रांची: नई होल्डिंग टैक्स (New Holding Tax) व्यवस्था का मामला सदन में जोर-शोर से उठाया गया. निर्दलीय विधायक सरयू राय (MLA Saryu Rai) ने राज्य में लागू नई व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि इससे आम लोग परेशान हैं. आम लोगों को 10 गुना से अधिक संपत्ति कर देना पड़ रहा है, जबकि व्यावसायिक और वाणिज्यिक संपत्ति पर होल्डिंग टैक्स में जमीन आसमान का अंतर आ गया है. उन्होंने विभाग की ओर से सरकार को उपलब्ध कराए गए उत्तर को गुमराह करने वाला बताया और इस पर आश्चर्य जताते हुए सदन के माध्यम से सरकार को नई होल्डिंग टैक्स पर पुनर्विचार की मांग की.
प्रभारी मंत्री सत्यानंद भोक्ता (Minister Satyanand Bhokta) की ओर से दी गई जानकारी पर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने 15वें वित्त आयोग के तहत अमृत योजना में किए गए होल्डिंग टैक्स से संबंधित प्रावधानों को लागू करने की बाध्यता नहीं रखी है, बल्कि विभिन्न बिंदुओं का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि सरकार सभी पहलुओं पर विचार करके न्यूनतम दर पर प्रॉपर्टी टैक्स या होल्डिंग टैक्स तय करे.
इसपर प्रभारी मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने रटा रटाया जवाब दिया. उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री से बात कर रास्ता निकालेंगे. विधायक सरयू राय ने मंत्री के इस जवाब पर भी आपत्ति दर्ज करते हुए कहा कि विभाग को जवाब तैयार करने से पहले मुख्यमंत्री से चर्चा करनी चाहिए थी. सवाल पर संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर स्पीकर ने प्रभारी मंत्री को मुख्यमंत्री से वार्ता कर नई होल्डिंग टैक्स (New Holding Tax) पर पुनर्विचार के संबंध में निर्णय लेने की बात कही. आपको बता दें कि पांच साल पहले 2016 में निर्धारित होल्डिंग टैक्स को अब सर्किल रेट के आधार पर तय कर दिया गया है. इसकी वजह से आम लोगों की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ा है.