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लॉ छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म मामला, बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने पुलिस की जांच पर उठाये सवाल - बचाव पक्ष ने जांच पर उठाए सवाल

रांची के चर्चित लॉ यूनिवर्सिटी की छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म मामले में बचाव पक्ष की ओर से पुलिस जांच पर सवाल उठाए गए. इस पर अभियोजन पक्ष से जवाब भी मांगा गया है. मामला नवंबर 2019 का है, जब उसके साथ 12 लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था.

gang rape case, सामूहिक दुष्कर्म मामला
सिविल कोर्ट, रांची
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Published : Feb 20, 2020, 11:38 PM IST

रांची: लॉ यूनिवर्सिटी की छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म मामले में नवनीत कुमार की अदालत में अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष की ओर से लगातार बहस जारी है. गुरुवार को बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता विनोद कुमार सिंह ने पुलिस की जांच पर सवाल उठाते हुए अभियोजन पक्ष से जवाब मांगा है.

देखें पूरी खबर

मेडिकल रिपोर्ट पर मांगा जबाव

बचाव पक्ष की ओर से कहा गया है कि नाबालिग सहित सभी 12 आरोपियों के खिलाफ दुष्कर्म की धारा लगाई गई है. जबकि एफएसएल की रिपोर्ट के लिए सिर्फ 10 आरोपियों का ब्लड टेस्ट लिया गया है. दो आरोपी सुनील उरांव और संदीप तिर्की का ब्लड सैंपल हीं नहीं लिया गया तो फिर आरोपी कैसे बनाया गया. अधिवक्ता ने कहा कि पुलिस जिस समय घटना घटित होने की बात कह रही है, उस समय काफी अंधेरा था. ऐसे में सभी आरोपियों की पहचान आसान नहीं है, इसके अलावा पीड़ित छात्रा का मेडिकल 3 दिन बाद कराने पर भी जवाब मांगा.

ये भी पढ़ें- सीएम हेमंत सोरेन से मिली शहीद जवान की पत्नी, मसीही धर्म गुरु दिनाकरन ने भी की मुलाकात

26 नवंबर 2019 का है मामला

अभियोजन पक्ष को जवाब देने के लिए अदालत ने 22 फरवरी की तिथि निर्धारित की है, संभावना है कि मार्च से पूर्व फैसले की बिंदु पर सुनवाई हो जाएगी. बता दें कि 26 नवंबर 2019 को उस समय छात्रा से दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया था. जब छात्रा अपने दोस्त के साथ कांके के रिंग रोड बस स्टॉप पर बैठकर बातचीत कर रही थी. आरोपियों ने उसे अगवा कर कांके के संग्रामपुर स्थित ईंट भट्टा ले गए जहां बारी-बारी से दुष्कर्म किया. 29 नवंबर 2019 को नाबालिग समेत सभी 12 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया.

रांची: लॉ यूनिवर्सिटी की छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म मामले में नवनीत कुमार की अदालत में अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष की ओर से लगातार बहस जारी है. गुरुवार को बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता विनोद कुमार सिंह ने पुलिस की जांच पर सवाल उठाते हुए अभियोजन पक्ष से जवाब मांगा है.

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मेडिकल रिपोर्ट पर मांगा जबाव

बचाव पक्ष की ओर से कहा गया है कि नाबालिग सहित सभी 12 आरोपियों के खिलाफ दुष्कर्म की धारा लगाई गई है. जबकि एफएसएल की रिपोर्ट के लिए सिर्फ 10 आरोपियों का ब्लड टेस्ट लिया गया है. दो आरोपी सुनील उरांव और संदीप तिर्की का ब्लड सैंपल हीं नहीं लिया गया तो फिर आरोपी कैसे बनाया गया. अधिवक्ता ने कहा कि पुलिस जिस समय घटना घटित होने की बात कह रही है, उस समय काफी अंधेरा था. ऐसे में सभी आरोपियों की पहचान आसान नहीं है, इसके अलावा पीड़ित छात्रा का मेडिकल 3 दिन बाद कराने पर भी जवाब मांगा.

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26 नवंबर 2019 का है मामला

अभियोजन पक्ष को जवाब देने के लिए अदालत ने 22 फरवरी की तिथि निर्धारित की है, संभावना है कि मार्च से पूर्व फैसले की बिंदु पर सुनवाई हो जाएगी. बता दें कि 26 नवंबर 2019 को उस समय छात्रा से दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया था. जब छात्रा अपने दोस्त के साथ कांके के रिंग रोड बस स्टॉप पर बैठकर बातचीत कर रही थी. आरोपियों ने उसे अगवा कर कांके के संग्रामपुर स्थित ईंट भट्टा ले गए जहां बारी-बारी से दुष्कर्म किया. 29 नवंबर 2019 को नाबालिग समेत सभी 12 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया.

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