रांची: नए साल में झारखंड में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को लेकर स्टेट बार काउंसिल के अधिकारी सीएम हेमंत सोरेन से मिलेंगे. इस दौरान सरकार से प्रोटेक्शन एक्ट को लागू करने की मांग की जाएगी. बार काउंसिल के उपाध्यक्ष राजेश कुमार शुक्ल ने बताया कि इसको लेकर पिछले सरकार से ही प्रक्रिया चल रही है. दरअसल, पिछली सरकार में बार काउंसिल के प्रतिनिधि रघुवर दास से मिले थे और एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग की थी. उनकी मांग को देखते हुए तत्कालीन सरकार ने एक्ट की ड्राफ्ट कॉपी मांगी थी. इसके बाद इस पर सरकार की ओर से कार्रवाई शुरू कर दी गई, लेकिन नई सरकार बनने के बाद और कोरोना की स्थितियों को देखते हुए एक्ट को लेकर प्रक्रिया धीमी हो गई.
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बार काउंसिल के उपाध्यक्ष ने बताया कि करीब डेढ़ साल पहले से ही स्टेट बार काउंसिल राज्य में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग करते आ रहे हैं. नव वर्ष में सीएम हेमंत सोरेन से मिलकर इस प्रक्रिया को तेज करने की मांग की जाएगी ताकि एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को पारित कराया जाए. उन्होंने बताया कि हाल ही के दिनों में अधिवक्ताओं के खिलाफ मारपीट और हत्या जैसी घटनाएं बढ़ी हैं. कई अधिवक्ताओं की हत्या हुई हैं तो वहीं कई अधिवक्ताओं के साथ मारपीट की घटना भी हुई है. इसको रोकने के लिए एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट की जरूरत है. इस एक्ट के तहत अगर किसी अधिवक्ता के खिलाफ प्राथमिकी संहिता ने किसी भी प्रकार की कार्रवाई की जानी है तो इसके लिए सबसे पहले स्टेट बार काउंसिल से अनुमति लेनी होगी जैसा कि सरकारी विभागों में होता है. उपाध्यक्ष ने कहा कि मध्यप्रदेश की विधानसभा में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को पारित कर दिया गया है. उसी तर्ज पर झारखंड में भी एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग की जा रही है.