रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी विधानसभा चुनाव से पहले किए गए घोषणाओं को लेकर गंभीर नजर आ रही है. मुख्य रूप से किसानों की कर्ज माफी, धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य और रोजगार समेत बेरोजगारी भत्ते के वादे को पूरा करने की प्रक्रिया में पार्टी जुट गई है. पार्टी को उम्मीद है कि अगली कैबिनेट में कर्ज माफी और धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फैसला लिया जा सकता है.
किसानों की कर्ज माफी
झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ की तर्ज पर ही किसानों की कर्ज माफी की घोषणा की थी, जिसने पार्टी को इस चुनाव में मजबूत स्थिति पर पहुंचाया, जिससे यूपीए गठबंधन ने पूर्ण बहुमत से भी ज्यादा सीटें जीतकर सरकार का गठन किया. ऐसे में कांग्रेस पार्टी का मानना है कि चुनाव से पहले जो संकल्प लिया गया था, उसे हर हाल में पूरा किया जाएगा.
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वादा पूरा करने का समय
प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि राज्य की जनता को महागठबंधन की सरकार से कई उम्मीदें हैं और कांग्रेस की तरफ से जो मेनिफेस्टो के जरिए वादे किए गए थे उसे पूरा करने का समय आ गया है. उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल के विस्तार के साथ ही उन वादों को पूरा किया जाएगा.
कैबिनेट की बैठक में लिया जा सकता है निर्णय
वहीं, कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव का कहना है कि किसानों की कर्ज माफी, धान की न्यूनतम समर्थन मूल्य को 2500 रुपये प्रति क्विंटल करने के वादे को पूरा करने के लिए सरकार में शामिल पार्टी के मंत्री काम कर रहे हैं. उन्होंने उम्मीद जताई है कि सरकार की अगली कैबिनेट की बैठक में इस पर निर्णय लिया जा सकता है. प्रदेश कांग्रेस के अनुसार सरकार में शामिल कांग्रेस के मंत्रियों ने इस पर होमवर्क शुरू कर दिया है.
रिक्त पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया में भले ही समय लग सकता है, लेकिन किसानों की कर्ज माफी और धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर जल्द सरकार निर्णय लेने वाली है.