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जपला सीमेंट फैक्ट्री की भूमि बचाने की कोशिश, प्रतिनिधिमंडल ने रामेश्वर उरांव और आलमगीर आलम से की मुलाकात

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Published : Feb 25, 2021, 7:30 PM IST

रांची के जपला सीमेंट फैक्ट्री भूमि बचाओ समिति का प्रतिनिधिमंडल गुरुवाकर को वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव और ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम से प्रोजेक्ट भवन में मुलाकात की. प्रतिनिधिमंडल ने जपला सीमेंट फैक्ट्री की भूमि को एक्वायर करने के लिए सरकार को पहल करने का अनुरोध किया. दोनों मंत्री ने यह आश्वासन दिया कि मुख्यमंत्री से इस संदर्भ में बात कर लीगल तरीका अपनाया जाएगा.

प्रोजेक्ट भवन में
मंत्री से जपला सीमेंट फैक्ट्री भूमि बचाओ समिति का प्रतिनिधिमंडल

रांचीः जपला सीमेंट फैक्ट्री भूमि बचाओ समिति के प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव और ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम से प्रोजेक्ट भवन में मुलाकात की. प्रतिनिधिमंडल ने जपला सीमेंट फैक्ट्री की भूमि को एक्वायर करने के लिए सरकार से पहल करने का अनुरोध किया. दोनों मंत्री ने यह आश्वासन दिया कि मुख्यमंत्री से इस संदर्भ में बात कर लीगल तरीका अपनाया जायेगा.


प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि जिस भूमि पर सीमेंट कारखाना था, उस भूमि को 99 साल का लीज बैरिस्टर हसन इमाम और उनके परिवार के लोगों ने 'सुन वैली पोर्टलैंड सीमेंट लिमिटेड' के नाम किया था. सीमेंट कारखाना के स्क्रैप भी बिक चुके हैं. अब फैक्ट्री की भूमि पर भूमाफियाओं की नजर है.

यह भी पढ़ेंःकांग्रेस विधायक दल की बैठक में कई विधायक दिखे नाराज, प्रदेश अध्यक्ष ने समस्याओं के समाधान का दिया आश्वासन

पहले भी लगा चुके हैं गुहार

जपला सीमेंट फैक्ट्री भूमि बचाओ समिति के संरक्षक सह झारखंड कांग्रेस के प्रवक्ता डॉ एम तौसीफ ने कहा कि भूमि बचाओ समिति पहले भी फैक्ट्री की भूमि को एक्वायर कराने के लिए सरकार से गुहार लगा चुकी है. गुरुवार को सरकार के मंत्रियों के साथ प्रतिनिधिमंडल मिला और बिंदुवार अपनी बातों को रखा है. उन्होंने कहा है कि फैक्ट्री की लगभग डेढ़ सौ एकड़ जमीन को सरकार एक्वायर करती है और सहूलियत के हिसाब से सरकार उद्योगपतियों को देती है, तो नये उद्योग लगेंगे. इससे बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार भी मिलेगा.

जमीन पर है भूमाफियाओं की नजर
प्रतिनिधिमंडल में बैरिस्टर हसन इमाम के परपोते गुस्तम इमाम ने भी अपनी बात को मंत्रियों के सामने रखा. गुस्तम इमाम ने आरोप लगाते हुए कहा कि फैक्ट्री के तत्कालीन मालिक और बैंक के अधिकारी षड्यंत्र रच कर भूमि को भूमाफिया के साथ लूटना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि उनके पूर्वजों ने हुसैनाबाद जपला के लोगों के विकास के लिए निस्वार्थ भाव से लीज पर दिया था. प्रतिनिधिमंडल की बात सुनने के बाद दोनों मंत्रियों ने यह आश्वासन दिया कि मुख्यमंत्री से इस संदर्भ में बात कर लीगल तरीका अपनाया जायेगा, ताकि जमीन को एक्वायर किया जा सके और उस भूमि पर नया उद्योग लगाया जा सके.

रांचीः जपला सीमेंट फैक्ट्री भूमि बचाओ समिति के प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव और ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम से प्रोजेक्ट भवन में मुलाकात की. प्रतिनिधिमंडल ने जपला सीमेंट फैक्ट्री की भूमि को एक्वायर करने के लिए सरकार से पहल करने का अनुरोध किया. दोनों मंत्री ने यह आश्वासन दिया कि मुख्यमंत्री से इस संदर्भ में बात कर लीगल तरीका अपनाया जायेगा.


प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि जिस भूमि पर सीमेंट कारखाना था, उस भूमि को 99 साल का लीज बैरिस्टर हसन इमाम और उनके परिवार के लोगों ने 'सुन वैली पोर्टलैंड सीमेंट लिमिटेड' के नाम किया था. सीमेंट कारखाना के स्क्रैप भी बिक चुके हैं. अब फैक्ट्री की भूमि पर भूमाफियाओं की नजर है.

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पहले भी लगा चुके हैं गुहार

जपला सीमेंट फैक्ट्री भूमि बचाओ समिति के संरक्षक सह झारखंड कांग्रेस के प्रवक्ता डॉ एम तौसीफ ने कहा कि भूमि बचाओ समिति पहले भी फैक्ट्री की भूमि को एक्वायर कराने के लिए सरकार से गुहार लगा चुकी है. गुरुवार को सरकार के मंत्रियों के साथ प्रतिनिधिमंडल मिला और बिंदुवार अपनी बातों को रखा है. उन्होंने कहा है कि फैक्ट्री की लगभग डेढ़ सौ एकड़ जमीन को सरकार एक्वायर करती है और सहूलियत के हिसाब से सरकार उद्योगपतियों को देती है, तो नये उद्योग लगेंगे. इससे बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार भी मिलेगा.

जमीन पर है भूमाफियाओं की नजर
प्रतिनिधिमंडल में बैरिस्टर हसन इमाम के परपोते गुस्तम इमाम ने भी अपनी बात को मंत्रियों के सामने रखा. गुस्तम इमाम ने आरोप लगाते हुए कहा कि फैक्ट्री के तत्कालीन मालिक और बैंक के अधिकारी षड्यंत्र रच कर भूमि को भूमाफिया के साथ लूटना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि उनके पूर्वजों ने हुसैनाबाद जपला के लोगों के विकास के लिए निस्वार्थ भाव से लीज पर दिया था. प्रतिनिधिमंडल की बात सुनने के बाद दोनों मंत्रियों ने यह आश्वासन दिया कि मुख्यमंत्री से इस संदर्भ में बात कर लीगल तरीका अपनाया जायेगा, ताकि जमीन को एक्वायर किया जा सके और उस भूमि पर नया उद्योग लगाया जा सके.

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