रांची: डीडीसी अनन्य मित्तल की अध्यक्षता में रविवार को कलेक्ट्रेट में बैठक की गई. जिसमें डिस्ट्रिक्ट कंट्रोल रूम 1950 में फोन कॉल के माध्यम से आने वाले मामलों के त्वरित निष्पादन को लेकर चर्चा की गई. उन्होंने कंट्रोल रूम के सभी कंप्यूटर ऑपरेटर से कहा कि लॉकडाउन के दौरान हेल्पलाइन नंबर 1950 में आने वाले किसी भी मामले के निष्पादन में गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन करें. साथ ही सभी ऑपरेटरों को पूरी व्यवस्था की जानकारी होनी चाहिए, ताकि किस मामले को कहां भेजना है इसका निर्णय तुरंत लिया जा सके.
डीडीसी ने कहा कि आइसोलेशन और क्वॉरेंटाइन सेंटर से जुड़े मामले आते हैं, तो तुरंत इसके प्रभारी पदाधिकारी से संपर्क किया जाए. उन्होंने जिला पंचायती राज पदाधिकारी को कंट्रोल रूम में सभी संबंधित मामलों से जुड़े प्रभारी और वरीय पदाधिकारियों की अपडेट सूची उपलब्ध कराने को कहा है. साथ ही उन्होंने सभी ऑपरेटर से कहा कि अगर फोन कॉल के माध्यम से प्रवासियों के रांची जिला में पैदल गुजरने की सूचना मिलती है, तो इसकी जानकारी तुरंत संबंधित क्षेत्र के बीडीओ, सीओ और थाना प्रभारी को दें. वहीं, वाहन के माध्यम से रांची जिला होकर दूसरे जिला जाने वाले लोगों को आवश्यक पूछताछ के बाद जाने दें. उन्होंने कहा कि रेड जोन से आने वालों की जानकारी मिलती है, तो उन्हें इंस्टीट्यूशनल क्वॉरेंटाइन में रखना है. जबकि ऑरेंज या ग्रीन जोन से आने वाले लोगों को होम क्वॉरेंटाइन किया जा सकता है. वहीं ग्रीन, रेड और ऑरेंज जोन से आने वाले व्यक्तियों की टेस्टिंग होनी है. जिसकी सूची साहयक आयुक्त को दी जाएगी और जांच रिपोर्ट के अनुसार आगे की प्रक्रिया की जाएगी.
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डीडीसी ने कहा कि क्वॉरेंटाइन किए गए लोगों में संक्रमण के लक्षण की जानकारी मिलने पर ऑपरेटर संबंधित क्षेत्र के इंसीडेंट कमांडर को कॉल करें, ताकि मेडिकल टीम आगे की कार्यवाही कर सके. उन्होंने बताया कि प्रवासियों से जुड़े मामले को और तेजी से निष्पादन के लिए माइग्रेंट इंटरसेप्शन स्क्वाड शुरू करने की योजना है. जिसमें जिले के 2-3 प्रखंड को टैग किया जाएगा. उन्होंने कहा है कि बसों के माध्यम से मजिस्ट्रेट प्रवासियों के मूवमेंट की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचकर प्रवासियों को शेल्टर होम तक ले जाएं.