रांची: गैंगस्टर अमन साव जेल में रहते हुए भी झारखंड पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ है. दुमका जेल से ही अमन साव कारोबारियों को टारगेट कर रहा है. अमन के नाम पर लगातार कारोबारियों को धमकी मिल रही है. जो कारोबारी धमकी को नजरअंदाज कर रहे हैं उनपर गोलियां चल रही हैं. राज्य के रांची, हजारीबाग, रामगढ़, चतरा और लातेहार जैसे जिलों में काम करने वाले कोयला कारोबारी लगातार मिल रही धमकी से दहशत में हैं.
दुमका जेल में बंद अमन ने फर्जी तरीके से सिम कार्ड लिया: डीजीपी के आदेश के बाद एटीएस और सीआईडी संयुक्त रूप से अमन साव गिरोह पर नकेल कसने की कोशिश कर रही है. अमन साव और उसके गैंग की गतिविधियों की समीक्षा के बाद यह पाया गया है कि अमन साव ने गिरिडीह के एक व्यक्ति के पते पर फर्जी तरीके से सिम कार्ड हासिल किया और फिर उस सिम कार्ड का इस्तेमाल दुमका जेल से किया जा रहा है. जांच में यह बात भी सामने आई है कि दुमका जेल के लोकेशन पर एक्टिव सिम से ही मयंक सिंह के नाम पर फेसबुक पेज ऑपरेट किया जा रहा है. सीआईडी ने मामले की जानकारी दुमका जेल प्रशासन को दी है. इसके बाद उसका मोबाइल फोन अचानक डिएक्टिव हो गया. सीआईडी पूरे मामले की तफ्तीश कर रही है.
रांची में आधा दर्जन कारोबारियों से मांगी रंगदारी: रांची में कोयला कारोबारी रंजीत गुप्ता पर फायरिंग के बाद अमन साव के गुर्गों ने कई कारोबारियों को फोन पर धमकाना शुरू कर दिया है. रांची, लातेहार और चतरा के कोयला कारोबारियों को अमन साव का गुर्गा बताने वाले मयंक सिंह ने फोन करना शुरू कर दिया है. मयंक सिंह ने फोन कर कई लोगों से रंगदारी की मांग की है. साथ ही पैसे नहीं देने पर अंजाम भुगतने की धमकी भी मयंक के द्वारा दी जा रही है. चतरा के कारोबारी रिंकू सिंह से दो दिन पूर्व ही अमन के नाम पर एक करोड़ रुपए की रंगदारी मांगी गई है. रिंकू सिंह का परिवार रांची में ही रहता है.
यूएपीए के तहत मामला दर्ज होगा: अमन साहू पर नकेल कसने के लिए अब उस पर अनलॉफुल एक्टिविटिज प्रिवेंशन एक्ट (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया जाएगा. आमतौर पर उग्रवादी संगठन के सदस्यों पर लगने वाली यूएपीए की धारा 16 के तहत अमन साव पर मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया है. अमन साव की गतिविधियों की समीक्षा के बाद सीआईडी के डीजी अनुराग गुप्ता ने एटीएस एसपी को लिखित आदेश दिया है कि वह अमन साव के खिलाफ नया केस दर्ज करें. लिखित आदेश के बाद एटीएस ने इस संबंध में तैयारी शुरू कर दी है.
अब हर 15 दिनों में होगी मॉनिटरिंग बैठक: वहीं दूसरी तरफ डीजीपी के आदेश के बाद झारखंड में अमन साव, सुजीत सिन्हा, अमन श्रीवास्वत, विकास तिवारी, अखिलेश सिंह समेत तमाम संगठित आपराधिक गिरोहों की गतिविधियों पर लगाम कसने की रणनीति पर सीआईडी ने काम शुरू कर दिया है. अब प्रत्येक 15 दिन में संगठित आपराधिक गिरोह की गतिविधियों को लेकर बैठक सीआईडी मुख्यालय में होगी. जिसमें गिरोह के सदस्यों पर दर्ज केस, उन पर लगाम लगाने की कवायदों में हुई एक्शन टेकन रिपोर्ट की समीक्षा सीआईडी के डीजी करेंगे. वहीं एटीएस के अनुसंधान की भी समीक्षा सीआईडी के द्वारा की जाएगी. सीआईडी के अनुसंधान का हिस्सा सीआईडी, जबकि ऑपरेशनल पार्ट को मुख्यालय की अभियान शाखा देखेगी.