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दीपक प्रकाश ने सरकार को दी चुनौती, कहा-दम है तो राजद्रोह के आरोप में करें गिरफ्तार

झारखंड में चुनाव प्रचार का शोर थम चुका है पर राजनीतिक दलों के बीच छिड़ी जंग गहराती जा रही है. दुमका में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सह सांसद दीपक प्रकाश के खिलाफ सत्ताधारी दल की ओर से राजद्रोह का मामला दर्ज कराए जाने के बाद अब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने सरकार को चुनौती दी है. दीपक प्रकाश ने चुनौती दी है कि दम है तो सरकार उन्हें गिरफ्तार कर दिखाए.

दीपक प्रकाश ने सरकार को दी चुनौती
Deepak Prakash challenged Jharkhand government
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Published : Nov 1, 2020, 5:53 PM IST

Updated : Nov 1, 2020, 9:10 PM IST

रांची: झारखंड में दो विधानसभा सीट दुमका और बेरमो के उप चुनाव पर छिड़ी चुनावी जंग गहरा गई है. सत्तारूढ़ दल की ओर से दुमका में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज कराए जाने के बाद अब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने ललकारा है. दीपक प्रकाश ने रविवार को बीजेपी स्टेट हेड क्वार्टर में सरकार को चुनौती दी कि अगर सरकार में दम है, तो उन्हें गिरफ्तार कराकर दिखाए.

सांसद दीपक प्रकाश का बयान

दीपक प्रकाश ने कहा है कि भारत माता की जय बोलने वाले को राजद्रोही, देशद्रोही और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश रचने वाले को 20 मिनट में मुख्यमंत्री की ओर से क्लीनचिट दिया जाता है. इसका जवाब दोनों सीटों पर मतदान के दौरान जनता देगी. उनका कहना है कि जिस तरह से उन्होंने दुमका और बेरमो का क्षेत्र भ्रमण किया है. उससे यह साफ हो गया है कि जनता में गठबंधन सरकार के खिलाफ आक्रोश है. जनता एनडीए प्रत्याशी योगेश्वर महतो बाटुल और लुईस मरांडी के समर्थन में वोट देकर अपने आक्रोश को बयां करेगी.

राजद्रोह का मुकदमा

दीपक प्रकाश ने कहा कि ठगबंधन की सरकार डरी हुई है. मुख्यमंत्री लाचार और बेबस दिख रहे हैं. दुमका विधानसभा में 5 मंडल और 368 बूथ हैं, लेकिन मुख्यमंत्री वहां सड़क पर नहीं चल रहे हैं. क्योंकि उन्हें जनता का विरोध झेलना पड़ रहा है, इसलिए वह उड़न खटोले का इस्तेमाल कर रहे हैं. उसी विधानसभा क्षेत्र से वह जीते हैं, लेकिन कोई काम नहीं होने की वजह से जनता में आक्रोश है. उन्होंने कहा कि विपक्ष होने के नाते सवाल करने का पार्टी को अधिकार है, लेकिन सवाल पूछने पर सरकार के सीने में दर्द होता है और यही वजह है कि अभिव्यक्ति की आजादी को रोकने के लिए राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें-दो माह बाद झारखंड में बनेगी भाजपा की सरकार! कैसे कह दिया दीपक प्रकाश ने, कहां है आचार संहिता ?

भाजपा के आवाज उठाने पर कार्रवाई

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री से सवाल किए हैं कि सरकार बनने के बाद पत्थलगड़ी को लेकर राष्ट्रद्रोह के मुकदमे जिन पर थे, उन्हें वापस किस तरह से ले लिया गया. चाईबासा में 7 आदिवासियों की निर्मम हत्या के सवाल पर सरकार मौन क्यों रही. सिदो कान्हू के वंशज की हत्या हो गई, लेकिन सरकार का कोई इसकी सूद लेने तक नहीं गया. जब भाजपा ने दबाव बनाया तब अंत में सीबीआई जांच का आदेश दिया गया. उन्होंने कहा कि 10 महीने के सरकार में दलित युवती के साथ दुष्कर्म और उससे जलाकर हत्या किए जाने पर थाने में एफआईआर तक नहीं लिया जा रहा था, लेकिन भाजपा के आवाज उठाने पर कार्रवाई की गई.

ये भी पढ़ें-हॉलीवुड फिल्मों के जेम्स बॉन्ड सर शॉन कॉनरी का निधन

पुरोहितों की सहयोग राशि बंद क्यों

सांसद दीपक प्रकाश ने राज्य में पिछले 10 महीनों में हुए दुष्कर्म जैसी घटनाओं को लेकर सरकार से सवाल किए हैं. उन्होंने पूछा है कि झारखंड आंदोलनकारी, वनांचल आंदोलनकारी और जेपी आंदोलनकारियों के लिए पिछली बीजेपी सरकार ने जो योगदान राशि तय की थी, उसे क्यों बंद कर दिया गया है. उन्होंने सवाल उठाया कि आदिवासी समाज के पुरोहितों की सहयोग राशि को क्यों बंद किया गया. दीपक प्रकाश ने कोरोना काल में भुखमरी से मौत के मामलों पर भी सवाल उठाए. साथ ही सत्तारूढ़ दल पर परिवारवाद को बढ़ाने का आरोप लगाया. आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री आदिवासियों की नहीं, बल्कि अपने परिवार के बारे में ही सोचते हैं.

मोदी की हत्या की साजिश

दीपक प्रकाश ने स्टेन स्वामी के मामले को लेकर कहा कि जिस तरह से प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या की गई थी, उसी तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश रची जा रही थी. यह एनआईए की चार्जशीट में दर्ज है, लेकिन मुख्यमंत्री ने महज 20 मिनट में स्टेन स्वामी को क्लीन चिट दे दी. उन्होंने तंज किया कि 5 हजार पन्नों का चार्जशीट मुख्यमंत्री ने मात्र 20 मिनट में पढ़ लिया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को न्यायालय पर भी विश्वास नहीं है.


अंतर्विरोध की वजह से गिरेगी गठबंधन सरकार


सांसद दीपक प्रकाश ने एक बार फिर दावा किया है कि गठबंधन सरकार अंतर्विरोध की वजह से गिरेगी. इस सरकार में मुख्यमंत्री और मंत्री के अलावा किसी विधायक की नहीं चलती है. विधायक जनता की समस्याओं को भी दूर नहीं कर पा रहे हैं. इसलिए सरकार अंतर्विरोध से जल्द गिरेगी.

रांची: झारखंड में दो विधानसभा सीट दुमका और बेरमो के उप चुनाव पर छिड़ी चुनावी जंग गहरा गई है. सत्तारूढ़ दल की ओर से दुमका में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज कराए जाने के बाद अब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने ललकारा है. दीपक प्रकाश ने रविवार को बीजेपी स्टेट हेड क्वार्टर में सरकार को चुनौती दी कि अगर सरकार में दम है, तो उन्हें गिरफ्तार कराकर दिखाए.

सांसद दीपक प्रकाश का बयान

दीपक प्रकाश ने कहा है कि भारत माता की जय बोलने वाले को राजद्रोही, देशद्रोही और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश रचने वाले को 20 मिनट में मुख्यमंत्री की ओर से क्लीनचिट दिया जाता है. इसका जवाब दोनों सीटों पर मतदान के दौरान जनता देगी. उनका कहना है कि जिस तरह से उन्होंने दुमका और बेरमो का क्षेत्र भ्रमण किया है. उससे यह साफ हो गया है कि जनता में गठबंधन सरकार के खिलाफ आक्रोश है. जनता एनडीए प्रत्याशी योगेश्वर महतो बाटुल और लुईस मरांडी के समर्थन में वोट देकर अपने आक्रोश को बयां करेगी.

राजद्रोह का मुकदमा

दीपक प्रकाश ने कहा कि ठगबंधन की सरकार डरी हुई है. मुख्यमंत्री लाचार और बेबस दिख रहे हैं. दुमका विधानसभा में 5 मंडल और 368 बूथ हैं, लेकिन मुख्यमंत्री वहां सड़क पर नहीं चल रहे हैं. क्योंकि उन्हें जनता का विरोध झेलना पड़ रहा है, इसलिए वह उड़न खटोले का इस्तेमाल कर रहे हैं. उसी विधानसभा क्षेत्र से वह जीते हैं, लेकिन कोई काम नहीं होने की वजह से जनता में आक्रोश है. उन्होंने कहा कि विपक्ष होने के नाते सवाल करने का पार्टी को अधिकार है, लेकिन सवाल पूछने पर सरकार के सीने में दर्द होता है और यही वजह है कि अभिव्यक्ति की आजादी को रोकने के लिए राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किया जा रहा है.

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भाजपा के आवाज उठाने पर कार्रवाई

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री से सवाल किए हैं कि सरकार बनने के बाद पत्थलगड़ी को लेकर राष्ट्रद्रोह के मुकदमे जिन पर थे, उन्हें वापस किस तरह से ले लिया गया. चाईबासा में 7 आदिवासियों की निर्मम हत्या के सवाल पर सरकार मौन क्यों रही. सिदो कान्हू के वंशज की हत्या हो गई, लेकिन सरकार का कोई इसकी सूद लेने तक नहीं गया. जब भाजपा ने दबाव बनाया तब अंत में सीबीआई जांच का आदेश दिया गया. उन्होंने कहा कि 10 महीने के सरकार में दलित युवती के साथ दुष्कर्म और उससे जलाकर हत्या किए जाने पर थाने में एफआईआर तक नहीं लिया जा रहा था, लेकिन भाजपा के आवाज उठाने पर कार्रवाई की गई.

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पुरोहितों की सहयोग राशि बंद क्यों

सांसद दीपक प्रकाश ने राज्य में पिछले 10 महीनों में हुए दुष्कर्म जैसी घटनाओं को लेकर सरकार से सवाल किए हैं. उन्होंने पूछा है कि झारखंड आंदोलनकारी, वनांचल आंदोलनकारी और जेपी आंदोलनकारियों के लिए पिछली बीजेपी सरकार ने जो योगदान राशि तय की थी, उसे क्यों बंद कर दिया गया है. उन्होंने सवाल उठाया कि आदिवासी समाज के पुरोहितों की सहयोग राशि को क्यों बंद किया गया. दीपक प्रकाश ने कोरोना काल में भुखमरी से मौत के मामलों पर भी सवाल उठाए. साथ ही सत्तारूढ़ दल पर परिवारवाद को बढ़ाने का आरोप लगाया. आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री आदिवासियों की नहीं, बल्कि अपने परिवार के बारे में ही सोचते हैं.

मोदी की हत्या की साजिश

दीपक प्रकाश ने स्टेन स्वामी के मामले को लेकर कहा कि जिस तरह से प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या की गई थी, उसी तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश रची जा रही थी. यह एनआईए की चार्जशीट में दर्ज है, लेकिन मुख्यमंत्री ने महज 20 मिनट में स्टेन स्वामी को क्लीन चिट दे दी. उन्होंने तंज किया कि 5 हजार पन्नों का चार्जशीट मुख्यमंत्री ने मात्र 20 मिनट में पढ़ लिया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को न्यायालय पर भी विश्वास नहीं है.


अंतर्विरोध की वजह से गिरेगी गठबंधन सरकार


सांसद दीपक प्रकाश ने एक बार फिर दावा किया है कि गठबंधन सरकार अंतर्विरोध की वजह से गिरेगी. इस सरकार में मुख्यमंत्री और मंत्री के अलावा किसी विधायक की नहीं चलती है. विधायक जनता की समस्याओं को भी दूर नहीं कर पा रहे हैं. इसलिए सरकार अंतर्विरोध से जल्द गिरेगी.

Last Updated : Nov 1, 2020, 9:10 PM IST
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