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रांचीः अपराधियों ने कार्ड का क्लोन बनाकर एक व्यक्ति के खाते से सवा लाख उड़ाए, फौजी के भी रुपये निकाले

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Published : Dec 20, 2020, 9:34 AM IST

रांची में साइबर ठगों ने ताबड़तोड़ दो बड़ी वारदात को अंजाम दिया है. हरमू हाउसिंग कॉलोनी में रहवे वाले एक व्यक्ति के खाते से कार्ड का क्लोन बनाकर सवा लाख रुपये उड़ा लिए तो नामकुम कैंट में तैनात एक फौजी के खाते से 46 हजार रुपये उड़ा लिए.

criminals cloned card and withdraws 1.25 lakh from account In Ranchi
रांची में अपराधियों ने कार्ड का क्लोन बनाए

रांचीः जिले में साइबर अपराधी लगातार लोगों के खातों में सेंध लगा रहे हैं. एक के बाद एक मामले हर दिन सामने आ रहे हैं. अब हरमू हाउसिंग कॉलोनी में रहने वाले सुधाकर समल के खाते से 1.22 लाख रुपये उड़ा लिए गए. आशंका जताई जा रही है कि क्लोन एटीएम के जरिए वारदात को अंजाम दिया गया, क्योंकि पीड़ित को न किसी ने कॉल कर खाते की जानकारी मांगी और न ही उनके पास कोई ओटीपी ही आई. इस मामले को लेकर अरगोड़ा थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है.

सुधाकर समल ने अरगोड़ा थाना पुलिस को बताया कि उनका खाता एचडीएफसी बैंक की रातू रोड शाखा में है. यह खाता वे 6 वर्ष से संचालित कर रहे हैं. उनके अकाउंट से अचानक रुपये निकल गए. उन्होंने पुलिस को बैंक स्टेटमेंट भी उपलब्ध कराई है. पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है.

एटीएम का न पिन पूछा न कोई डिटेल ली फौजी के खाते से उड़ा लिए रुपये

नामकुम कैंट में तैनात एक सेना जवान को भी एटीएम क्लोन के जरिये निशाना बनाया गया. नामकुम स्थित आर्मी कैंट के जवान संतोष कुमार के खाते से 46 हजार रुपये की निकासी कर ली गई. उन्हें इसकी जानकारी तब मिली, जब उनके मोबाइल पर मैसेज आया, जबकि उनका एटीएम उनके पास ही था. उनका भी कहना है कि उन्होंने किसी को भी पिन और डिटेल नहीं बताई. वारदात के बाद जब वे अपने बैंक शाखा पहुंचे, तो उन्हें बताया कि चुटिया के स्टेशन रोड स्थित एटीएम से रुपये की निकासी कर ली गई. इसके बाद वे चुटिया थाना पहुंचे और प्राथमिकी दर्ज कराई. पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।

साइबर फ्रॉड ऐसे करते हैं एटीएम कार्ड की क्लोनिंग

स्कीमर के जरिए जालसाज एटीएम कार्ड का क्लोन बना लेते हैं और खाते से पैसा निकाल लेते हैं. स्कीमर एक ऐसी डिवाइस होती है जो एटीएम मशीन में जहां कार्ड लगता है, वहां लगा दी जाती है. इससे जब कोई पैसे निकालने आता है तो उसे पता ही नहीं होता कि यहां स्कीमर लगा हुआ है.

दरअसल यह डिवाइस उसी जगह में फिट हो जाती है जहां कार्ड लगता है, जब कोई इसमें कार्ड लगाता है तो यह कार्ड का डेटा कॉपी कर लेता है और फिर जालसाज उसी डेटा का दूसरा कार्ड बनाकर पैसे निकाल लेते हैं. इसके अलावा वह एटीएम में एक कैमरा भी लगाते हैं जिस कैमरे में वह पासवर्ड रिकॉर्ड करते हैं. दरअसल वह कैमरा ऐसी जगह लगाते हैं जहां से पासवर्ड आसानी से रिकॉर्ड किया जा सके. वारदात को अंजाम देने के समय इस गिरोह के सदस्य एटीएम से पैसे निकालने के बहाने एटीएम मशीन के आस पास ही खड़े रहते हैं.

रांचीः जिले में साइबर अपराधी लगातार लोगों के खातों में सेंध लगा रहे हैं. एक के बाद एक मामले हर दिन सामने आ रहे हैं. अब हरमू हाउसिंग कॉलोनी में रहने वाले सुधाकर समल के खाते से 1.22 लाख रुपये उड़ा लिए गए. आशंका जताई जा रही है कि क्लोन एटीएम के जरिए वारदात को अंजाम दिया गया, क्योंकि पीड़ित को न किसी ने कॉल कर खाते की जानकारी मांगी और न ही उनके पास कोई ओटीपी ही आई. इस मामले को लेकर अरगोड़ा थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है.

सुधाकर समल ने अरगोड़ा थाना पुलिस को बताया कि उनका खाता एचडीएफसी बैंक की रातू रोड शाखा में है. यह खाता वे 6 वर्ष से संचालित कर रहे हैं. उनके अकाउंट से अचानक रुपये निकल गए. उन्होंने पुलिस को बैंक स्टेटमेंट भी उपलब्ध कराई है. पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है.

एटीएम का न पिन पूछा न कोई डिटेल ली फौजी के खाते से उड़ा लिए रुपये

नामकुम कैंट में तैनात एक सेना जवान को भी एटीएम क्लोन के जरिये निशाना बनाया गया. नामकुम स्थित आर्मी कैंट के जवान संतोष कुमार के खाते से 46 हजार रुपये की निकासी कर ली गई. उन्हें इसकी जानकारी तब मिली, जब उनके मोबाइल पर मैसेज आया, जबकि उनका एटीएम उनके पास ही था. उनका भी कहना है कि उन्होंने किसी को भी पिन और डिटेल नहीं बताई. वारदात के बाद जब वे अपने बैंक शाखा पहुंचे, तो उन्हें बताया कि चुटिया के स्टेशन रोड स्थित एटीएम से रुपये की निकासी कर ली गई. इसके बाद वे चुटिया थाना पहुंचे और प्राथमिकी दर्ज कराई. पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।

साइबर फ्रॉड ऐसे करते हैं एटीएम कार्ड की क्लोनिंग

स्कीमर के जरिए जालसाज एटीएम कार्ड का क्लोन बना लेते हैं और खाते से पैसा निकाल लेते हैं. स्कीमर एक ऐसी डिवाइस होती है जो एटीएम मशीन में जहां कार्ड लगता है, वहां लगा दी जाती है. इससे जब कोई पैसे निकालने आता है तो उसे पता ही नहीं होता कि यहां स्कीमर लगा हुआ है.

दरअसल यह डिवाइस उसी जगह में फिट हो जाती है जहां कार्ड लगता है, जब कोई इसमें कार्ड लगाता है तो यह कार्ड का डेटा कॉपी कर लेता है और फिर जालसाज उसी डेटा का दूसरा कार्ड बनाकर पैसे निकाल लेते हैं. इसके अलावा वह एटीएम में एक कैमरा भी लगाते हैं जिस कैमरे में वह पासवर्ड रिकॉर्ड करते हैं. दरअसल वह कैमरा ऐसी जगह लगाते हैं जहां से पासवर्ड आसानी से रिकॉर्ड किया जा सके. वारदात को अंजाम देने के समय इस गिरोह के सदस्य एटीएम से पैसे निकालने के बहाने एटीएम मशीन के आस पास ही खड़े रहते हैं.

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