धनबाद: कोयलांचल के बीसीसीएल कोयला खान से हीरे का टुकड़ा मिला (Diamond In Coal Mine Dhanbad ) है. इससे चर्चा का बाजार गर्म हो गया. सोमवार को पूरे कोलियरी क्षेत्र में इस पर चर्चा होती रही. इस पर तरह-तरह की बात हो रही है. इससे संबंधित एक फोटो भी धनबाद में सर्कुलेट किया जा रहा है. हालांकि धनबाद कोयला खदान में हीरा मिलने के मामले में बीसीसीएल के अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं.
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बता दें कि बीसीसीएल के सिजुआ एरिया अंतर्गत कनकनी कोलियरी पैच-डी में वर्तमान में कोयला और ओबी उत्खनन कार्य चल रहा है. खान के मजदूरों से आम लोगों तक में चर्चा है कि इसी दौरान कनकनी कोलियरी के हिलटॉप आउटसोर्सिंग कोयला खदान में हीरा मिला है. हीरा बीसीसीएलकर्मी को खुदाई के दौरान मिला, जिसके बाद पूरे कोयलांचल में 'हथेली पर एक हीरे' की फोटो तेजी से वायरल होने लगी. दावा किया जा रहा है कि यह वही हीरा है जो खनन के दौरान खदानकर्मी को मिला.
बीसीसीएल खदान में हीरा मिलने के मामले में जानकारी के लिए जब बीसीसीएल एरिया 5 जीएम जितेंद्र मलिक को फोन किया गया तो उन्होंने कोई उत्तर नहीं दिया. इसके बाद इस पूरे मामले की जानकारी बीसीसीएल के सीएमडी सुमिरन दत्ता से भी लेने की कोशिश की गई. लेकिन उन्होंने फोन ही नहीं उठाया. इधर, पूरे पूरे कोयलांचल में खान में हीरा मिलने की स्टोरी पर बात हो रही है. हालांकि बीसीसीएल की ओर से न तो इसका खंडन किया गया है और न ही इसकी पुष्टि की गई है.
हीरा कैसे बनता हैः बता दें कि कोयला और हीरा दोनों कार्बन से बनते हैं. लेकिन दोनों के कार्बनिक कंपाउंड बिल्कुल अलग हैं. कोयले से हीरा नहीं बनता है. कोयले में हाइड्रोडन, नाइट्रोजन ग्रेफाइट, सल्फर भी होता है. लेकिन हीरे में 99.5 प्रतिशत कार्बन होता है. कोयला धरती में दो से पांच किलोमीटर गहराई तक मिल जाता है, जबकि 90 किलोमीटर से ज्यादा नीचे जाने पर हीरा मिलता है. क्योंकि इसके लिए बहुत अधिक तापमान के साथ वर्षों के दबाव की भी जरूरत होती है. हालांकि आजकल प्रयोगशाला में भी हीरा बनाया जाता है. भारत भी प्रयोगशाला में हीरा बनाने वाले अग्रणी देशों में शुमार है. काले हीरे के निर्माण के लिए भारत के वैज्ञानिक प्रसिद्ध हैं.
क्या कहते हैं परियोजना अधिकारीः कहा जा रहा है कि दो मजदूरों को हीरा का टुकड़ा मिलते ही दोनों युवक मदनाडीह को छोड़कर चले गए. बीसीसीएल अधिकारियों में भी दिनभर यह चर्चा होती रही. वहीं कनकनी कोलियरी के परियोजना पदाधिकारी अवधेश कुमार का कहना है कि हमने भी यह चर्चा सुनी है, लेकिन वे पुष्टि नहीं कर सकते, क्योंकि उस वस्तु को उनके सामने नहीं लाया गया. उन्होंने यह भी कहा कि हीरा कोलियरी में नहीं निकलता. यह एक अफवाह है. कोई चमकीली धातु हो सकती है लेकिन वह हीरा कतई नहीं हो सकता. आज तक कभी कोलियरी से हीरा मिलने की घटना सामने नहीं आई.