रांची: 2019 के विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन के दलों ने जनता से कई वादे किए थे, उसमें से एक प्रमुख और लोक लुभावन वादा था राज्य में 100 यूनिट तक बिजली बिल माफी. विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की जीत हुई और हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार भी बनी. लेकिन अब लगता है कि हेमंत सोरेन की सरकार बिजली बिल माफ करने का वादा भूल गई. वहीं, बिजली उपभोक्ताओं को अभी भी वादे पूरा होने का इंतजार है.
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बीजेपी ने कसा तंज, कोई भी वादा पूरा नहीं करेगी हेमंत सरकार
झारखंड के पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक सीपी सिंह (BJP MLA CP Singh) ने महागठबंधन के दलों पर राज्य की जनता के साथ धोखा करार देते हुए कहा कि एक नहीं कई वादे जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी ने किए थे, लेकिन ये वादे पूरे नहीं किए गए और ना ही किए जाएंगे. सीपी सिंह ने कहा कि सरकार वादा पूरा करने की जगह सत्ता में बने रहने के लिए समीकरण के अंकगणित में लगी रहती है. ऐसे में यह सरकार राज्य की जनता से किया कोई वादा पूरा नहीं करेगी.
JMM का BJP को जवाब
सरकार और सत्तारूढ़ दलों पर वादाखिलाफी के आरोप पर झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने पलटवार करते हुए कहा कि जनता से किये वादे के लिए बीजेपी चिंतित न हो. कोरोना काल के चलते हो रही परेशानियों का जिक्र करते हुए जेएमएम के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा कि हेमंत सरकार न सिर्फ जनता से किए एक-एक वादे पूरे करेगी, बल्कि सरकार के पांच साल होने पर जनता को एक-एक वादे पर हुए काम का जवाब देगी. महागठबंधन की ओर से जनता से किए वादे को भूल जाने के बीजेपी के आरोप पर JMM भले ही पांच साल बाद हिसाब देने की बात कह रहा हो, लेकिन कांग्रेस सीधे केंद्र सरकार के रोजगार, महंगाई और काला धन वापसी कर हर एक के खाते में 15 लाख की बात कह हमलावर हो जाती है.
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क्या था 100 यूनिट बिजली फ्री का वादा?
झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 (Jharkhand assembly elections) में जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी ने चुनाव जीतकर सरकार बनाने पर 100 यूनिट तक बिजली फ्री करने का वादा किया था और यह कहा गया था कि इससे कई लोगों को बिजली बिल से मुक्ति मिल जाएगी. अब जब हेमंत सरकार के डेढ़ साल से ज्यादा हो चुके हैं, तो लोगों को अभी भी हेमंत सोरेन के वादे का इंतजार है.