रांची: झारखंड के शहरों में आधारभूत संरचना के विकास के लिए तैयार योजनाओं में पहली योजना 'झारखंड अर्बन वाटर सप्लाई इम्प्रूवमेंट प्रोजेक्ट' को एशियन डेवलपमेंट बैंक का ग्रिन सिग्नल मिल गया है. अब ये योजना जल्द धरातल पर शुरु होगी. शुक्रवार को राज्य सरकार के नगर विकास विकास एवं आवास विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे की अध्यक्षता में भारत सरकार, राज्य सरकार और एशियन डेवलपमेंट बैंक के बीच त्रिस्तरीय लोन निगोशिएशन पर अंतिम मुहर लगी और तीनों के बीच टर्म कंडीशन्स पर भी सहमति बनी.
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क्या है पूरी योजना?
झारखंड अर्बन वाटर सप्लाई इम्प्रूवमेंट प्रोजेक्ट के तहत हर घर में टैप के माध्यम से जलापूर्ति के लिए बनी योजना को पूरा किया जाएगा. जिसके तहत राजधानी रांची, मेदनीनगर, झुमरीतिलैया और हुसैनाबाद शहर के हर घर में टैप के माध्यम से पानी की आपूर्ति की जाएगी. बता दें की राज्य सरकार और एशियन डेवलपमेंट बैंक के संयुक्त सहयोग से राज्य के शहरों में कुल 654 मिलियन डॉलर यानी लगभग 4700 करोड़ रुपया की योजनाओं को पूरा किया जाना है. जिसके अतर्गत सभी प्रकार के शहरी आधारभूत संरचना का विकास होगा.
1200 करोड़ रुपए होंगे खर्च
झारखंड अर्बन वाटर सप्लाई इम्प्रूवमेंट प्रोजेक्ट' पहली योजना है, जिसकी कुल लागत 160 मिलियन डॉलर यानी लगभग 1200 करोड़ रुपया है. इस परियजना को तैयार करने का काम राज्य सरकार की ओर से पिछले डेढ साल से चल रहा था, सबसे अच्छी बात यह है कि इस परियोजना से जुड़े कार्य इसी वर्ष शुरु हो जाएंगे. परियोजना की कुल लागत का 70 प्रतिशत राशि एशियन डेवलपमेंट बैंक और 30 प्रतिशत राशि राज्य सरकार के हिस्से से खर्च होगी. अनुमान के मुताबिक इस प्रोजेक्ट में एडीबी कुल 840 करोड़ रुपया खर्च करेगा. वहीं राज्य सरकार 360 करोड़ रुपया खर्च करेगी.
योजना से कई जिलों को होगा फायदा
झारखंड अर्बन वाटर सप्लाई इम्प्रूवमेंट प्रोजेक्ट' के तहत रांची, झुमरीतिलैया, मेदनीननगर और हुसैनाबाद में जलापूर्ति योजनाओं के आधारभूत संरचना का विकास तो होगा ही सूबे के सभी 50 नगर निकायों में भी सुधार पर काम किया जाएगा. सरकार की योजनाओं के सफलता पूर्वक संचालन के लिए कर्मियों को भी प्रशिक्षित किया जाएगा.
मीटिंग में शामिल होने वाले अधिकारी
त्रिपक्षीय निगोशिएशन के मौके पर राज्य सरकार की ओर से नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे, राज्य शहरी विकास अभिकरण के निदेशक अमित कुमार, जुडको के उप परियोजना निदेशक उत्कर्ष मिश्रा मौजूद रहे. वहीं भारत सरकार की ओर से वित्त मंत्रालय अतर्गत आर्थिक कार्य विभाग की निदेशक जुही मुखर्जी, अवर सचिव डॉ व्योमेस पंत और राजेश पंत मौजूद रहे. एशियन डेवलपमेंट बैंक की ओर से मिशन लीडर संजय जोशी, को-मिशन लीडर विवेक विशाल और कई दूसरे अधिकारी मौजूद रहे.