रांचीः झारखंड में भले ही कोरोना वायरस संक्रमण की रफ्तार न के बराबर हो और सरकार थ्री टी यानी ट्रेसिंग, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट पर जोर देने की बात कर भविष्य में राज्य में कोरोना संक्रमण को नहीं बढ़ने देने का दावा कर रही हो, लेकिन सच्चाई यह है कि सरकार और स्वास्थ्य विभाग की तमाम कोशिशों और घोषणाओं के बाद भी झारखंड में सैंपल की टेस्टिंग बेहद कम हो (Corona Virus Testing Work Slow In Jharkhand) रही है.
साल के अंतिम दिन यानी 31 दिसंबर 2022 को भी राज्य में महज 1512 सैंपल का कलेक्शन हुआ तो वहीं 1722 सैंपल की जांच हुई. ऐसे में जब चीन सहित दुनिया के कई हिस्सों में ओमिक्रोन के नए सब वेरिएंट बीएफ 7 की वजह से दुनिया चिंतित है और भारत में भी कई राज्यों में नए वेरिएंट संक्रमित मरीज मिल चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद झारखंड टेस्टिंग को लेकर अभी भी उदासीन ही दिख रहा है. स्वास्थ्य विभाग का राजधानी रांची में ही छह जगहों पर सैंपल कलेक्शन सेंटर तीन पालियों में चल रहा है तो पूरे राज्य भर में भी कोरोना जांच के लिए सैंपल कलेक्शन सेंटर खोले गए हैं. जिसमें एमपीडब्ल्यू और एएनएम को तैनात किया गया है.
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झारखंड में कोरोना के मात्र दो एक्टिव केसः वर्तमान में अगर बात करें तो कोरोना के दो एक्टिव केस झारखंड में (Active Cases Of Corona In Jharkhand) हैं. जिसमें एक जमशेदपुर में और दूसरा खूंटी में है. झारखंड के लिए राहत की बात यह है कि यहां पर कोरोना का सेवन डेज ग्रोथ रेट जहां शून्य हैं, वहीं सेवन डेज डबलिंग रेट 536839 दिन का है. राज्य में कोरोना रिकवरी रेट 98.8% है, तो मोटिलिटी रेट 1.20% है.
जगह-जगह खोले गए कोरोना जांच केंद्र, पर जांच न के बराबरः रांची में बिरसा मुंडा एयरपोर्ट में टेस्टिंग के लिए तीन-तीन टीमें लगाई गईं हैं. साथ-साथ दंडाधिकारी की भी नियुक्ति हुई हैं. इसी तरह हटिया रेलवे स्टेशन, रांची रेलवे स्टेशन, सरकारी बस स्टैंड, बिरसा मुंडा अंतरराज्यीय राज्य बस स्टैंड खादगढ़ा और आईटीआई बस स्टैंड पर भी कोरोना सैंपल जांच के लिए तीन-तीन टीमें लगाई गई (Corona Testing At Major Places In Ranchi)हैं और सभी टीम के साथ दंडाधिकारी की भी नियुक्ति की गई है. इसके अलावा रांची में सदर अस्पताल में भी स्टैटिक कोरोना वायरस कलेक्शन सेंटर काम कर रहा है. राजधानी रांची में कोरोना सैंपल जांच सेंटर खुलने के बावजूद राज्य में कोरोना जांच कराने वालों की संख्या काफी कम है.
लोग स्वेच्छा से जांच कराने के लिए नहीं आ रहे आगेः ऐसे में सवाल उठता है कि संदिग्ध मरीजों में संक्रमण है या नहीं इसकी पहचान कैसे हो पाएगी. रांची सहित राज्यभर में कम हो रहे कोरोना सैम्पल कलेक्शन को लेकर रांची में कोरोना जांच के नोडल अधिकारी डॉ अखिलेश झा कहते हैं कि अभी बाहर से जो लोग राज्य में या रांची में आ रहे हैं उनमें से सभी की जांच जरूरी नहीं है. ऐसे में जिन लोगों में कुछ लक्षण दिखता है उनका या रेंडमली यात्रियों की जांच एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड पर की जा रही है. इस वजह से संख्या थोड़ी कम है. उन्होंने यह भी माना कि अभी स्वेच्छा से बूथ पर आकर कोरोना जांच कराने वालों की संख्या भी कम है. जिसे बढ़ाने की कोशिश लगातार की जा रही है.