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भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से की मुलाकात, बिगड़ती विधि-व्यवस्था और विधायकों के निलंबन को लेकर की शिकायत

Delegation of BJP MLA reached Raj Bhavan. राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से भाजपा विधायकों का प्रतिनिधिमंडल राजभवन में मिला. उन्होंने राज्यपाल से राज्य की बिगड़ती विधि-व्यवस्था और भाजपा के तीन विधायकों के शीत सत्र से निलंबन मामले को लेकर शिकायत की.

delegation of BJP MLA reached Raj Bhavan
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 19, 2023, 4:58 PM IST

Updated : Dec 19, 2023, 7:59 PM IST

राज्यपाल से मुलाकात की जानकारी देते बीजेपी विधायक

रांचीः पांचवीं विधानसभा के आखिरी शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन तीन विधायकों के निलंबन मामले को लेकर भाजपा के सभी विधायक राजभवन पहुंचे. मंगलवार को सत्र के दौरान विधानसभा अध्यक्ष के द्वारा विधायक बिरंची नारायण, विधायक भानु प्रताप शाही और विधायक जयप्रकाश भाई पटेल को निलंबन किए जाने को लेकर भाजपा विधायकों ने खूब विरोध जताया.

भाजपा विधायकों के निलंबन के बाद देर शाम बाबूलाल मरांडी और अमर बाउरी के नेतृत्व में बीजेपी के कई विधायक राजभवन पहुंचे. लगभग एक घंटे तक राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात के बाद राजभवन से बाहर निकले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य में जिस तरह से विधि व्यवस्था चरमरा गई है, उन सभी मुद्दों को लेकर राज्यपाल को अवगत कराया गया. उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके द्वारा जिस तरह से कानून को ठेंगा दिखाया जा रहा है. ऐसे में राज्य के अपराधियों और असामाजिक तत्वों का मनोबल और भी ऊंचा होगा. जिसके बाद राज्य की विधि व्यवस्था और भी खराब होगी.

  • प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री बाबूलाल मरांडी जी के नेतृत्व में भाजपा विधायकों ने महामहिम राज्यपाल महोदय को ज्ञापन सौंप कर राज्य में उत्पन्न संवैधानिक संकट, लचर विधि व्यवस्था एवं भ्रष्टाचार के संबंध में अवगत कराया l@BJP4India @narendramodi @JPNadda @AmitShah @blsanthoshpic.twitter.com/STLAsvBEvc

    — Office of Babulal Marandi (@babulalmarandi) December 19, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

वहीं उन्होंने कहा कि जिस तरह से विधानसभा अध्यक्ष ने भाजपा के तीन विधायकों को विधानसभा के शीतकालीन सत्र से निलंबित किया है, वह गलत है. उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के निर्णय को देखकर ऐसा लग रहा था कि मानो वह पहले से ही सोच कर आए थे कि भाजपा के विधायकों को निलंबित करना है. वहीं नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के द्वारा भाजपा के विधायकों पर की गई कार्रवाई कहीं से भी जायज नहीं है. भाजपा के विधायक कार्य स्थगन प्रस्ताव को पढ़ना चाहते थे लेकिन इसकी अनुमति विधानसभा अध्यक्ष के द्वारा नहीं दी गई.

उन्होंने कहा कि भाजपा के विधायक यह चाहते थे कि कार्य स्थगन प्रस्ताव को पढ़ दिया जाए ताकि लाखों लोग जो विभिन्न मांगों को लेकर सड़क पर हैं उनकी बातें विधानसभा के शीतकालीन सत्र में रिकॉर्ड हो सके. वहीं राजमहल विधानसभा से भाजपा विधायक अनंत ओझा ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष, विधानसभा में सर्वमान्य हैं. उनके द्वारा जो भी निर्णय लिया जाता है उसे मानना विधायकों का कर्तव्य है लेकिन जिस तरह से आज भाजपा के विधायकों को अध्यक्ष द्वारा निलंबित किया गया है उस पर कहीं ना कहीं कई सवाल खड़े हो रहे हैं.

वहीं निलंबित किए गए विधायकों की सूची में शामिल बोकारो से विधायक बिरंची नारायण ने बताया कि यदि विपक्ष यह कहता है कि लोकसभा में सांसदों को निलंबित किया गया है, उस पर भाजपा क्यों नहीं सवाल उठाती है तो दोनों परिस्थितियां अलग-अलग हैं. लोकसभा में गृह मंत्री विपक्ष को अपनी बात सुनाना चाहते हैं लेकिन विपक्ष सुनने के लिए तैयार नहीं है और झारखंड में ठीक इसके उलट है. यहां पर विपक्ष सुनना चाहती है लेकिन सरकार कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं है.

उन्होंने अपने निलंबन पर कहा कि आज विधानसभा में जो भी उनके ऊपर कार्रवाई हुई है और मार्शल आउट किया गया है, वह कहीं से भी जायज नहीं है. भारतीय जनता पार्टी अपनी आवाज को दबने नहीं देगी और राज्य के युवाओं, संविदा और अनुबंध पर बहाल कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान पर सरकार से जवाब मांगते रहेगी.

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रांचीः पांचवीं विधानसभा के आखिरी शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन तीन विधायकों के निलंबन मामले को लेकर भाजपा के सभी विधायक राजभवन पहुंचे. मंगलवार को सत्र के दौरान विधानसभा अध्यक्ष के द्वारा विधायक बिरंची नारायण, विधायक भानु प्रताप शाही और विधायक जयप्रकाश भाई पटेल को निलंबन किए जाने को लेकर भाजपा विधायकों ने खूब विरोध जताया.

भाजपा विधायकों के निलंबन के बाद देर शाम बाबूलाल मरांडी और अमर बाउरी के नेतृत्व में बीजेपी के कई विधायक राजभवन पहुंचे. लगभग एक घंटे तक राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात के बाद राजभवन से बाहर निकले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य में जिस तरह से विधि व्यवस्था चरमरा गई है, उन सभी मुद्दों को लेकर राज्यपाल को अवगत कराया गया. उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके द्वारा जिस तरह से कानून को ठेंगा दिखाया जा रहा है. ऐसे में राज्य के अपराधियों और असामाजिक तत्वों का मनोबल और भी ऊंचा होगा. जिसके बाद राज्य की विधि व्यवस्था और भी खराब होगी.

  • प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री बाबूलाल मरांडी जी के नेतृत्व में भाजपा विधायकों ने महामहिम राज्यपाल महोदय को ज्ञापन सौंप कर राज्य में उत्पन्न संवैधानिक संकट, लचर विधि व्यवस्था एवं भ्रष्टाचार के संबंध में अवगत कराया l@BJP4India @narendramodi @JPNadda @AmitShah @blsanthoshpic.twitter.com/STLAsvBEvc

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वहीं उन्होंने कहा कि जिस तरह से विधानसभा अध्यक्ष ने भाजपा के तीन विधायकों को विधानसभा के शीतकालीन सत्र से निलंबित किया है, वह गलत है. उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के निर्णय को देखकर ऐसा लग रहा था कि मानो वह पहले से ही सोच कर आए थे कि भाजपा के विधायकों को निलंबित करना है. वहीं नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के द्वारा भाजपा के विधायकों पर की गई कार्रवाई कहीं से भी जायज नहीं है. भाजपा के विधायक कार्य स्थगन प्रस्ताव को पढ़ना चाहते थे लेकिन इसकी अनुमति विधानसभा अध्यक्ष के द्वारा नहीं दी गई.

उन्होंने कहा कि भाजपा के विधायक यह चाहते थे कि कार्य स्थगन प्रस्ताव को पढ़ दिया जाए ताकि लाखों लोग जो विभिन्न मांगों को लेकर सड़क पर हैं उनकी बातें विधानसभा के शीतकालीन सत्र में रिकॉर्ड हो सके. वहीं राजमहल विधानसभा से भाजपा विधायक अनंत ओझा ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष, विधानसभा में सर्वमान्य हैं. उनके द्वारा जो भी निर्णय लिया जाता है उसे मानना विधायकों का कर्तव्य है लेकिन जिस तरह से आज भाजपा के विधायकों को अध्यक्ष द्वारा निलंबित किया गया है उस पर कहीं ना कहीं कई सवाल खड़े हो रहे हैं.

वहीं निलंबित किए गए विधायकों की सूची में शामिल बोकारो से विधायक बिरंची नारायण ने बताया कि यदि विपक्ष यह कहता है कि लोकसभा में सांसदों को निलंबित किया गया है, उस पर भाजपा क्यों नहीं सवाल उठाती है तो दोनों परिस्थितियां अलग-अलग हैं. लोकसभा में गृह मंत्री विपक्ष को अपनी बात सुनाना चाहते हैं लेकिन विपक्ष सुनने के लिए तैयार नहीं है और झारखंड में ठीक इसके उलट है. यहां पर विपक्ष सुनना चाहती है लेकिन सरकार कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं है.

उन्होंने अपने निलंबन पर कहा कि आज विधानसभा में जो भी उनके ऊपर कार्रवाई हुई है और मार्शल आउट किया गया है, वह कहीं से भी जायज नहीं है. भारतीय जनता पार्टी अपनी आवाज को दबने नहीं देगी और राज्य के युवाओं, संविदा और अनुबंध पर बहाल कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान पर सरकार से जवाब मांगते रहेगी.

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Last Updated : Dec 19, 2023, 7:59 PM IST
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