रांचीः भीमा-कोरेगांव केस में फादर स्टेन स्वामी (Father Stan Swami) की गिरफ्तारी और उनकी मौत के बाद पहली बार झारखंड के सबसे बड़े नक्सली संगठन भाकपा माओवादियों (CPI Maoists) ने चुप्पी तोड़ी है. भाकपा माओवादी संगठन के केंद्रीय कमिटी के प्रवक्ता अभय ने सोमावर को पत्र जारी किया है, जिसमें फादर स्टेन स्वामी को श्रद्धांजलि दी है और कहा है कि एनआईए (NIA) ने गलत तरीके से फादर स्टेन को फंसाया.
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भीमा कोरेगांव में आरोपित लोगों को रिहा की मांग
माओवादियों ने पत्र में लिखा है कि देश के दलित और आदिवासी अपने हितैषी और सच्चे जनवादी नेता को खो चुके हैं. माओवादियों ने मांग की है कि भीमा-कोरेगांव मामले में गिरफ्तार और जेल में बंद सभी सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ताओं को रिहा किया जाए और केस बिना शर्त वापस ली जाए. माओवादियों ने लेखकों, कलाकारों, गायकों, वकीलों, जनवादी बुद्धिजीवियों से अपील करते हुए आगे आने को कहा है.
यूएपीए हटाने को लेकर दायर की थी याचिका
फादर स्टेन मुंबई के जेल में रहने के दौरान गंभीर बीमारियों का हवाला देते हुए जमानत की मांग की. लेकिन एनआईए ने हर बार जमानत का विरोध किया. पिछले सोमवार को दिन के डेढ़ बजे स्टेन स्वामी की मौत हुई, तब मुंबई हाई कोर्ट में जमानत याचिका पर सुनवाई होनी थी. कोर्ट में सुनवाई के दौरान फादर स्टेन के वकील ने अदालत को मौत की जानकारी दी. मौत के पहले फादर स्टेन स्वामी ने यूएपीए एक्ट (UPA Act) हटाने को लेकर भी याचिका दायर की थी.