रांची: विभिन्न राज्यों से हजारों मजदूरों को लेकर ट्रेनों और बसों के माध्यम से झारखंड पहुंचाया जा चुका है. इन तमाम मजदूरों की स्क्रीनिंग रेलवे स्टेशन पर की जा रही है. वहीं, जिनका बॉडी टेंपरेचर हाई है या फिर संदिग्ध पाए जा रहे हैं. उनका कोविड-19 टेस्ट ऑन द स्पॉट किया जा रहा है. हटिया रेलवे स्टेशन के समीप डीआरएम ऑफिस के सामने जिला प्रशासन के जरिए व्यवस्था की गई है.
मजदूर दिवस यानी 1 मई से लगातार लॉकडाउन के दौरान ही प्रवासी मजदूरों, टूरिस्ट और छात्रों के साथ-साथ इलाज कराने गए बाहर फंसे मरीजों को झारखंड लाने का सिलसिला बदस्तूर जारी है. इसके साथ ही प्रशासन कि यह जिम्मेदारी है कि जो लोग बाहर से आ रहे हैं, उनकी समुचित जांच हो. अगर वह रेड जोन से आ रहे हैं, तो उनका कोविड-19 का टेस्ट भी हो. बता दें कि हटिया रेलवे स्टेशन पर पहुंचने वाले तमाम ट्रेनों के यात्रियों की समुचित जांच जरूर की जा रही है. हटिया रेलवे स्टेशन के समीप डीआरएम ऑफिस के ठीक सामने करीब 6 वैन के जरिए कोविड-19 टेस्ट किया जा रहा है. वहीं, जो यात्री रेड जोन से पहुंचे हैं उन्हें अलग रखा जा रहा है. एसडीओ ने पूरी जानकारी देते हुए बताया कि जिनका टेंपरेचर सामान्य से अधिक है या फिर किसी तरीके से वह संदिग्ध दिख रहे हैं या कोरोना वायरस के लक्षणों में से किसी भी लक्षण उनमें है, तो वैसे लोगों को पहले अलग किया जा रहा है. उनका कोविड-19 टेस्ट भी ऑन द स्पॉट ही किया जा रहा है. रांची के एसडीओ ने इस पूरे मामले की जानकारी दी है.
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एसडीओ लोकेश मिश्रा ने कहा कि यह जिला प्रशासन की प्राथमिकता है कि कोई कोरोना पॉजिटिव बिना जांच के ही घर तक ना पहुंच जाए. हालांकि, कोविड-19 टेस्ट के लिए सैंपल लिए जाने के बाद उन्हें कड़ी हिदायत दी जा रही है और हाथों में मुहर मारकर होम क्वॉरेंटाइन का निर्देश दिया जा रहा है. जिसके बाद उस पर 24 घंटे निगरानी भी प्रशासन के जरिए रखे जाने की बात कही है.