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झारखंड विधानसभा में झाल-मंजीरा बजाने वाले बीजेपी विधायकों पर कार्रवाई करें स्पीकर: जेएमएम - BJP MLAs

झारखंड विधानसभा में बीजेपी विधायकों की ओर से झाल-मंजीरा बजाकर हंगामा किया गया. जेएमएम ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए स्पीकर से कार्रवाई की मांग की है.

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झारखंड विधानसभा में झाल-मंजीरा बजाने वाले बीजेपी विधायकों पर जेएमएम ने की कार्रवाई की मांग
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Published : Sep 6, 2021, 9:50 PM IST

रांचीः झारखंड विधानसभा में अलग से नमाज कक्ष दिए जाने का मुद्दा शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. मानसून सत्र के दूसरे दिन विधानसभा के बाहर और भीतर बीजेपी विधायकों की ओर से झाल मंजीरा लेकर कीर्तन किया गया. इस हंगामा को झारखंड मुक्ति मोर्चा ने दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए स्पीकर से बीजेपी विधायकों पर कार्रवाई की मांग की है. जेएमएम महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बीजेपी जनता के मद्दों से भटकाना चाहती है.

यह भी पढ़ेंःनमाज विवाद पर सीएम का बीजेपी पर तंज, मन में राक्षस है तो सभी दिखेंगे दुश्मन


जनता ने बीजेपी को झाल बजाने लायक ही छोड़ा

झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि विधानसभा में झाल बजाते भाजपा विधायकों को देखा, तो 2019 के विधानसभा चुनाव का नतीजा याद आ गया. उन्होंने कहा कि राज्य की जनता ने बीजेपी को झाल बजाने के लायक ही छोड़ा है.

क्या कहते हैं जेएमएम नेता

पहले से है नमाज पढ़ने की व्यवस्था

सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा कि मानसून सत्र के दौरान सार्थक बहस के बदले बीजेपी की ओर से हंगामा किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार की लोक कल्याणकारी उपलब्धियों पर चर्चा नहीं हो. इसलिए ध्यान भटकाने का बीजेपी षड्यंत्र कर रही है. सुप्रियो ने कहा कि सदन में मुख्यमंत्री को विधायकों के सवाल का जवाब देना था. इसमें सत्ता और विपक्ष दोनों जनहित से जुड़े सवाल करते, जिसपर मुख्यमंत्री जवाब देते. लेकिन बीजेपी मानसून सत्र के महत्वपूर्ण समय को बर्बाद कर रही है.

15वें वित्त आयोग की अनुशंसा के अनुसार राशि की मांग

नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-चार के आंकड़े का हवाला देते हुए सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि राज्य में जन्म लेने वाले 50 प्रतिशत से ज्यादा शिशु कुपोषित होते हैं. 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा के बावजूद भारत सरकार ने राज्य को कुपोषण से लड़ने के लिए उसके हक की राशि नहीं दे रही है. सुप्रियो ने कहा कि 15वें वित्त आयोग ने 7,735 करोड़ रुपये राज्यों में वितरण करने की अनुशंसा की. इसके साथ ही झारखंड की विकट स्थिति को देखते हुए अलग से 314 करोड़ रुपए देने की बात 15वें वित्त आयोग में की गई है. यह राशि केंद्र सरकार नहीं दे रही है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कुपोषण दूर करने के लिए 15 वें वित्त आयोग की अनुशंसा के अनुसार बकाया राशि देने की मांग की है.

रांचीः झारखंड विधानसभा में अलग से नमाज कक्ष दिए जाने का मुद्दा शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. मानसून सत्र के दूसरे दिन विधानसभा के बाहर और भीतर बीजेपी विधायकों की ओर से झाल मंजीरा लेकर कीर्तन किया गया. इस हंगामा को झारखंड मुक्ति मोर्चा ने दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए स्पीकर से बीजेपी विधायकों पर कार्रवाई की मांग की है. जेएमएम महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बीजेपी जनता के मद्दों से भटकाना चाहती है.

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जनता ने बीजेपी को झाल बजाने लायक ही छोड़ा

झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि विधानसभा में झाल बजाते भाजपा विधायकों को देखा, तो 2019 के विधानसभा चुनाव का नतीजा याद आ गया. उन्होंने कहा कि राज्य की जनता ने बीजेपी को झाल बजाने के लायक ही छोड़ा है.

क्या कहते हैं जेएमएम नेता

पहले से है नमाज पढ़ने की व्यवस्था

सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा कि मानसून सत्र के दौरान सार्थक बहस के बदले बीजेपी की ओर से हंगामा किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार की लोक कल्याणकारी उपलब्धियों पर चर्चा नहीं हो. इसलिए ध्यान भटकाने का बीजेपी षड्यंत्र कर रही है. सुप्रियो ने कहा कि सदन में मुख्यमंत्री को विधायकों के सवाल का जवाब देना था. इसमें सत्ता और विपक्ष दोनों जनहित से जुड़े सवाल करते, जिसपर मुख्यमंत्री जवाब देते. लेकिन बीजेपी मानसून सत्र के महत्वपूर्ण समय को बर्बाद कर रही है.

15वें वित्त आयोग की अनुशंसा के अनुसार राशि की मांग

नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-चार के आंकड़े का हवाला देते हुए सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि राज्य में जन्म लेने वाले 50 प्रतिशत से ज्यादा शिशु कुपोषित होते हैं. 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा के बावजूद भारत सरकार ने राज्य को कुपोषण से लड़ने के लिए उसके हक की राशि नहीं दे रही है. सुप्रियो ने कहा कि 15वें वित्त आयोग ने 7,735 करोड़ रुपये राज्यों में वितरण करने की अनुशंसा की. इसके साथ ही झारखंड की विकट स्थिति को देखते हुए अलग से 314 करोड़ रुपए देने की बात 15वें वित्त आयोग में की गई है. यह राशि केंद्र सरकार नहीं दे रही है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कुपोषण दूर करने के लिए 15 वें वित्त आयोग की अनुशंसा के अनुसार बकाया राशि देने की मांग की है.

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