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रांची जमीन घोटाला: करोड़ों रुपए के वसूले गए कमीशन, कर्मचारी से लेकर अधिकारी तक हुए मालामाल

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Published : Apr 18, 2023, 8:46 AM IST

रांची में हुए जमीन घोटाले में करोड़ों रुपए के कमीशन में वसूले गए. इसमें कमीशन का खेल ऐसा था कि कर्मचारी से लेकर अधिकारियों तक पैसे पहुंचते थे. ईडी ने जिन सात लोगों को हिरासत में लेकर पूछचाछ की है उन्होंने कई अहम खुलासे किए हैं. उनके खुलासों के आधार पर ही अब ईडी अपनी आगे की कार्रवाई करेगी.

Crores of rupees were scammed in the land scam
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रांची: सेना की जमीन में हुए फर्जीवाड़े में करोड़ों रुपए का बंदरबाट हुआ, ये रकम सिर्फ जमीन दिलवाने के एवज में कमीशन के रूप में बंटे थे. कमीशन खाने वालों में कर्मचारी से लेकर सत्ता के बेहद करीबी रहे आधा दर्जन से ज्यादा तथाकथित पैरवीकार भी शामिल थे. सूत्रों के अनुसार, ईडी की रिमांड में सातों आरोपी तोता बन राज खोल रहे हैं, जो आने वाले दिनों में जमीन के रसूखदार दलाल या पैरवीकारों की मुसीबतें बढ़ाएंगे.

ये भी पढ़ें: रांची जमीन घोटाले के आरोपियों से पूछताछ शुरू, ईडी को मिली है चार दिनों की रिमांड

करोड़ नहीं अब अरब पार: जमीन घोटाले की जांच अब ईडी कर रही है, ईडी सूत्रों के अनुसार यह घोटाला भी अरबों रुपए का है. इस घोटाले में बड़े-बड़े लोगों को सिर्फ इसलिए फायदा पहुंचाया गया ताकि आर्मी की बेशकीमती जमीन को हासिल किया जा सके. ईडी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस डील को सिर्फ मैनेज करने के नाम पर ही 50 करोड़ से ज्यादा रुपये बांटे गए. सूत्र बताते हैं कि सत्ता के पावर ब्रेकर कहे जाने वाले प्रेम प्रकाश भी इस डील में सीधे तौर पर जुड़ा हुआ था. उसे भी टोकन मनी के तौर पर इस डील में 1 करोड़ से ज्यादा रुपये मिले थे, जब जमीन पर पूरी तरह से कब्जा हो जाता, तब एक और बड़ी रकम के साथ साथ जमीन पर बनने वाले प्रोजेक्ट में भी उसकी हिस्सेदारी होती थी.

पूछताछ का तीसरा दिन: राजधानी रांची में जमीन के खेल में कई बड़े नाम ईडी की रडार पर आएंगे, यह तो तय हो गया है. ईडी के निशाने पर फिलहाल आईएएस छवि रंजन हैं, उन्हें 21 अप्रैल को समन देकर एजेंसी के दफ्तर बुलाया गया है. मंगलवार को लगातार तीसरे दिन ईडी जमीन के फर्जी कागजात बनाने वाले अफसर अली, उसके गिरोह के मो सद्दाम, इम्तियाज अहमद, ताल्हा खान, बड़गाई अंचल के कर्मी भानु प्रताप प्रसाद समेत कई लोगों से रिमांड में पूछताछ होगी. इसमे कई अहम खुलासे हो सकते हैं, जो ईडी की जांच की दिशा को आगे बढ़ाएंगे.

बरियातू फायरिंग रेंज में भी घपला: फर्जी दस्तावेजों के आधार पर केवल सेना की जमीन को ही नहीं टारगेट किया गया, बरियातू फायरिंग रेंज स्थित कई एकड़ जमीन भी अफसर अली के टारगेट पर थे, कई पर कब्जा हो रखा है और कई पर किया जा रहा था. ईडी की पूछताछ में अफसर अली इस बात का खुलासा किया कि इन मामले में कोलकाता के रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस के कर्मियों की भी भूमिका है. इसके अलावा उसने ये भी बताया कि कैसे रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस के कर्मियों ने पैसे लेकर जमीनों की प्रकृति में छेड़छाड़ की और उसे बदल दिया. इसके अलावा पुराने डीड और रजिस्टर में बदलाव किए, जिससे उस जमीन का फर्जी कागजात बनाकर रजिस्ट्री करायी गयी. यही कारण है कि अब ईडी ने रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस के त्रिदीप मिश्रा को समन किया है.

फर्जी कागजों का मास्टर है अफसर: ईडी के छापेमारी के दौरान अफसर अली के घर से जाली कागजातों इस्तेमाल संबंधित कई अहम दस्तावेज हाथ लगे थे. ईडी के सामने भी अफसर अली ने स्वीकार किया है कि सेना की 4.55 एकड़ जमीन के फर्जी कागजात बनाने में उसकी भूमिका रही. काजग में छेड़छाड़ करने के बाद प्रदीप बागची ने जमीन की रजिस्ट्री जगत बंधु टी एस्टेट के नाम कर दी. अफसर अली ने चेशायर होम रोड के एक एकड़ जमीन में भी फर्जी कागजात जगदीश राय के नाम पर बनाया, इसके बाद इस जमीन की बिक्री राजेश राय ने पुनीत अग्रवाल को की, इसके बाद इस जमीन की खड़ी विष्णु अग्रवाल के द्वारा की गई.

रांची: सेना की जमीन में हुए फर्जीवाड़े में करोड़ों रुपए का बंदरबाट हुआ, ये रकम सिर्फ जमीन दिलवाने के एवज में कमीशन के रूप में बंटे थे. कमीशन खाने वालों में कर्मचारी से लेकर सत्ता के बेहद करीबी रहे आधा दर्जन से ज्यादा तथाकथित पैरवीकार भी शामिल थे. सूत्रों के अनुसार, ईडी की रिमांड में सातों आरोपी तोता बन राज खोल रहे हैं, जो आने वाले दिनों में जमीन के रसूखदार दलाल या पैरवीकारों की मुसीबतें बढ़ाएंगे.

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करोड़ नहीं अब अरब पार: जमीन घोटाले की जांच अब ईडी कर रही है, ईडी सूत्रों के अनुसार यह घोटाला भी अरबों रुपए का है. इस घोटाले में बड़े-बड़े लोगों को सिर्फ इसलिए फायदा पहुंचाया गया ताकि आर्मी की बेशकीमती जमीन को हासिल किया जा सके. ईडी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस डील को सिर्फ मैनेज करने के नाम पर ही 50 करोड़ से ज्यादा रुपये बांटे गए. सूत्र बताते हैं कि सत्ता के पावर ब्रेकर कहे जाने वाले प्रेम प्रकाश भी इस डील में सीधे तौर पर जुड़ा हुआ था. उसे भी टोकन मनी के तौर पर इस डील में 1 करोड़ से ज्यादा रुपये मिले थे, जब जमीन पर पूरी तरह से कब्जा हो जाता, तब एक और बड़ी रकम के साथ साथ जमीन पर बनने वाले प्रोजेक्ट में भी उसकी हिस्सेदारी होती थी.

पूछताछ का तीसरा दिन: राजधानी रांची में जमीन के खेल में कई बड़े नाम ईडी की रडार पर आएंगे, यह तो तय हो गया है. ईडी के निशाने पर फिलहाल आईएएस छवि रंजन हैं, उन्हें 21 अप्रैल को समन देकर एजेंसी के दफ्तर बुलाया गया है. मंगलवार को लगातार तीसरे दिन ईडी जमीन के फर्जी कागजात बनाने वाले अफसर अली, उसके गिरोह के मो सद्दाम, इम्तियाज अहमद, ताल्हा खान, बड़गाई अंचल के कर्मी भानु प्रताप प्रसाद समेत कई लोगों से रिमांड में पूछताछ होगी. इसमे कई अहम खुलासे हो सकते हैं, जो ईडी की जांच की दिशा को आगे बढ़ाएंगे.

बरियातू फायरिंग रेंज में भी घपला: फर्जी दस्तावेजों के आधार पर केवल सेना की जमीन को ही नहीं टारगेट किया गया, बरियातू फायरिंग रेंज स्थित कई एकड़ जमीन भी अफसर अली के टारगेट पर थे, कई पर कब्जा हो रखा है और कई पर किया जा रहा था. ईडी की पूछताछ में अफसर अली इस बात का खुलासा किया कि इन मामले में कोलकाता के रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस के कर्मियों की भी भूमिका है. इसके अलावा उसने ये भी बताया कि कैसे रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस के कर्मियों ने पैसे लेकर जमीनों की प्रकृति में छेड़छाड़ की और उसे बदल दिया. इसके अलावा पुराने डीड और रजिस्टर में बदलाव किए, जिससे उस जमीन का फर्जी कागजात बनाकर रजिस्ट्री करायी गयी. यही कारण है कि अब ईडी ने रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस के त्रिदीप मिश्रा को समन किया है.

फर्जी कागजों का मास्टर है अफसर: ईडी के छापेमारी के दौरान अफसर अली के घर से जाली कागजातों इस्तेमाल संबंधित कई अहम दस्तावेज हाथ लगे थे. ईडी के सामने भी अफसर अली ने स्वीकार किया है कि सेना की 4.55 एकड़ जमीन के फर्जी कागजात बनाने में उसकी भूमिका रही. काजग में छेड़छाड़ करने के बाद प्रदीप बागची ने जमीन की रजिस्ट्री जगत बंधु टी एस्टेट के नाम कर दी. अफसर अली ने चेशायर होम रोड के एक एकड़ जमीन में भी फर्जी कागजात जगदीश राय के नाम पर बनाया, इसके बाद इस जमीन की बिक्री राजेश राय ने पुनीत अग्रवाल को की, इसके बाद इस जमीन की खड़ी विष्णु अग्रवाल के द्वारा की गई.

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