रांची: चिलचिलाती धूप और गर्मी ने लोगों के जीवन में कई समस्याएं खड़ी कर दी हैं. पानी और बिजली की समस्या से लोग उभरे भी नहीं हैं कि अब राजधानी में एक और समस्या ने पांव पसार दिए हैं. ये समस्या मजदूरों के रोजगार की है.
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इस बार की भीषण गर्मी से मजदूर वर्ग काफी परेशानी में है. रोज कमाने खाने वाले मजदूरों के लिए सिर्फ उनका काम ही सहारा होता है. काम है तो घर में खाना है, नहीं तो पूरा परिवार भूखा सोने को मजबूर हो जाता है. लेकिन, जिस प्रकार से राजधानी रांची में पिछले कुछ दिनों से चिलचिलाती धूप और हीटवेव बढ़ा है, ऐसे में मजदूरों को काम मिलना बंद हो गया है.
मजदूरों को काम मिलना बंद: दरअसल, राजधानी रांची में हर दिन आसपास के इलाके से लाखों ऐसे मजदूर आते हैं, जो मजदूरी कर अपने और अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं. लेकिन इन मजदूरों को काम मिलना बंद हो गया है, इसका कारण भीषण गर्मी का प्रकोप है. बाहर से आने वाले मजदूरों ने बताया कि जिस तरह से गर्मी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, ऐसे में ठेकेदारों और कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिकों ने काम बंद करा दिया है.
राजधानी के सुदूर क्षेत्र चान्हो से आए एक मजदूर ने बताया कि जिस तरह से गर्मी बढ़ रही है, ऐसे में कई कंस्ट्रक्शन साइट पर पानी का लेवल कम हो गया है. पानी का लेवल कम होने के कारण बिना पानी के कंस्ट्रक्शन का काम पूरा नहीं हो सकता.
गर्मी से गश खाकर गिरने का खतरा: वहीं एक मजदूर ने बताया कि गर्मी में मजदूरों को काम करना बहुत ही मुश्किल हो जाता है. कई बार कंस्ट्रक्शन साइट पर मजदूरों और कुलियों को ऊंचाई पर काम करना पड़ता है. ऐसे में जब सूर्य की गर्मी शरीर और सिर पर पड़ती है, तो लगता है कि मजदूर जमीन पर गश खाकर नीचे गिर जाएंगे. ऐसे में उनकी जान जाने की भी आशंका बनी रहती है. इस वजह से कई बुजुर्ग और महिला मजदूर काम पर नहीं निकल पा रहे हैं.
बढ़ती गर्मी और हीटवेव की वजह से आ रही समस्या को लेकर मजदूरों ने अपनी परेशानी बताते हुए कहा कि रांची के मंडी में कई ऐसे मजदूर हैं जो दूरदराज के इलाके से अपना भाड़ा खर्च करके आते हैं. लेकिन उन्हें जब काम नहीं मिलता है तो वह निराश होकर घर लौटते हैं और उन्हें अपनी जेब से आने जाने का भाड़ा खर्च करना पड़ता है. गर्मी में काम नहीं मिलने के कारण मजदूरों ने सरकार से आग्रह किया कि मजदूरी के दर में बढ़ोतरी की जाए ताकि यदि गर्मी में लोग अपना पसीना बहा रहे हैं तो उन्हें कुछ आर्थिक लाभ भी हो सके.
बिना काम के मजदूरों को पैसे दे ठेकेदार: मजदूरों की बढ़ती परेशानी को देखते हुए मजदूर नेताओं की तरफ से यह भी मांग की जा रही है कि बढ़ती गर्मी के कारण मजदूरों को जब काम नहीं मिल रहा है तो ऐसे में ठेकेदारों और कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिकों को बिना काम के मजदूर को पैसे देने चाहिए. उन्होंने सरकार से भी मांग की है कि श्रम विभाग की तरफ से जो भी मजदूर रजिस्टर्ड हैं, उनके खाते में 15 दिनों का पैसा अवश्य आवंटित किया जाना चाहिए, ताकि जो मजदूर रोज खाने कमाने वाले हैं, वह गर्मी की वजह से बिना काम किए भी पैसे प्राप्त कर सके.