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निदेशालय ने मांगी मिड डे मील की ऑडिट रिपोर्ट, जल्द ही जांच के लिए गठित होगी टीम - झारखंड में मिड डे मील में गड़बड़ी मामला

रांची में मिड डे मील में गड़बड़ी मिलने के बाद सभी जिलों के शिक्षा पदाधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गई थी, लेकिन किसी ने रिपार्ट नहीं भेजी. अब मामले पर संज्ञान लेते हुए निदेशालय ने कार्रवाई मन बना लिया है. जल्द ही जांच टीम गठित की जाएगी.

officials concerned in mid-day meal disturbances in ranchi
मिड डे मील
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Published : Feb 13, 2021, 1:23 PM IST

रांचीः एक बार फिर मिड डे मील को लेकर शिक्षा विभाग की ओर से विभिन्न जिला शिक्षा पदाधिकारियों और संबंधित अधिकारियों को अल्टीमेटम दिया गया है. जल्द से जल्द अगर मध्याह्न भोजन बांटे जाने को लेकर ऑडिट रिपोर्ट नहीं भेजी जाती तो विभागीय कार्रवाई संबंधित अधिकारियों पर होगी. इसे लेकर विभाग ने रिमाइंडर भेज दिया है.


रिपोर्ट नहीं भेज रहे अधिकारी
कोरोना काल के दौरान झारखंड के सरकारी स्कूलों में मध्यान भोजन में काफी गोलमाल हुआ है. लगातार इसे लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारियों से रिपोर्ट मांगी जा रही थी, लेकिन न तो प्रधान अध्यापकों की ओर से रिपोर्ट दी गई और न ही शिक्षा पदाधिकारी इस मामले को लेकर कुछ कहने की हालत में है.

मामले को लेकर प्राथमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से जानकारी मिली कि अप्रैल से लेकर दिसंबर 2020 तक की रिपोर्ट मांगी गई है, लेकिन अब तक रिपोर्ट नहीं आई है और यह मामला काफी गंभीर है. तमाम सरकारी स्कूलों को मिड डे मील देने को लेकर चार चरण में राशि भेजी गई थी. पहली से पांचवी तक के बच्चों को शत प्रतिशत इसका लाभ नहीं मिला और ऐसा राज्य के विभिन्न जिलों में हुआ है. राज्यभर के लगभग 40 फीसदी बच्चों के खातों में पैसे नहीं पहुंचे, लेकिन 30 फीसदी बच्चों तक मध्याह्न भोजन से जुड़ा चावल दिया गया है. मध्याह्न भोजन प्राधिकरण को इसे लेकर शिकायत भी मिली है.

इसे भी पढ़ें- मिड डे मील में गड़बड़ी की आशंका, साक्षरता विभाग ने उपायुक्तों को भेजा नोटिस




निदेशालय ने बनाया कार्रवाई का मन
विभागीय निर्देश के बावजूद इस तरह की लापरवाही बरतने पर निदेशालय ने अब कार्रवाई करने का मन बना लिया है. जल्द ही मामले को लेकर एक जांच टीम गठित की जाएगी. फिर जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई होगी.

रांचीः एक बार फिर मिड डे मील को लेकर शिक्षा विभाग की ओर से विभिन्न जिला शिक्षा पदाधिकारियों और संबंधित अधिकारियों को अल्टीमेटम दिया गया है. जल्द से जल्द अगर मध्याह्न भोजन बांटे जाने को लेकर ऑडिट रिपोर्ट नहीं भेजी जाती तो विभागीय कार्रवाई संबंधित अधिकारियों पर होगी. इसे लेकर विभाग ने रिमाइंडर भेज दिया है.


रिपोर्ट नहीं भेज रहे अधिकारी
कोरोना काल के दौरान झारखंड के सरकारी स्कूलों में मध्यान भोजन में काफी गोलमाल हुआ है. लगातार इसे लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारियों से रिपोर्ट मांगी जा रही थी, लेकिन न तो प्रधान अध्यापकों की ओर से रिपोर्ट दी गई और न ही शिक्षा पदाधिकारी इस मामले को लेकर कुछ कहने की हालत में है.

मामले को लेकर प्राथमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से जानकारी मिली कि अप्रैल से लेकर दिसंबर 2020 तक की रिपोर्ट मांगी गई है, लेकिन अब तक रिपोर्ट नहीं आई है और यह मामला काफी गंभीर है. तमाम सरकारी स्कूलों को मिड डे मील देने को लेकर चार चरण में राशि भेजी गई थी. पहली से पांचवी तक के बच्चों को शत प्रतिशत इसका लाभ नहीं मिला और ऐसा राज्य के विभिन्न जिलों में हुआ है. राज्यभर के लगभग 40 फीसदी बच्चों के खातों में पैसे नहीं पहुंचे, लेकिन 30 फीसदी बच्चों तक मध्याह्न भोजन से जुड़ा चावल दिया गया है. मध्याह्न भोजन प्राधिकरण को इसे लेकर शिकायत भी मिली है.

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निदेशालय ने बनाया कार्रवाई का मन
विभागीय निर्देश के बावजूद इस तरह की लापरवाही बरतने पर निदेशालय ने अब कार्रवाई करने का मन बना लिया है. जल्द ही मामले को लेकर एक जांच टीम गठित की जाएगी. फिर जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई होगी.

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