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HEC विस्थापित परिवारों को जमीन वापसी की सदन में उठी मांग, पक्ष-विपक्ष ने एक दूसरे पर किया वार-पलटवार

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Published : Mar 17, 2021, 9:05 PM IST

Updated : Mar 17, 2021, 10:31 PM IST

झारखंड विधानसभा बजट सत्र के 12वें दिन एचईसी विस्थापित परिवारों को जमीन वापसी के मामले को लेकर सदन के अंदर आवाज उठाई गई. कांग्रेस विधायक बंधु तिर्की ने सरकार की ओर से अधिकृत की गई जमीन रैयतों को वापस करने की मांग की.

Demand for return of land to HEC displaced families in Jharkhand Assembly
एचईसी विस्थापित परिवारों को जमीन वापसी की मांग

रांची: झारखंड विधानसभा बजट सत्र के 12वें दिन एचईसी विस्थापित परिवारों को जमीन वापसी के मामले को लेकर सदन के अंदर आवाज उठाई गई. कांग्रेस विधायक बंधु तिर्की ने सरकार की ओर से अधिकृत की गई जमीन रैयतों को वापस करने की की मांग की. तो वहीं, नवीन जायसवाल ने भी सरकार से एचईसी की ओर से अधिग्रहण की गई जमीन को वापस करने की मांग की गई.

बीजेपी और कांग्रेस विधायकों का बयान

ये भी पढ़ें-विधायक समरी लाल ने सदन में उठाई आवाज, 25 वर्षों से बंद पड़ी फैक्ट्री को खुलवाने की मांग

सदन में सरकार का ध्यान कराया गया आकृष्ट
बीजेपी विधायक नवीन जायसवाल ने कहा कि सदन के अंदर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा गया कि पिछले दिनों कांग्रेस पार्टी ने एक महारैली विस्थापितों के लिए किया था और लारा कानून लागू करने की मांग की थी, लेकिन सदन के अंदर भाषण में कुछ अलग वक्तव्य रहा. इसी को लेकर सदन का ध्यान आकर्षित कराया गया. उन्होंने कहा कि जो जमीन प्लांट लगाने के लिए एक्वॉयर की गई थी, वह खाली है. सरकार को उस जमीन को रैयतों को वापस करना चाहिए.

सरकार से जवाब जानने के लिए सदन में उठाई गई आवाज

नवीन जायसवाल ने कहा कि लारा कानून 2013 में आया था, जिसमें कहा गया है कि जिस पर्पस के लिए जमीन लिया गया है वह 5 साल में पूरा नहीं होता है तो वह जमीन रैयतों को वापस किया जाए. कांग्रेस विधायक बंधु तिर्की और राजेश कच्छप पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि वे लोग धरना पर भाषण देने गए थे या कुछ करने यही सरकार से जवाब जानने के लिए सदन में आवाज उठाई गई थी.

ये भी पढ़ें-विधानसभा के बजट सत्र में राजमहल पहाड़ी को बचाने की उठी मांग, अपने ही सरकार पर बरसे बंधु तिर्की

रैयतों को वापस मिलना चाहिए जमीन
इधर, बंधु तिर्की ने नवीन जायसवाल की ओर से दिए गए बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि यह मुद्दा कांग्रेस विधायक राजेश कश्यप की ओर से ही सदन के अंदर उठाया गया था. एचईसी कोई जमींदार नहीं है. सरकार ने एचईसी को जमीन अधिग्रहण करके दी थी, लेकिन अगर जमीन पर कोई कार्य एचईसी की ओर से नहीं चलाया जा रहा है तो वह जमीन रैयतों को वापस मिलना चाहिए. यही मुद्दा सदन के अंदर उठाया गया है. रैयत का जमीन जो 4 हजार 2 सौ में दिया गया था वह जमीन 12 करोड़ 13 करोड़ में एचईसी बेच रही है. यह रैयत के साथ मजाक हो रहा है, जो जमीन का मेन मालिक है, उसे जमीन वापस मिलना चाहिए.

रांची: झारखंड विधानसभा बजट सत्र के 12वें दिन एचईसी विस्थापित परिवारों को जमीन वापसी के मामले को लेकर सदन के अंदर आवाज उठाई गई. कांग्रेस विधायक बंधु तिर्की ने सरकार की ओर से अधिकृत की गई जमीन रैयतों को वापस करने की की मांग की. तो वहीं, नवीन जायसवाल ने भी सरकार से एचईसी की ओर से अधिग्रहण की गई जमीन को वापस करने की मांग की गई.

बीजेपी और कांग्रेस विधायकों का बयान

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सदन में सरकार का ध्यान कराया गया आकृष्ट
बीजेपी विधायक नवीन जायसवाल ने कहा कि सदन के अंदर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा गया कि पिछले दिनों कांग्रेस पार्टी ने एक महारैली विस्थापितों के लिए किया था और लारा कानून लागू करने की मांग की थी, लेकिन सदन के अंदर भाषण में कुछ अलग वक्तव्य रहा. इसी को लेकर सदन का ध्यान आकर्षित कराया गया. उन्होंने कहा कि जो जमीन प्लांट लगाने के लिए एक्वॉयर की गई थी, वह खाली है. सरकार को उस जमीन को रैयतों को वापस करना चाहिए.

सरकार से जवाब जानने के लिए सदन में उठाई गई आवाज

नवीन जायसवाल ने कहा कि लारा कानून 2013 में आया था, जिसमें कहा गया है कि जिस पर्पस के लिए जमीन लिया गया है वह 5 साल में पूरा नहीं होता है तो वह जमीन रैयतों को वापस किया जाए. कांग्रेस विधायक बंधु तिर्की और राजेश कच्छप पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि वे लोग धरना पर भाषण देने गए थे या कुछ करने यही सरकार से जवाब जानने के लिए सदन में आवाज उठाई गई थी.

ये भी पढ़ें-विधानसभा के बजट सत्र में राजमहल पहाड़ी को बचाने की उठी मांग, अपने ही सरकार पर बरसे बंधु तिर्की

रैयतों को वापस मिलना चाहिए जमीन
इधर, बंधु तिर्की ने नवीन जायसवाल की ओर से दिए गए बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि यह मुद्दा कांग्रेस विधायक राजेश कश्यप की ओर से ही सदन के अंदर उठाया गया था. एचईसी कोई जमींदार नहीं है. सरकार ने एचईसी को जमीन अधिग्रहण करके दी थी, लेकिन अगर जमीन पर कोई कार्य एचईसी की ओर से नहीं चलाया जा रहा है तो वह जमीन रैयतों को वापस मिलना चाहिए. यही मुद्दा सदन के अंदर उठाया गया है. रैयत का जमीन जो 4 हजार 2 सौ में दिया गया था वह जमीन 12 करोड़ 13 करोड़ में एचईसी बेच रही है. यह रैयत के साथ मजाक हो रहा है, जो जमीन का मेन मालिक है, उसे जमीन वापस मिलना चाहिए.

Last Updated : Mar 17, 2021, 10:31 PM IST
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