रांचीः मानव तस्करी अशोक राठी उर्फ रविंद्र राठी को अपर न्यायायुक्त एसके पांडेय की अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनायी है. साथ ही, 50 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना नहीं देने पर 6 महीने अतिरिक्त सजा काटनी होगी.
मामला धुर्वा/तुपुदाना कांड संख्या 29/ 2014 से जुड़ा है. 28 जनवरी 2014 को पीड़िता के पिता ने अशोक राठी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी. 11 मई 2014 को अदालत में चार्जशीट दाखिल की गयी. वहीं, 12 मार्च 2016 को चार्जफ्रेम किया गया था. इसके साथ ही अभियोजन पक्ष की ओर से 7 गवाहों की पेशी हुई थी.
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क्या है मामला
दिल्ली में प्लेसमेंट एजेंसी चलाता था अशोक राठी उर्फ रवींद्र राठी. वो मूल रूप से हरियाणा के झज्जर का रहने वाला है. दिल्ली में गुडविल प्लेसमेंट सर्विस एजेंसी चलाता था. प्राथमिकी दर्ज होने से 8 साल पहले वो एक नाबालिग को काम दिलाने के बहाने दिल्ली ले गया. जहां उसे एक व्यवसायी के हाथों बेच दिया गया. पीड़िता व्यवसायी के यहां करीब 6 साल तक बंधुआ मजदूरी करती रही. किसी तरह वहां से निकल कर अपने परिजनों को इसकी सूचना दी. इसके बाद रांची पुलिस ने पीड़िता को दिल्ली से मुक्त कराया. इसके साथ ही आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया.