रांचीः देश के कई हिस्सों में पशुओं को संक्रमित करने के बाद झारखंड में लंपी वायरस दस्तक दे चुका है बल्कि यह तेजी से फैल भी रहा है. देवघर के पालाजोरी और चतरा के बाद रांची के कई प्रखंडों में लंपी वायरस से ग्रसित मवेशी मिले हैं. रांची के नगड़ी, चान्हो और देवघर के पालाजोरी में लंपी वायरस से संक्रमित संदिग्ध गाय व बछड़े मिले हैं. इन पशुओं का सैंपल लेकर जांच के लिए भोपाल भेजा गया है. इस बीच खबर है कि चान्हो में लंपी स्किन डिजीज (lumpy skin disease) जैसी बीमारी से ग्रसित एक बछड़े की संदिग्ध मौत हो गयी है.
पशुपालकों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारीः लंपी वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए सोमवार को पशुपालन निदेशक शशि प्रकाश झा ने उच्च स्तरीय बैठक की. जिसमें उन्होंने कई अहम निर्देश दिए साथ ही पशुपालकों के लिए टोल फ्री नंबर 1800309771 जारी किया. इस नंबर पर सुबह 11 बजे से शाम 05 बजे तक पशुपालक अपने बीमार मवेशियों की जानकारी देकर विभाग से सहायता पा सकते हैं. इसके साथ ही लंपी स्किन डिजीज से निपटने की तैयारियों को लेकर पशुपालन निदेशालय ने मंगलवार 03 बजे राज्य के सभी जिला पशुपालन अधिकारियों की ऑनलाइन मीटिंग (animal husbandry directorate meeting) बुलाई है.
15 हजार तक की वैक्सीन खरीद सकते हैं जिला पशुपालन अधिकारीः केंद्र सरकार ने लंपी स्किन डिजीज में गोट पॉक्स का वैक्सीन रिकमेंड किया है. जिला पशुपालन अधिकारी को 15 हजार तक की वैक्सीन लोकल स्तर पर खरीदने की इजाजत दी गयी है. इसको लेकर पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान (Animal Health and Production Institute) के निदेशक डॉ. बिपिन महथा ने बताया कि भारत सरकार ने लंपी स्किन डिजीज से बचाव के लिए गोट पॉक्स के वैक्सीन का इस्तेमाल करने की इजाजत दी है. अभी सरकारी स्तर पर यह वैक्सीन उपलब्ध नहीं है, ऐसे में जरूरत के अनुसार जिला स्तर पर अधिकतम 15 हजार तक के वैक्सीन खरीदने की इजाजत जिला पशुपालन अधिकारी को दी गयी है. उन्होंने कहा कि जल्द ही सरकारी स्तर पर वैक्सीन की उपलब्धता के लिए कार्रवाई शुरू कर दी गयी है.
मवेशियों की आवाजाही पर रोक: झारखंड में लंपी वायरस के फैलाव के संभावित खतरे को देखते हुए पशुपालन निदेशक ने राज्य के सभी जिला पशुपालन अधिकारी को निर्देश दिया है. जिसमें ये कहा गया है कि कहीं भी संदिग्ध केस मिले तो अविलंब एहतियाती उपाय करें. इसके अलावा पशुओं की आवाजाही पर भी रोक लगायी जाए ताकि इस बीमारी का प्रसार ना हो सके.
क्या होता है लंपी स्किन डिजीजः पशु स्वास्थ्य संस्थान कांके के निदेशक डॉ विपिन महथा के अनुसार LSD विषाणु से होने वाला संक्रामक बीमारी है, जो मुख्यतः गाय और भैस प्रजाति के पशुओं में होता है. मुख्य रूप से संक्रमित मक्खियों, मच्छरों, चमोकन के काटने से होने वाली इस बीमारी में संक्रमित पशुओं की त्वचा पर गांठ बन जाता है और बाद में पककर जख्म का रूप ले लेता है. इसमें पशुओं में बुखार भी एक लक्षण है. कैपरीपोक्स नाम के वायरस के कारण होने वाली इस बीमारी में मोर्टेलिटी 5 से 10 फीसदी तक है.
लंपी स्किन डिजीज के लक्षणः डॉ. बिपिन महथा ने बताया कि संक्रमित होने के दो तीन के अंदर पशु को हल्का बुखार आता है. इसके बाद शरीर पर गांठदार दाने निकल आते हैं. कुछ गांठ घाव में बदल जाते हैं. संक्रमित मवेशी की नाक से स्राव होता है, मुंह से लार आता है और दूध कम हो जाता है. गर्भावस्था में संक्रमित होने पर मवेशियों का गर्भपात हो जाता है. समय पर इलाज और सावधानी बरतने से सामान्य तौर पर 15 से 20 दिनों में ये बीमारी ठीक हो जाती है.