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बीएयू कुलपति सहित डीन डायरेक्टर ने कोरोना टीका लेने की अपील की, बोले-वैक्सीनेशन से ही कोविड का बचाव - बीएयू डीन डायरेक्टर ने लिया कोरोना टीका

कोरोना वैक्सीन के प्रति राज्य में बड़े पैमाने पर जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है, ताकि अधिक से अधिक लोगों का टीकाकरण हो सके. इसी क्रम में बीएयू कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह, डीन डॉ सुशील प्रसाद और डॉ एमएस यादव ने टीका लेकर लोगों से इसका लाभ लेने की अपील की है.

कोरोना टीका लेने की अपील
कोरोना टीका लेने की अपील
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Published : May 14, 2021, 11:41 AM IST

रांचीः कोरोना को हराने के लिए सूबे में वैक्सीनेशन जारी है.बड़ी संख्या में लोग टीका ले रहे हैं. बीएयू कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने 16 मार्च को कोविशील्ड का पहला व 3 मई को दूसरा टीका लगवाया. 61 वर्षीय डॉ सिंह बताते है कि टीकाकरण के बाद पूरी तरह स्वस्थ्य हूं. टीका के बाद किसी प्रकार की परेशानी नहीं हुई.

यह भी पढ़ेंः ऐसा ही जज्बा चाहिए: कोरोना से जंग जीतकर वापस घर लौट रहे लोग, 10 दिनों में 60 हजार मरीज हुए स्वस्थ

कोरोना संक्रमण से बचाव का वैक्सीनेशन उत्तम माध्यम साबित हो रहा है. वैक्सीन हमें संक्रमण से बचाती है और संक्रमित होने पर बीमारी को गंभीर नहीं होने देती है. जिन लोगों ने वैक्सीन ली है, उनमें कोरोना का संक्रमण माइल्ड या मॉडरेट प्रभाव पाया गया है. वैक्सीन एक सुरक्षा कवच है, जो इस बीमारी को गंभीर नहीं होने देती एवं संक्रमण की तीव्रता और मृत्यु दर को कमतर करती है. यह हमारे इम्यून रिस्पॉन्स को बढ़ाता है.

घबराने या हिचकिचाहट की जरूरत नहीं

पूरे विश्व में नये एवं घातक कोरोना म्यूटेंट की वैरायटी भी अब सामने आ रही हैं. जब मुकाबला एक अंजान दुश्मन से हों, तो तैयारी सबसे बुरे दौर के हिसाब से करनी होगी. किसी भी वैक्सीन से बुखार की तरह साइड इफेक्ट्स एवं जोड़ों का दर्द आदि का होना आम बात है. वैक्सीन लगवाने से डरने, घबराने या हिचकिचाहट की जरूरत नहीं है. वैक्सीन लगवाने में देरी से कोरोना के प्रकोप से लंबे समय तक जूझना पड़ सकता है.

सरकार ने पूरे प्रदेश में टीकाकरण अभियान चला रखा है. इसे सफल बनाने में सकारात्मक सोच रखें. देश, प्रदेश, समाज एवं परिवार के हित में कोरोना टीका जरूर लगवाएं.

डॉ सुशील प्रसाद, डीन वेटनरी

इसी तरह डॉ सुशील प्रसाद, डीन वेटनरी ने कोविशील्ड का पहला वैक्सीन 25 मार्च एवं दूसरा वैक्सीन 42 दिनों के बाद 5 मई को लिया. 60 वर्ष के उम्र में दोनों वैक्सीनेशन लेने के उपरांत उन्हें कोई शारीरिक तकलीफ का सामना नहीं करना पड़ा. अभी वे पूरी तरह फिट है और वेटनरी कॉलेज के कार्यो को नियमित देखरेख कर रहे है.

वे कहते है कि वैक्सीन लेने से कोरोना वायरस का इंफेक्शन रिस्क धीरे-धीरे कम होता जाता है. वैक्सीनेशन के बाद कोरोना संक्रमण के अनेकों मामले सामने आए हैं. वैक्सीन के दो खुराक लेने के बावजूद भी संक्रमण के मामले व हल्के लक्षण देखने को मिला हैं. इसके बावजूद वर्त्तमान में वैश्विक स्तर पर कोरोना से बचाव का वैक्सीन ही सर्वोत्तम उपाय है.

डॉ एमएस यादव, डीन एग्रीकल्चर

डॉ एमएस यादव, डीन एग्रीकल्चर ने 2 अप्रैल को पहली कोविशील्ड वैक्सीन ली है. वैक्सीन लेने के उपरांत उन्हें तीन दिनों तक बुखार रहा. कमजोरी का अहसास हुआ. इस दौरान उन्हें काफी नींद भी आती थी. प्राकृतिक चिकित्सा से अपने बीमारी का स्वंय इलाज किया. फिर उन्होंने रांची सिविल सर्जन के सहयोग एवं बीएयू के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी के मार्गदर्शन में विवि परिसर में 4 दिवसीय टीकाकरण कार्यक्रम का आयोजन किया.

इस अभियान में विवि के कुल 364 कर्मी शामिल हुए. विवि कर्मियों के लिए 42 दिनों के बाद दूसरा टीकाकरण कार्यक्रम चलाने के लिए प्रयास कर रहे है. गुरूवार 13 मई को वैक्सीन दूसरा डोज लिया है. वे कहते है कि इसके बढ़ते खतरनाक प्रभाव को कम करने में कोरोना का टीका उपयोगी साबित हो रही है. इस वैश्विक महामारी से बचाव में टीकाकरण सबसे उपयुक्त औषधि है.

364 लोगों ने टीकाकरण में भाग लिया

बीएयू से सेवानिवृत्त एसोसिएट डायरेक्टर 77 वर्षीय डॉ केडी सिंह एवं उनकी पत्नी 70 वर्षीय मालती सिंह ने कोविशील्ड का पहला डोज 17 मार्च को टीएमएच, जमशेदपुर में लिया. दोनों ने दूसरा डोज 30 अप्रैल को आईएएस क्लब, रांची में लिया.

अशोकनगर निवासी वयोवृद्ध दंपति को टीकाकरण के बाद बीमारी, कमजोरी, सिरदर्द व कमजोरी की कोई शिकायत नहीं देखने को मिला. सरकार द्वारा प्रदत्त मुफ्त टीकाकरण सुविधा पर खुशी सराहना एवं इस अभियान को काफी संतोषजनक कहा.

वैक्सीन को पूरी तरह सुरक्षित बताया. विवि के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ यूएस वर्मा ने कोविशील्ड वैक्सीन का दोनों डोज ले ली है. वैक्सीन लेने के बाद पूरी तरह स्वस्थ्य हैं. लगातार दिन रात गंभीर व असाध्य रोगों के अलावा कोरोना संक्रमण की होमियोपैथी चिकित्सा प्रदान कर रहे है. हाल में उनके मार्गदर्शन में विवि के कुल 364 लोगों ने टीकाकरण में भाग लिया है. बताते है कि कोरोना का वैक्सीन एक इंट्रामस्क्युलर इंजेक्शन हैं. जिसे मांसपेशियों में दिया जाता है.

वैक्सीनेशन का लाभ लें

यह ब्लड में जाकर वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी बनाती है. वायरस का संक्रमण जब नाक के म्यूकोजा तक पहुंचता है, तो रिजल्ट कोरोना पॉजिटिव आता है. वैक्सीन लेने से यह वायरस शरीर के अंदर प्रवेश नहीं कर सकता, क्योंकि ब्लड में मौजूद एंटीबॉडी उसके खिलाफ एक्टिव हो जाती है. यह एंटीबॉडी शरीर के सुरक्षा करने का कार्य करती है. कोरोना से सुरक्षा हेतु वैक्सीनेशन का लाभ जरूर लेना चाहिए.

रांचीः कोरोना को हराने के लिए सूबे में वैक्सीनेशन जारी है.बड़ी संख्या में लोग टीका ले रहे हैं. बीएयू कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने 16 मार्च को कोविशील्ड का पहला व 3 मई को दूसरा टीका लगवाया. 61 वर्षीय डॉ सिंह बताते है कि टीकाकरण के बाद पूरी तरह स्वस्थ्य हूं. टीका के बाद किसी प्रकार की परेशानी नहीं हुई.

यह भी पढ़ेंः ऐसा ही जज्बा चाहिए: कोरोना से जंग जीतकर वापस घर लौट रहे लोग, 10 दिनों में 60 हजार मरीज हुए स्वस्थ

कोरोना संक्रमण से बचाव का वैक्सीनेशन उत्तम माध्यम साबित हो रहा है. वैक्सीन हमें संक्रमण से बचाती है और संक्रमित होने पर बीमारी को गंभीर नहीं होने देती है. जिन लोगों ने वैक्सीन ली है, उनमें कोरोना का संक्रमण माइल्ड या मॉडरेट प्रभाव पाया गया है. वैक्सीन एक सुरक्षा कवच है, जो इस बीमारी को गंभीर नहीं होने देती एवं संक्रमण की तीव्रता और मृत्यु दर को कमतर करती है. यह हमारे इम्यून रिस्पॉन्स को बढ़ाता है.

घबराने या हिचकिचाहट की जरूरत नहीं

पूरे विश्व में नये एवं घातक कोरोना म्यूटेंट की वैरायटी भी अब सामने आ रही हैं. जब मुकाबला एक अंजान दुश्मन से हों, तो तैयारी सबसे बुरे दौर के हिसाब से करनी होगी. किसी भी वैक्सीन से बुखार की तरह साइड इफेक्ट्स एवं जोड़ों का दर्द आदि का होना आम बात है. वैक्सीन लगवाने से डरने, घबराने या हिचकिचाहट की जरूरत नहीं है. वैक्सीन लगवाने में देरी से कोरोना के प्रकोप से लंबे समय तक जूझना पड़ सकता है.

सरकार ने पूरे प्रदेश में टीकाकरण अभियान चला रखा है. इसे सफल बनाने में सकारात्मक सोच रखें. देश, प्रदेश, समाज एवं परिवार के हित में कोरोना टीका जरूर लगवाएं.

डॉ सुशील प्रसाद, डीन वेटनरी

इसी तरह डॉ सुशील प्रसाद, डीन वेटनरी ने कोविशील्ड का पहला वैक्सीन 25 मार्च एवं दूसरा वैक्सीन 42 दिनों के बाद 5 मई को लिया. 60 वर्ष के उम्र में दोनों वैक्सीनेशन लेने के उपरांत उन्हें कोई शारीरिक तकलीफ का सामना नहीं करना पड़ा. अभी वे पूरी तरह फिट है और वेटनरी कॉलेज के कार्यो को नियमित देखरेख कर रहे है.

वे कहते है कि वैक्सीन लेने से कोरोना वायरस का इंफेक्शन रिस्क धीरे-धीरे कम होता जाता है. वैक्सीनेशन के बाद कोरोना संक्रमण के अनेकों मामले सामने आए हैं. वैक्सीन के दो खुराक लेने के बावजूद भी संक्रमण के मामले व हल्के लक्षण देखने को मिला हैं. इसके बावजूद वर्त्तमान में वैश्विक स्तर पर कोरोना से बचाव का वैक्सीन ही सर्वोत्तम उपाय है.

डॉ एमएस यादव, डीन एग्रीकल्चर

डॉ एमएस यादव, डीन एग्रीकल्चर ने 2 अप्रैल को पहली कोविशील्ड वैक्सीन ली है. वैक्सीन लेने के उपरांत उन्हें तीन दिनों तक बुखार रहा. कमजोरी का अहसास हुआ. इस दौरान उन्हें काफी नींद भी आती थी. प्राकृतिक चिकित्सा से अपने बीमारी का स्वंय इलाज किया. फिर उन्होंने रांची सिविल सर्जन के सहयोग एवं बीएयू के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी के मार्गदर्शन में विवि परिसर में 4 दिवसीय टीकाकरण कार्यक्रम का आयोजन किया.

इस अभियान में विवि के कुल 364 कर्मी शामिल हुए. विवि कर्मियों के लिए 42 दिनों के बाद दूसरा टीकाकरण कार्यक्रम चलाने के लिए प्रयास कर रहे है. गुरूवार 13 मई को वैक्सीन दूसरा डोज लिया है. वे कहते है कि इसके बढ़ते खतरनाक प्रभाव को कम करने में कोरोना का टीका उपयोगी साबित हो रही है. इस वैश्विक महामारी से बचाव में टीकाकरण सबसे उपयुक्त औषधि है.

364 लोगों ने टीकाकरण में भाग लिया

बीएयू से सेवानिवृत्त एसोसिएट डायरेक्टर 77 वर्षीय डॉ केडी सिंह एवं उनकी पत्नी 70 वर्षीय मालती सिंह ने कोविशील्ड का पहला डोज 17 मार्च को टीएमएच, जमशेदपुर में लिया. दोनों ने दूसरा डोज 30 अप्रैल को आईएएस क्लब, रांची में लिया.

अशोकनगर निवासी वयोवृद्ध दंपति को टीकाकरण के बाद बीमारी, कमजोरी, सिरदर्द व कमजोरी की कोई शिकायत नहीं देखने को मिला. सरकार द्वारा प्रदत्त मुफ्त टीकाकरण सुविधा पर खुशी सराहना एवं इस अभियान को काफी संतोषजनक कहा.

वैक्सीन को पूरी तरह सुरक्षित बताया. विवि के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ यूएस वर्मा ने कोविशील्ड वैक्सीन का दोनों डोज ले ली है. वैक्सीन लेने के बाद पूरी तरह स्वस्थ्य हैं. लगातार दिन रात गंभीर व असाध्य रोगों के अलावा कोरोना संक्रमण की होमियोपैथी चिकित्सा प्रदान कर रहे है. हाल में उनके मार्गदर्शन में विवि के कुल 364 लोगों ने टीकाकरण में भाग लिया है. बताते है कि कोरोना का वैक्सीन एक इंट्रामस्क्युलर इंजेक्शन हैं. जिसे मांसपेशियों में दिया जाता है.

वैक्सीनेशन का लाभ लें

यह ब्लड में जाकर वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी बनाती है. वायरस का संक्रमण जब नाक के म्यूकोजा तक पहुंचता है, तो रिजल्ट कोरोना पॉजिटिव आता है. वैक्सीन लेने से यह वायरस शरीर के अंदर प्रवेश नहीं कर सकता, क्योंकि ब्लड में मौजूद एंटीबॉडी उसके खिलाफ एक्टिव हो जाती है. यह एंटीबॉडी शरीर के सुरक्षा करने का कार्य करती है. कोरोना से सुरक्षा हेतु वैक्सीनेशन का लाभ जरूर लेना चाहिए.

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