रांची: झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के बैनर तले अलग-अलग जिलों से सैकड़ों आंदोलनकारी शनिवार को रांची पहुंचे. ये आंदोलनकारी अपनी मांगों को लेकर सीएम आवास घेरने के इरादे से यहां पहुंचे थे, हालांकि रांची पुलिस ने मोरहाबादी मैदान में ही सभी को रोक दिया. इस पर मोरहाबादी मैदान में पुलिस के सामने आंदोलनकारियों ने प्रदर्शन किया. लगभग 3 घंटे तक पुलिस और आंदोलनकारी एक दूसरे के सामने डटे रहे. बाद में रांची डीसी के साथ वार्ता हुई, इसके बाद आंदोलनकारी वापस लौटने को तैयार हुए.
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डीसी को सोंपा मांग पत्र
बता दें कि फिलहाल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राजधानी में नहीं है. इस बीच यहां पहुंचे आंदोलनकारियों को अधिकारियों ने समझाया कि रांची डीसी को ज्ञापन सौंप दें. अधिकारियों ने तय समय पर मुख्यमंत्री से उनकी बातचीत कराकर समाधान निकलवाने का भरोसा दिया. इस पर आंदोलनकारी रांची डीसी छवि रंजन को मांगपत्र सौंपने और वापस लौटने को तैयार हुए. आंदोलनकारियों का कहना है कि अगर जल्द ही उनकी मांगे नहीं मानी जातीं तो वह 29 दिसंबर को झारखंड बंद का ऐलान करेंगे.
इसके साथ ही आंदोलनकारियों ने झारखंड राज्य आवास बोर्ड की कॉलोनियों में मकान आवंटित करने की भी मांग की है. आंदोलनकारियों को राज्य एवं सभी जिलों के परिषदों में निशुल्क रहने की सुविधा प्रदान करने, साथ ही मुफ्त यात्रा पास भी जारी करने की भी मांग की है.
इनको मिलती है पेंशन
वर्तमान समय में झारखंड सरकार अलग राज्य के लिए आंदोलन करने वाले ऐसे लोगों को झारखंड आंदोलनकारी पेंशन दे रही है, जो उस दौरान कम से कम तीन महीने जेल में रहे थे. छह माह से ज्यादा समय जेल में रहने वाले आंदोलनकारियों को 5000 रुपये प्रतिमाह पेंशन देने का प्रावधान किया गया है. वहीं छह माह से कम और तीन महीने से ज्यादा दिनों तक जेल में रहने वाले आंदोलनकारियों को 3000 रुपये प्रतिमाह पेंशन देने का प्रावधान है.
झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा सरकार की इस व्यवस्था को आंदोलनकारियों का अपमान बता रहा है. आंदोलनकारियों की मांग है कि झारखंड आंदोलनकारी पेंशन के लिए जेल जाने की शर्त को खत्म किया जाए.