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झारखंड में शराब बेचेगी सरकार! जानिए क्या है नई उत्पाद नीति

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में हुई कैबिनेट की बैठक में कई प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई है. जिसमें से एक नई उत्पाद नीति भी शामिल है. नई नीति के तहत झारखंड सरकार राज्य में सरकारी शराब दुकानों की संख्या दोगुनी करेगी.

Jharkhand News
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Published : Mar 31, 2022, 8:41 AM IST

रांची: झारखंड सरकार अब राज्य में खुद शराब बेचेगी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में कैबिनेट की बैठक में नई उत्पाद नीति को मंजूरी दी गई. नई उत्पाद नीति में कई तरह के प्रावधान किये गये हैं, जिसके तहत अब राज्य में लोगों को सरकारी खुदरा दुकानों से प्लास्टिक की जगह शीशे की बोतलों में बंद शराब प्राप्त होंगी. राज्य सरकार अब शराब दुकानों की संख्या भी पहले से दोगुना करने जा रही है. पहले 750 दुकानें थी, जिसे अब बढ़ाकर 1500 कर दिया जाएगा. इन दुकानों का संचालन जेएसबीसीएल करेगा.

इसे भी पढ़ें: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कैबिनेट की बैठक, नई उत्पाद नीति समेत 72 प्रस्तावों पर लगी मुहर

इसके अलावा सरकार ने बार संचालकों पर अंकुश लगाते हुए उनके लिए टारगेट फिक्स किया है. निर्णय के अनुसार हर हाल में उन्हें गोदाम से शराब लेकर बेचनी होगी. कैबिनेट में लिए गए निर्णय के बाद उत्पाद विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे ने बताया कि नई उत्पाद नीति लागू होने के अगले तीन सालों में सरकार को शराब बिक्री से 1800 करोड़ से 3000 करोड़ का राजस्व मिलने की संभावना है.


अब 75 की जगह होंगे 5 गोदाम: नई उत्पाद नीति के तहत राज्य में प्रमंडल स्तर पर मदिरा का भंडारण रहेगा. ये शराब डिपो सीसीटीवी, डिजीटल लॉक और ट्रांसपोर्टेशन जीपीएस सुविधा से युक्त होगा, जिससे किसी तरह की गड़बड़ी ना हो. वर्तमान में राज्यभर में 75 गोदाम है जिसे प्रमंडल स्तर पर सिर्फ पांच रखा जायेगा. इसका स्वामित्व सरकार यानी जेएसपीसीएल के पास रहेगा मगर इसका संचालन निजी थोक विक्रेता करेंगे. इसके अलावा शराब बोतलों की ट्रैकिंग कोई भी व्यक्ति उसपर लगे होलोग्राम को स्कैन करके अपने मोबाइल के जरिए कर सकता है. इसकी मदद से ग्राहक उसके उत्पादन, मूल्य आदि की जानकारी ले सकता है, जिससे ग्राहकों से मूल्य से ज्यादा पैसे नहीं लिए जा सकेंगें.

विभागीय सचिव विनय कुमार चौबे ने कहा कि करीब तीन महीने पहले उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग की ओर से नियुक्त परामर्शी छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड (Chhattisgarh State Marketing Corporation Limited CSMCL) ने झारखंड सरकार को उत्पाद राजस्व में वृद्धि के लिए कई सुझाव दिए थे, जिसके बाद नीतियों में बदलाव किये गये हैं. उन्होंने कहा कि CSMCL की ओर से झारखंड उत्पाद अधिनियम 1915 और संशोधित अधिनियम 2015 झारखंड आबकारी अधिनियम (Jharkhand Excise Act) में अवैध मदिरा के निर्माण, परिवहन, क्रय, विक्रय, सेवन, आदि के संबंध में सख्त कानूनी प्रावधान लाने हेतु अधिनियम के कई धाराओं में संशोधन का परामर्श दिया गया है. जिसपर विचार किया जा रहा है और आनेवाले समय में नियम सख्त किये जाएंगे.

रांची: झारखंड सरकार अब राज्य में खुद शराब बेचेगी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में कैबिनेट की बैठक में नई उत्पाद नीति को मंजूरी दी गई. नई उत्पाद नीति में कई तरह के प्रावधान किये गये हैं, जिसके तहत अब राज्य में लोगों को सरकारी खुदरा दुकानों से प्लास्टिक की जगह शीशे की बोतलों में बंद शराब प्राप्त होंगी. राज्य सरकार अब शराब दुकानों की संख्या भी पहले से दोगुना करने जा रही है. पहले 750 दुकानें थी, जिसे अब बढ़ाकर 1500 कर दिया जाएगा. इन दुकानों का संचालन जेएसबीसीएल करेगा.

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इसके अलावा सरकार ने बार संचालकों पर अंकुश लगाते हुए उनके लिए टारगेट फिक्स किया है. निर्णय के अनुसार हर हाल में उन्हें गोदाम से शराब लेकर बेचनी होगी. कैबिनेट में लिए गए निर्णय के बाद उत्पाद विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे ने बताया कि नई उत्पाद नीति लागू होने के अगले तीन सालों में सरकार को शराब बिक्री से 1800 करोड़ से 3000 करोड़ का राजस्व मिलने की संभावना है.


अब 75 की जगह होंगे 5 गोदाम: नई उत्पाद नीति के तहत राज्य में प्रमंडल स्तर पर मदिरा का भंडारण रहेगा. ये शराब डिपो सीसीटीवी, डिजीटल लॉक और ट्रांसपोर्टेशन जीपीएस सुविधा से युक्त होगा, जिससे किसी तरह की गड़बड़ी ना हो. वर्तमान में राज्यभर में 75 गोदाम है जिसे प्रमंडल स्तर पर सिर्फ पांच रखा जायेगा. इसका स्वामित्व सरकार यानी जेएसपीसीएल के पास रहेगा मगर इसका संचालन निजी थोक विक्रेता करेंगे. इसके अलावा शराब बोतलों की ट्रैकिंग कोई भी व्यक्ति उसपर लगे होलोग्राम को स्कैन करके अपने मोबाइल के जरिए कर सकता है. इसकी मदद से ग्राहक उसके उत्पादन, मूल्य आदि की जानकारी ले सकता है, जिससे ग्राहकों से मूल्य से ज्यादा पैसे नहीं लिए जा सकेंगें.

विभागीय सचिव विनय कुमार चौबे ने कहा कि करीब तीन महीने पहले उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग की ओर से नियुक्त परामर्शी छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड (Chhattisgarh State Marketing Corporation Limited CSMCL) ने झारखंड सरकार को उत्पाद राजस्व में वृद्धि के लिए कई सुझाव दिए थे, जिसके बाद नीतियों में बदलाव किये गये हैं. उन्होंने कहा कि CSMCL की ओर से झारखंड उत्पाद अधिनियम 1915 और संशोधित अधिनियम 2015 झारखंड आबकारी अधिनियम (Jharkhand Excise Act) में अवैध मदिरा के निर्माण, परिवहन, क्रय, विक्रय, सेवन, आदि के संबंध में सख्त कानूनी प्रावधान लाने हेतु अधिनियम के कई धाराओं में संशोधन का परामर्श दिया गया है. जिसपर विचार किया जा रहा है और आनेवाले समय में नियम सख्त किये जाएंगे.

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