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रांची: देश-विदेश के लाखों श्रद्धालुओं ने मनाया परमहंस योगानंद का जन्मोत्सव, ऑनलाइन कार्यक्रमों में की शिरकत - रांची में परमहंस योगानंद जन्मोत्सव

योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ इंडिया की ओर से योगी परमहंस योगानंद का 128वां जन्मोत्सव मनाया गया. इसमें दुनिया भर के लाखों श्रद्धालु ऑनलाइन शामिल हुए.

Devotees will join Paramhansa Yogananda birth anniversary online
रमहंस योगानंद जन्मोत्सव से ऑनलाइन जुड़ेंगे श्रद्धालु
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Published : Jan 5, 2021, 7:57 PM IST

Updated : Jan 5, 2021, 10:42 PM IST

रांची: योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ इंडिया की ओर से योगी परमहंस योगानंद का 128वां जन्मोत्सव ऑनलाइन मनाया गया. जन्मोत्सव कार्यक्रम में देश-विदेश के लाखों श्रद्धालु आनलाइन जुड़े. कार्यक्रमों का ऑनलाइन प्रसारण किया गया. इससे श्रद्धालुओं में खुशी का माहौल दिखा.

ये भी पढ़ें-कोरोना वैक्सीन को लेकर कोडरमा प्रशासन तैयार, सबसे पहले 3274 हेल्थ वर्कर्स को मिलेगी वैक्सीन

संस्था ने बताया कि परमहंस योगानंद का जन्म पांच जनवरी 1893 को गोरखपुर में बंगाली परिवार में हुआ था. उनका बचपन का नाम मुकुंद घोष था. परमहंस योगानंद ने योगदा सत्संग सोसाइटी की स्थापना वर्ष 1917 में की थी. बाद में उन्होंने वर्ष 1920 में अमेरिका के अपने शिष्यों और छात्रों के लिए योग प्रशिक्षण की शुरुआत की थी.

इस साल नहीं हुआ भंडारा

कोरोना के कारण इस साल जन्मोत्सव पर भंडारा आयोजित नहीं किया गया. इससे पहले हर साल रांची में आयोजित भंडारे में 10 हजार से भी ज्यादा लोग प्रसाद ग्रहण करते थे. एक भक्त ने बताया कि परमहंस योगानंद की उपस्थिति भक्तों को महसूस होती है. आज के दिन भक्त गुरुदेव से विशेष निकटता महसूस करते हैं. एक अन्य भक्त ने बताया कि एक बार अमेरिका के धार्मिक उदारवादियों के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भारत के प्रतिनिधि के रूप में गुरु योगानंद को बुलाया गया था. वे गुरु के पास आज्ञा लेने गए तो गुरु स्वामी श्रीयुक्तेश्वर गिरि ने उन्हें अमेरिका जाने के लिए आशीर्वाद दिया और कहा- “तुम ही वह हो जिसे मैंने पाश्चात्य जगत में क्रियायोग के प्रसार करने के लिए चुना है.

अमेरिका में की थी फेलोशिप की स्थापना
अमेरिका में योगानंद ने दैनिक ध्यान, विशेष रूप से क्रिया योग के प्रचार- प्रसार के लिए सेल्फ- रियलाइजेशन फेलोशिप की स्थापना की थी. यह क्रिया योग विज्ञान महर्षि पतंजलि के अष्टांग योग पर आधारित है. एक भक्त ने बताया कि इसकी मदद से प्राण- शक्ति पर नियंत्रण और अनावश्यक इच्छाओं के त्याग द्वारा भक्त बाहरी दुनिया के सभी संवेदी विकर्षणों को पार कर जाता है.

रांची: योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ इंडिया की ओर से योगी परमहंस योगानंद का 128वां जन्मोत्सव ऑनलाइन मनाया गया. जन्मोत्सव कार्यक्रम में देश-विदेश के लाखों श्रद्धालु आनलाइन जुड़े. कार्यक्रमों का ऑनलाइन प्रसारण किया गया. इससे श्रद्धालुओं में खुशी का माहौल दिखा.

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संस्था ने बताया कि परमहंस योगानंद का जन्म पांच जनवरी 1893 को गोरखपुर में बंगाली परिवार में हुआ था. उनका बचपन का नाम मुकुंद घोष था. परमहंस योगानंद ने योगदा सत्संग सोसाइटी की स्थापना वर्ष 1917 में की थी. बाद में उन्होंने वर्ष 1920 में अमेरिका के अपने शिष्यों और छात्रों के लिए योग प्रशिक्षण की शुरुआत की थी.

इस साल नहीं हुआ भंडारा

कोरोना के कारण इस साल जन्मोत्सव पर भंडारा आयोजित नहीं किया गया. इससे पहले हर साल रांची में आयोजित भंडारे में 10 हजार से भी ज्यादा लोग प्रसाद ग्रहण करते थे. एक भक्त ने बताया कि परमहंस योगानंद की उपस्थिति भक्तों को महसूस होती है. आज के दिन भक्त गुरुदेव से विशेष निकटता महसूस करते हैं. एक अन्य भक्त ने बताया कि एक बार अमेरिका के धार्मिक उदारवादियों के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भारत के प्रतिनिधि के रूप में गुरु योगानंद को बुलाया गया था. वे गुरु के पास आज्ञा लेने गए तो गुरु स्वामी श्रीयुक्तेश्वर गिरि ने उन्हें अमेरिका जाने के लिए आशीर्वाद दिया और कहा- “तुम ही वह हो जिसे मैंने पाश्चात्य जगत में क्रियायोग के प्रसार करने के लिए चुना है.

अमेरिका में की थी फेलोशिप की स्थापना
अमेरिका में योगानंद ने दैनिक ध्यान, विशेष रूप से क्रिया योग के प्रचार- प्रसार के लिए सेल्फ- रियलाइजेशन फेलोशिप की स्थापना की थी. यह क्रिया योग विज्ञान महर्षि पतंजलि के अष्टांग योग पर आधारित है. एक भक्त ने बताया कि इसकी मदद से प्राण- शक्ति पर नियंत्रण और अनावश्यक इच्छाओं के त्याग द्वारा भक्त बाहरी दुनिया के सभी संवेदी विकर्षणों को पार कर जाता है.

Last Updated : Jan 5, 2021, 10:42 PM IST
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