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सावधान! कहीं झारखंड में भी न हो जाए ब्लैक आउट

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Published : Oct 9, 2021, 5:27 PM IST

Updated : Oct 9, 2021, 6:36 PM IST

पूरे देश के साथ-साथ झारखंड में भी लोग बिजली की किल्लत झेलने को मजबूर हैं. सूखे कोयले की कमी के चलते बिजली उत्पादन में कमी आई है और इसके चलते सप्लाई पर भी असर पड़ा है.

Black out in Jharkhand
झारखंड में ब्लैक आउट का खतरा

रांची: त्योहार के इस मौसम में राज्यवासी बिजली की किल्लत झेलने को मजबूर हैं. दरअसल, यह परेशानी सेंट्रल पुल से झारखंड को बिजली आपूर्ति में आ रही कमी के चलते हो रही है. बिजली आपूर्ति में आ रही कमी के पीछे देशभर के कई पावर प्लांट में क्षमता से कम बिजली का उत्पादन होना है. झारखंड सहित देश भर में छाये इस बिजली संकट ने सभी की चिंता बढ़ा दी है. बिजली उत्पादन में कमी के पीछे का कारण सूखे कोयले की कमी है. भारी बारिश के कारण गीला कोयला कोल कंपनियों द्वारा एनटीपीसी सहित अन्य बिजली कंपनियों को सप्लाई किया जा रहा है.

यह भी पढ़ें: ऊर्जा संकट! घंटों लोड-शेडिंग के बीच क्या पूजा के दौरान मिल सकेगी निर्बाध बिजली?

झारखंड में बिजली की भारी कमी

झारखंड में भी बिजली की निर्बाध आपूर्ति पर व्यापक असर पड़ा है. राज्य भार प्रेषण केंद्र में लगातार कई दिनों से सेंट्रल पूल से कम मिल रही बिजली शनिवार को भी जारी रहा. शनिवार को प्रतिदिन औसत बिजली खपत से करीब 400 मेगावाट कम बिजली मिली. आंकड़ों के अनुसार दोपहर 2 बजे तक सेंट्रल पूल से 560-580 मेगावाट बिजली मिली, वहीं टीवीएनएल की एक यूनिट बंद होने से परेशानी बनी रही. 100 मेगावाट सिकिदरी हाइडल से भी बिजली उत्पादन बंद होने से विभागीय अधिकारियों की परेशानी बनी रही. बिजली की कमी को देखते हुए झारखंड बिजली वितरण निगम द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में घंटों लोड शेडिंग की जा रही है. हालत यह है कि राजधानी के ग्रामीण इलाकों में शुक्रवार देर रात से सुबह तक बिजली गुल रही. शुक्रवार को राज्य भार प्रेषण केंद्र में 1241 मेगावाट बिजली की डिमांड राज्य भर में थी जबकि एसएलडीसी के पास सेंट्रल और स्टेट से कुल मिलाकर 1208 मेगावाट ही बिजली उपलब्ध थी.

देखें पूरी खबर

अभी जारी रहेगा बिजली संकट

बिजली की राष्ट्रव्यापी यह संकट किसी आपदा से कम नहीं है. आने वाले दिनों में यह संकट और बढ़ने की संभावना है. बिजली वितरण निगम के अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक लोग बिजली की खपत कम से कम कुछ दिनों के लिए करें, नहीं तो परेशानी बढ़ेगी. इधर, झारखंड बिजली श्रमिक संगठन ने भी बिजली की किल्लत को देखते हुए मुख्यमंत्री से इसमें पहल करने का आग्रह किया है.

बिजली संकट के कारण झारखंड सहित देश भर में त्राहिमाम मचा है. इस कमी के पीछे बड़ी वजह विद्युत उत्पादक संयंत्रों में कोयले की घोर किल्लत है. झारखंड के बिजली उत्पादक संयंत्रों के पास भी सीमित कोयले का भंडार है. राज्य सरकार ने बढ़ी दर पर नेशनल पावर एक्सचेंज से बिजली खरीदने की पहल की है, लेकिन इसकी उपलब्धता नहीं है. त्योहार के कारण जहां एक तरफ पावर की डिमांड बढ़ेगी वहीं कम उत्पादन और आपूर्ति के कारण आने वाले दिनों में यह संकट और गहराने की संभावना है.

रांची: त्योहार के इस मौसम में राज्यवासी बिजली की किल्लत झेलने को मजबूर हैं. दरअसल, यह परेशानी सेंट्रल पुल से झारखंड को बिजली आपूर्ति में आ रही कमी के चलते हो रही है. बिजली आपूर्ति में आ रही कमी के पीछे देशभर के कई पावर प्लांट में क्षमता से कम बिजली का उत्पादन होना है. झारखंड सहित देश भर में छाये इस बिजली संकट ने सभी की चिंता बढ़ा दी है. बिजली उत्पादन में कमी के पीछे का कारण सूखे कोयले की कमी है. भारी बारिश के कारण गीला कोयला कोल कंपनियों द्वारा एनटीपीसी सहित अन्य बिजली कंपनियों को सप्लाई किया जा रहा है.

यह भी पढ़ें: ऊर्जा संकट! घंटों लोड-शेडिंग के बीच क्या पूजा के दौरान मिल सकेगी निर्बाध बिजली?

झारखंड में बिजली की भारी कमी

झारखंड में भी बिजली की निर्बाध आपूर्ति पर व्यापक असर पड़ा है. राज्य भार प्रेषण केंद्र में लगातार कई दिनों से सेंट्रल पूल से कम मिल रही बिजली शनिवार को भी जारी रहा. शनिवार को प्रतिदिन औसत बिजली खपत से करीब 400 मेगावाट कम बिजली मिली. आंकड़ों के अनुसार दोपहर 2 बजे तक सेंट्रल पूल से 560-580 मेगावाट बिजली मिली, वहीं टीवीएनएल की एक यूनिट बंद होने से परेशानी बनी रही. 100 मेगावाट सिकिदरी हाइडल से भी बिजली उत्पादन बंद होने से विभागीय अधिकारियों की परेशानी बनी रही. बिजली की कमी को देखते हुए झारखंड बिजली वितरण निगम द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में घंटों लोड शेडिंग की जा रही है. हालत यह है कि राजधानी के ग्रामीण इलाकों में शुक्रवार देर रात से सुबह तक बिजली गुल रही. शुक्रवार को राज्य भार प्रेषण केंद्र में 1241 मेगावाट बिजली की डिमांड राज्य भर में थी जबकि एसएलडीसी के पास सेंट्रल और स्टेट से कुल मिलाकर 1208 मेगावाट ही बिजली उपलब्ध थी.

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अभी जारी रहेगा बिजली संकट

बिजली की राष्ट्रव्यापी यह संकट किसी आपदा से कम नहीं है. आने वाले दिनों में यह संकट और बढ़ने की संभावना है. बिजली वितरण निगम के अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक लोग बिजली की खपत कम से कम कुछ दिनों के लिए करें, नहीं तो परेशानी बढ़ेगी. इधर, झारखंड बिजली श्रमिक संगठन ने भी बिजली की किल्लत को देखते हुए मुख्यमंत्री से इसमें पहल करने का आग्रह किया है.

बिजली संकट के कारण झारखंड सहित देश भर में त्राहिमाम मचा है. इस कमी के पीछे बड़ी वजह विद्युत उत्पादक संयंत्रों में कोयले की घोर किल्लत है. झारखंड के बिजली उत्पादक संयंत्रों के पास भी सीमित कोयले का भंडार है. राज्य सरकार ने बढ़ी दर पर नेशनल पावर एक्सचेंज से बिजली खरीदने की पहल की है, लेकिन इसकी उपलब्धता नहीं है. त्योहार के कारण जहां एक तरफ पावर की डिमांड बढ़ेगी वहीं कम उत्पादन और आपूर्ति के कारण आने वाले दिनों में यह संकट और गहराने की संभावना है.

Last Updated : Oct 9, 2021, 6:36 PM IST
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