रांची: झारखंड विधानसभा के नवनिर्वाचित विधायकों के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया है. बुधवार को प्रशिक्षण के दूसरे और अंतिम दिन राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश सिंह ने सदन को संबोधित किया और नवनिर्वाचित विधायकों को उनके दायित्वों के बारे में बताया.
प्रशिक्षण के अंतिम दिन उपसभापति हरिवंश ने कहा कि राज्य के लिए कानून बनाना विधायिका का पहला दायित्व है. कानून को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए देश और परिस्थिति के अनुकूल नीति बनाने भी बेहद जरूरी है. विधायकों को विषय के विशेषज्ञों को साथ रहना चाहिए ताकि उन्हें कब कौन सा कानून बनाना है मालूम पड़ जाए और समय पर कानून बनाया जा सके. झारखंड विधानसभा के विधायकों के दो दिवसीय प्रबोधन और प्रशिक्षण के अंतिम दिन उन्होंने कहा कि समय समय पर पुराने कानून की समीक्षा भी करनी चाहिए. इसके लिए बहस होनी जरूरी है.
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उपसभापति ने कहा कि विधानसभा में नए कानून के लिए बहस से दिशा मिलती है. उन्होंने कहा कि विधायकों को यह समझना चाहिए कि देश वैसे ही चलता है जैसे परिवार. एक परिवार के भरण पोषण के लिए आमदनी बहुत जरूरी होती है. आमदनी के आधार पर ही भविष्य तय होती है. इसलिए विधायकों को राज्य की आय को बढ़ाने पर जोर देना चाहिए. अबुआ झारखंड का नया इतिहास लिखने का अच्छा अवसर विधायकों को मिला है. उन्होंने प्रशिक्षण को प्रभावी व्यक्तित्व के लिए बेहद जरूरी बताया. साथ ही उन्होंने झारखंड में विधायकों के लिए जयपाल सिंह मुंडा के नाम से प्रशिक्षण संस्थान खोलने की मांग की. विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने कहा कि इस पर विचार किया जाएगा.