पटना: पिछले कुछ सालों से बुलेट का जमाना वापस लौट आया है और लोग इसे शान-ओ-शौकत से खरीद रहे हैं. हालांकि पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के कारण बुलेट की सवारी महंगी भी हो चली है लेकिन जरा सोचिए कि अगर 30 का माइलेज देने वाला आपका बुलेट 80 का माइलेज दे तो कितना बढ़िया रहेगा. आपकी इस चाहत को पटना का एक मैकेनिक पूरी सकता है. उसकी मदद से आपका भी बुलेट 1 लीटर डीजल में 80 किमी का माइलेज (80 KM Mileage in One Liter Diesel) दे सकता है.
1998 मॉडल का डीजल इंजन बुलेट: राजधानी पटना के भट्टाचार्य रोड में मैकेनिक का काम करने वाले 65 वर्षीय मोहन पुराने बुलेट को मॉडिफाई कर असंभव सा काम को अपने हुनर से संभव कर देते हैं. इनके पास 1998 मॉडल का डीजल इंजन बुलेट है, जोकि 1 लीटर में 80 किलोमीटर का माइलेज देता है. मोहन पिछले 50 सालों से बुलेट का मैकेनिक हैं. वे कहते हैं कि 15 साल की उम्र से ही उन्होंने बुलेट को ठीक-ठाक करने के काम को करना शुरू कर दिया था. अपने पुराने बुलेट को उन्होंने मॉडिफाई करवाकर नए bs5 बुलेट को 350cc का लुक दिया है.
1 लीटर डीजल में 80 किमी का माइलेज: मोहन कहते हैं कि जब वह पेट्रोल पंप पर अपनी गाड़ी में तेल भरवाने जाते हैं तो पंप कर्मी भी अचंभित हो जाते हैं कि सभी लोग तो बुलेट में पेट्रोल डलवाया करते हैं और यह अपने बुलेट में डीजल डलवाते हैं. सामान्य तौर पर एक बुलेट 30 का माइलेज देता है, लेकिन डीजल इंजन होने की वजह से इनका यह बुलेट 1 लीटर में 80 किलोमीटर का माइलेज देता है. बुलेट की टंकी की कैपेसिटी 14 लीटर का है और एक बार टैंक फुल करवा लेने के बाद 3 महीना तक इन्हें पेट्रोल पंप जाने की जरूरत नहीं पड़ती है. डीजल इंजन होने के बावजूद भी इस बुलेट को नया लुक दिया गया है, जो कि आकर्षण का केंद्र है. इनके पास जितने भी कस्टमर अपनी गाड़ी बनवाने के लिए आते हैं, वह इस गाड़ी को देखकर हैरत में पड़ जाते हैं.
बुलेट देखकर लोगों को आश्चर्य: आज के जमाने के बुलेट में ब्रेक दाहिने ओर होता है और गियर बांयी तरफ होता है, लेकिन पुराने जमाने के बुलेट में ब्रेक बांयी ओर हुआ करता था और गियर दाहिने ओर हुआ करता था. जिस वजह से कहीं ना कहीं नए जमाने के लोगों को काफी मुश्किलें भी होती हैं. वहीं, मोहन की दुकान पर बुलेट को ठीक कराने के लिए पहुंचने वाले लोगों का कहना है कि हमारा बुलेट 15 से 18 या 25 से 30 का माइलेज देता है. तेलों के बढ़ते दामों के कारण इसका मेंटेनेंस काफी मुश्किल साबित हो रहा है. ऐसे में इनका बुलेटे 80 किमी का माइलेज देता है, जो वाकई हैरान करने वाली बात है.
हाथ पर बुलेट का टैटू: बुलेट के मालिक मोहन पिछले 50 वर्षों से बुलेट की मरम्मत करते हैं और वह भी 1998 मॉडल के बुलेट के सवारी कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि महज एक किक में मेरा बुलेट स्टार्ट हो जाता है. इसकी खासियत यह है कि राजधानी पटना में भी ट्रैफिक के बावजूद उनकी गाड़ी अच्छा खासा माइलेज देती है. इतना हीं नहीं बुलेट का टशन उनके बेटे महताब में भी दिखाई देता है. उसने तो अपने हाथ पर बुलेट का टैटू तक बनवा रखा है. हालांकि महताब यह भी कहता है कि पेट्रोल के दामों में जितनी भी वृद्धि हो जाए लेकिन जो बुलेट के शौकीन हैं, वह इसकी सवारी करना नहीं छोड़ सकते हैं. इसलिए तो बुलेट शान की सवारी है.
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