलिशान अपार्टमेंटनुमा मकान देखकर दंग रह गए. ईडी के अधिकारियों को अशोक सिंह की अलग-अलग संपत्ति और बेनामी संपत्ति से जुड़े कागजात मिले हैं. वहीं अवैध कमाई की अचल संपत्तियों में निवेश के सुराग भी ईडी को मिले हैं. अशोक सिंह के नामकुम, ओरमांझी समेत रांची के अन्य अंचलों में जमे होने और उस दौरान अकूत संपत्ति अर्जित करने की जानकारी ईडी को मिली थी. अशोक सिंह और उसके परिवार के आश्रितों की पूरी संपत्ति की जानकारी ईडी ने मांगी है. ईडी ने अशोक सिंह के रिश्तेदार दीपक कुमार के बोस्कोनगर स्थित फ्लैट में भी छापेमारी की, ईडी अधिकारियों को अंदेशा है कि यह फ्लैट भी अशोक सिंह का ही है, लेकिन उन्होंने इसकी खरीद अपने रिश्तेदार के नाम पर की है.

कोलकाता में फर्जी कागजात तैयार कराता है अफसर अली: ईडी के अधिकारियों के मुताबिक, बरियातू मिल्लत कॉलोनी निवासी अफसर अली रिम्स में रेडियोलॉजी डिपार्टमेंट में काम करता है. लेकिन उसका मूल धंधा कोलकाता से फर्जी दस्तावेज तैयार कर जमीन की खरीद बिक्री करना है. हाल ही में अफसर अली और उसके सहयोगी सद्दाम के खिलाफ जमशेदपुर में आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज हुआ था, जब दोनों ने रांची के एक जमीन कारोबारी शेखर कुशवाहा पर जमशेदपुर में हमला करवा दिया था. इस मामले में सद्दाम हाल ही में जेल से छूटा है. अफसर अली के अलावा उसके गिरोह में हिंदपीढ़ी का अजहर भी शामिल है, अजहर का भाई रांची से डिप्टी मेयर का चुनाव लड़ चुका है. बरियातू के ही फैयाज खान, रानी बगान के तबरेज अख्तर, मणिटोला के इम्तियाज अहमद, तहला खान उर्फ सोनू भी इसी गिरोह के सदस्य हैं.

यह भी पढ़ें: लगभग 12 घंटे के बाद आईएएस छवि रंजन के ठिकानों पर खत्म हुई ईडी की छापेमारी, बरामद हुए कई महत्वपूर्ण दस्तावेज

बड़गाईं अंचल में बड़ी गड़बड़ी: वहीं रांची के बड़गाईं अंचल के राजस्व कर्मी भानु प्रताप प्रसाद का तबादला साल 2021 में ही हो गया था. लेकिन तब भानु ने अपना तबादला रूकवा लिया था. तब से वह बड़गाई अंचल में पदस्थापित है. जांच में यह बात सामने आयी है कि भानु प्रताप प्रसाद अमीन सुजीत के साथ सांठगाठ कर अवैध कमायी करता था. जांच के दौरान बड़गाईं अंचल में सर्वाधिक गड़बड़ी ईडी ने पकड़ी है. यही वजह है कि अंचल के सीओ समेत अन्य के यहां छापेमारी की गई.

किस-किस के ठिकानें पर हुई गुरुवार को रेड: ईडी ने गुरुवार को रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन के राजभवन के पास स्थित सरकारी आवास, कांके के ओयना में 4 सी, दामोदर जेमिनी सोसायटी, जमशेदपुर के कदमा स्थित फ्लैट नंबर 1, एसबी लोंगिया अपार्टमेंट में रेड की है. वहीं इसके अलावा बड़गाईं के सीओ मनोज कुमार के रामेश्वररम् लेन, आर्ची अपार्टमेंट, सी-1 मोरहाबादी, बड़गाई के राजस्वकर्मी भानु प्रताप प्रसाद के रोड नंबर 7 हिलव्यू रोड, बरियातू और झूलन सिंह चौक, सिमडेगा आवास, राजस्वकर्मी नामकुम अशोक सिंह के श्रीरामप्रीत, हटिया आवास,अशोक सिंह के रिश्तेदार दीपक कुमार के फ्लैट नंबर 302, शकुंतला अपार्टमेंट, बोस्को नगर हेसाग, रांची, तलहा खान उर्फ सनी के नीयर राहत नर्सिंग होम, बरियातू, बीरेंद्र साहू के तीसरा तल्ला, एनजी गार्डेन और राजेश राय, खजूरी, सासामुसा बनतेल, कुचाईकोट, गोपालगंज के यहां ईडी ने छापेमारी की है.

क्या- क्या हुआ बरामद: ईडी की छापेमारी में बड़गाई अंचल के राजस्वकर्मी भानु प्रताप प्रसाद के यहां से स्टील के बक्सों और अलमीरा में भर कर रखे गए कागजात मिले हैं. आधा दर्जन से अधिक स्टील के बड़े बक्सों में जमीन के डीड, खतियान, रजिस्टर 1-2 समेत कई दस्तावेज बरामद किए गए हैं. सरकारी दस्तावेजों को इतनी अधिक संख्या में आवास में क्यों रखा गया था, इसे लेकर भानु प्रताप प्रसाद कोई खास जवाब नहीं दे पाए. ईडी इस मामले में भानु प्रताप से पूछताछ कर रही है. ईडी अधिकारियों के मुताबिक, एक हजार से अधिक डीड बरामद किए गए हैं. यह डीड किनके नाम पर है, यह जानकारी जुटाई जा रही है. वहीं हिंदपीढ़ी में अजहर खान के यहां से छापेमारी के दौरान कोलकाता के रजिस्टार ऑफ एस्योरेंस, एडिशनल रजिस्ट्रार ऑफ एस्योरेंस कोलकाता के स्टांप और पेपर मिले हैं. ईडी यह पड़ताल कर रही है कि कोलकाता के स्टांप और पेपर का क्या इस्तेमाल किया जाना था.

रांची: राजधानी में गुरुवार को ईडी की छापेमारी ने एक बड़े जमीन घोटाले के संकेत दिए हैं. इस घोटाले में कई बड़े अफसर और कर्मचारी नपेंगे, यह तय माना जा रहा है. रांची में सेना की जमीन की खरीद बिक्री में कोलकाता से फर्जी दस्तावेज बनाकर की गई गड़बड़ी की जांच में ईडी आगे बढ़ी तो रांची में सैकड़ों एकड़ जमीन की डील में फर्जीवाड़ा सामने आ गया. जैसे-जैसे ईडी की जांच आगे बढ़ेगी, इस मामले में कई बड़े खुलासे होंगे, जो बेहद चौंकाने वाले होंगे.

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कोलकता से जुड़ा है लिंक: दरअसल, ईडी की जांच में यह बात सामने आई है कि रांची में एक गिरोह सक्रिय है, जो कोलकाता जाकर रांची की जमीन का फर्जी पेपर तैयार करता है, उसकी रजिस्ट्री कोलकाता में ही करायी जाती है. इसके बाद कौड़ियों की जमीन को करोड़ों में बेचा जाता है. इस पूरे फर्जीवाड़े में आला अधिकारियों के साथ-साथ अंचल अधिकारी, राजस्व कर्मचारियों की बड़ी भूमिका होती है. ईडी ने अपनी जांच में यह भी पाया है कि जमीन घोटाला कर सरकारी अफसरों, कर्मियों के साथ-साथ माफियाओं ने अरबों की कमायी की है.

चर्चित राजस्व कर्मचारी अशोक सिंह आया रडार पर: ईडी ने रांची में कई सालों से जमे राजस्व कर्मचारी अशोक सिंह के सिंहमोड़ स्थित आवास में गुरुवार को छापेमारी की. ईडी की टीम जब यहां पहुंची तो अधिकारी एक मामूली राजस्व कर्मचारी के आलिशान अपार्टमेंटनुमा मकान देखकर दंग रह गए. ईडी के अधिकारियों को अशोक सिंह की अलग-अलग संपत्ति और बेनामी संपत्ति से जुड़े कागजात मिले हैं. वहीं अवैध कमाई की अचल संपत्तियों में निवेश के सुराग भी ईडी को मिले हैं. अशोक सिंह के नामकुम, ओरमांझी समेत रांची के अन्य अंचलों में जमे होने और उस दौरान अकूत संपत्ति अर्जित करने की जानकारी ईडी को मिली थी. अशोक सिंह और उसके परिवार के आश्रितों की पूरी संपत्ति की जानकारी ईडी ने मांगी है. ईडी ने अशोक सिंह के रिश्तेदार दीपक कुमार के बोस्कोनगर स्थित फ्लैट में भी छापेमारी की, ईडी अधिकारियों को अंदेशा है कि यह फ्लैट भी अशोक सिंह का ही है, लेकिन उन्होंने इसकी खरीद अपने रिश्तेदार के नाम पर की है.

कोलकाता में फर्जी कागजात तैयार कराता है अफसर अली: ईडी के अधिकारियों के मुताबिक, बरियातू मिल्लत कॉलोनी निवासी अफसर अली रिम्स में रेडियोलॉजी डिपार्टमेंट में काम करता है. लेकिन उसका मूल धंधा कोलकाता से फर्जी दस्तावेज तैयार कर जमीन की खरीद बिक्री करना है. हाल ही में अफसर अली और उसके सहयोगी सद्दाम के खिलाफ जमशेदपुर में आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज हुआ था, जब दोनों ने रांची के एक जमीन कारोबारी शेखर कुशवाहा पर जमशेदपुर में हमला करवा दिया था. इस मामले में सद्दाम हाल ही में जेल से छूटा है. अफसर अली के अलावा उसके गिरोह में हिंदपीढ़ी का अजहर भी शामिल है, अजहर का भाई रांची से डिप्टी मेयर का चुनाव लड़ चुका है. बरियातू के ही फैयाज खान, रानी बगान के तबरेज अख्तर, मणिटोला के इम्तियाज अहमद, तहला खान उर्फ सोनू भी इसी गिरोह के सदस्य हैं.

यह भी पढ़ें: लगभग 12 घंटे के बाद आईएएस छवि रंजन के ठिकानों पर खत्म हुई ईडी की छापेमारी, बरामद हुए कई महत्वपूर्ण दस्तावेज

बड़गाईं अंचल में बड़ी गड़बड़ी: वहीं रांची के बड़गाईं अंचल के राजस्व कर्मी भानु प्रताप प्रसाद का तबादला साल 2021 में ही हो गया था. लेकिन तब भानु ने अपना तबादला रूकवा लिया था. तब से वह बड़गाई अंचल में पदस्थापित है. जांच में यह बात सामने आयी है कि भानु प्रताप प्रसाद अमीन सुजीत के साथ सांठगाठ कर अवैध कमायी करता था. जांच के दौरान बड़गाईं अंचल में सर्वाधिक गड़बड़ी ईडी ने पकड़ी है. यही वजह है कि अंचल के सीओ समेत अन्य के यहां छापेमारी की गई.

किस-किस के ठिकानें पर हुई गुरुवार को रेड: ईडी ने गुरुवार को रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन के राजभवन के पास स्थित सरकारी आवास, कांके के ओयना में 4 सी, दामोदर जेमिनी सोसायटी, जमशेदपुर के कदमा स्थित फ्लैट नंबर 1, एसबी लोंगिया अपार्टमेंट में रेड की है. वहीं इसके अलावा बड़गाईं के सीओ मनोज कुमार के रामेश्वररम् लेन, आर्ची अपार्टमेंट, सी-1 मोरहाबादी, बड़गाई के राजस्वकर्मी भानु प्रताप प्रसाद के रोड नंबर 7 हिलव्यू रोड, बरियातू और झूलन सिंह चौक, सिमडेगा आवास, राजस्वकर्मी नामकुम अशोक सिंह के श्रीरामप्रीत, हटिया आवास,अशोक सिंह के रिश्तेदार दीपक कुमार के फ्लैट नंबर 302, शकुंतला अपार्टमेंट, बोस्को नगर हेसाग, रांची, तलहा खान उर्फ सनी के नीयर राहत नर्सिंग होम, बरियातू, बीरेंद्र साहू के तीसरा तल्ला, एनजी गार्डेन और राजेश राय, खजूरी, सासामुसा बनतेल, कुचाईकोट, गोपालगंज के यहां ईडी ने छापेमारी की है.

क्या- क्या हुआ बरामद: ईडी की छापेमारी में बड़गाई अंचल के राजस्वकर्मी भानु प्रताप प्रसाद के यहां से स्टील के बक्सों और अलमीरा में भर कर रखे गए कागजात मिले हैं. आधा दर्जन से अधिक स्टील के बड़े बक्सों में जमीन के डीड, खतियान, रजिस्टर 1-2 समेत कई दस्तावेज बरामद किए गए हैं. सरकारी दस्तावेजों को इतनी अधिक संख्या में आवास में क्यों रखा गया था, इसे लेकर भानु प्रताप प्रसाद कोई खास जवाब नहीं दे पाए. ईडी इस मामले में भानु प्रताप से पूछताछ कर रही है. ईडी अधिकारियों के मुताबिक, एक हजार से अधिक डीड बरामद किए गए हैं. यह डीड किनके नाम पर है, यह जानकारी जुटाई जा रही है. वहीं हिंदपीढ़ी में अजहर खान के यहां से छापेमारी के दौरान कोलकाता के रजिस्टार ऑफ एस्योरेंस, एडिशनल रजिस्ट्रार ऑफ एस्योरेंस कोलकाता के स्टांप और पेपर मिले हैं. ईडी यह पड़ताल कर रही है कि कोलकाता के स्टांप और पेपर का क्या इस्तेमाल किया जाना था.

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