रांची: पोषण सखियों ने पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत शनिवार को विधानसभा के पास प्रदर्शन किया. हालांकि पुलिस ने इसके लिए पहले से तैयारी की थी. पोषण सखियां जैसे ही विधानसभा की तरफ बढ़ने लगीं उन्हें बीच में ही रोक लिया गया. इस दौरान कई पोषण सखियों ने जबरन बैरिकेड को पार करने की कोशिश की, जिससे धक्का मुक्की जैसी स्थिति बन गई. पोषण सखियां अपनी कई मांगों को लेकर पिछले कई दिनों से लगातार प्रदर्शन कर रहीं हैं.
पोषण सखियों का कहना है कि वे लोग पिछले कई सालों से आंगनबाड़ी केंद्र में महज दो हजार रुपए में काम कर रही थीं, लेकिन 2022 में सरकार ने उनकी ये नौकरी छीन ली, जिसकी वजह से वे सड़क पर आ गईं हैं. उनका कहना है कि नौकरी नहीं होने के कारण उनके सामने भुखमरी जैसी स्थिति है. जिस वजह से छह जिलों में कार्यरत सभी पोषण सखी पिछले एक साल से विरोध प्रदर्शन कर रहीं हैं, लेकिन सरकार उनकी समस्या पर ध्यान नहीं दे रही है.
प्रदर्शन में शामिल पोषण सखी डिंपल चौबे बताती हैं कि वे अपने घर परिवार को छोड़कर सिर्फ तीन हजार की नौकरी पाने के लिए सड़क पर हैं, लेकिन सरकार को इस से कोई मतलब नहीं हैं. वहीं, सुषमा बताती हैं कि अगर सरकार बजट सत्र के दौरान हमारी समस्याओं के समाधान पर विचार नहीं करती है और कोई निर्णय नहीं लेती है, तो उनका प्रदर्शन और भी उग्र होगा और इसकी जिम्मेदार सिर्फ सरकार होगी.
राज्य के छह जिलों में कुपोषण को कम करने के लिए पोषण सखियों को नियुक्त किया गया था. कई वर्षों तक काम करने के बाद सरकार ने अचानक सभी पोषण सखियों को नौकरी से हटा दिया. जिसको लेकर बजट सत्र के दौरान पोषण सखियां राजधानी में पिछले कई दिनों से प्रदर्शन पर बैठी हैं, ताकि उनकी मांगे पर सरकार विचार करें और उनकी खोई नौकरी भी वापस हो सके.