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साइबर अपराधियों के निशाने पर राज्य के कई डीसी, फेक आईडी बनाकर मांगे जा रहे हैं सहकर्मियों से पैसे

झारखंड में साइबर अपराध (Cyber crime in Jharkhand) के मामले बढ़ते जा रहे हैं. राज्य के कई डीसी अपराधियों के निशाने पर हैं. डीसी की फेक व्हाट्सएप आईडी बनाकर अपराधी उनके ही सहकर्मियों से पैसे मांग रहे हैं.

Demand for money by fake WhatsApp ID
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Published : Jun 25, 2022, 3:29 PM IST

रांची: झारखंड में साइबर अपराधी आम हो या खास सब को चूना लगाने के लिए बेहद एक्टिव रहते हैं. झारखंड के कई आईएएस अधिकारियों के नाम की फेक आईडी बनाकर उनके ही सहकर्मियों से पैसों की डिमांड की जा रही है. शनिवार को रांची और पश्चिमी सिंहभूम डीसी की फेक व्हाट्सएप आईडी बनाकर पैसों की डिमांड की गई है जिसके बाद दोनों ही आईएएस अधिकारियों ने मामले को लेकर आम लोगों और अपने सहकर्मियों को अलर्ट किया है.

इसे भी पढ़ें: जामताड़ा में सात साइबर अपराधी गिरफ्तार, दो बाइक और 13 सिमकार्ड बरामद


डीसी छवि रंजन और डीसी अनन्य मित्तल के नाम मांगी गई रकम: रांची डीसी के फोटो लगे व्हाट्सएप अकाउंट से उनके ही एक सहकर्मी से पैसे की डिमांड की गई. डीसी के फोटो लगे अकाउंट से साइबर अपराधियों के द्वारा मीटिंग में बिजी रहने का हवाला देकर ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करने को कहा गया था. हालांकि डीसी के सहकर्मी को साइबर अपराधियों की चाल समझ में आ गई जिसके बाद उसने आनन-फानन में रांची डीसी को पूरे मामले की जानकारी दी और उन्हें साइबर अपराधियों द्वारा भेजे गए मैसेज का स्क्रीन शॉट भी उपलब्ध करवाया.

डीसी ने लोगों को किया अलर्ट: जैसे ही रांची डीसी को पूरे मामले की जानकारी मिली उन्होंने तुरंत रांची एसपी को फोन कर पूरे मामले की जानकारी दी जिसके बाद साइबर थाना की टीम मामले की तफ्तीश कर रही है. डीसी की तरफ से एक बयान भी जारी किया गया है जिसमें यह लिखा गया है कि रांची के जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त छवि रंजन के नाम से फेक व्हाट्सएप आईडी बनाई गई है. इस पर व्हाट्सएप आईडी से लोगों को गुमराह किया जा रहा है. डीसी छवि रंजन ने लोगों से अपील की है कि अगर इस फेक आईडी से आपसे संपर्क किया जाता है तो किसी भी तरह के झांसे में ना आए और ना ही किसी तरह से पैसे का भुगतान करें. कुछ ऐसा ही मामला पश्चिमी सिंहभूम डीसी अनन्य मित्तल के साथ भी आया है. डीसी अनन्य मित्तल ने भी चाईबासा एसपी को पूरे मामले की जानकारी दी और इस मामले में शामिल साइबर अपराधियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने का निर्देश दिया.

रांची: झारखंड में साइबर अपराधी आम हो या खास सब को चूना लगाने के लिए बेहद एक्टिव रहते हैं. झारखंड के कई आईएएस अधिकारियों के नाम की फेक आईडी बनाकर उनके ही सहकर्मियों से पैसों की डिमांड की जा रही है. शनिवार को रांची और पश्चिमी सिंहभूम डीसी की फेक व्हाट्सएप आईडी बनाकर पैसों की डिमांड की गई है जिसके बाद दोनों ही आईएएस अधिकारियों ने मामले को लेकर आम लोगों और अपने सहकर्मियों को अलर्ट किया है.

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डीसी छवि रंजन और डीसी अनन्य मित्तल के नाम मांगी गई रकम: रांची डीसी के फोटो लगे व्हाट्सएप अकाउंट से उनके ही एक सहकर्मी से पैसे की डिमांड की गई. डीसी के फोटो लगे अकाउंट से साइबर अपराधियों के द्वारा मीटिंग में बिजी रहने का हवाला देकर ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करने को कहा गया था. हालांकि डीसी के सहकर्मी को साइबर अपराधियों की चाल समझ में आ गई जिसके बाद उसने आनन-फानन में रांची डीसी को पूरे मामले की जानकारी दी और उन्हें साइबर अपराधियों द्वारा भेजे गए मैसेज का स्क्रीन शॉट भी उपलब्ध करवाया.

डीसी ने लोगों को किया अलर्ट: जैसे ही रांची डीसी को पूरे मामले की जानकारी मिली उन्होंने तुरंत रांची एसपी को फोन कर पूरे मामले की जानकारी दी जिसके बाद साइबर थाना की टीम मामले की तफ्तीश कर रही है. डीसी की तरफ से एक बयान भी जारी किया गया है जिसमें यह लिखा गया है कि रांची के जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त छवि रंजन के नाम से फेक व्हाट्सएप आईडी बनाई गई है. इस पर व्हाट्सएप आईडी से लोगों को गुमराह किया जा रहा है. डीसी छवि रंजन ने लोगों से अपील की है कि अगर इस फेक आईडी से आपसे संपर्क किया जाता है तो किसी भी तरह के झांसे में ना आए और ना ही किसी तरह से पैसे का भुगतान करें. कुछ ऐसा ही मामला पश्चिमी सिंहभूम डीसी अनन्य मित्तल के साथ भी आया है. डीसी अनन्य मित्तल ने भी चाईबासा एसपी को पूरे मामले की जानकारी दी और इस मामले में शामिल साइबर अपराधियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने का निर्देश दिया.

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