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कोविड का सफलतापूर्वक इलाज करने वाला पहला निजी अस्पताल बना मेडिका, कर्मियों में खुशी

रांची में पहली बार निजी अस्पताल में एक मरीज ने कोरोना की जंग में जीत पाकर अस्पताल से डिस्चार्ज हुए हैं. मेडिका अस्पताल के आईसीयू में भर्ती इस मरीज के ठीक होने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने मरीज का स्वागत करते हुए उन्हें खुशी-खुशी अस्पताल से विदा किया है.

कोविड का सफलतापूर्वक इलाज करने वाला पहला निजी स्वास्थ्य संस्थान बना मेडिका अस्पताल
Corona patient cured in private hospital Medica
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Published : Jul 6, 2020, 10:38 PM IST

Updated : Jul 7, 2020, 11:29 AM IST

रांची: राजधानी में एक तरफ कोरोना संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या को लेकर लोग परेशान हैं तो वहीं दूसरी ओर मरीज के ठीक होने का भी सिलसिला लगातार जारी है, जिससे लोगों में थोड़ी राहत है. इसी के मद्देनजर राज्य में पहली बार निजी अस्पताल मेडिका में कोरोना की जंग में जीत पाकर अस्पताल से डिस्चार्ज हुए हैं.

देखें पूरी खबर

वायरस से डरने की नहीं, बल्कि लड़ने की जरूरत

लगभग 25 दिन तक राजधानी के मेडिका अस्पताल में भर्ती नामकुम के एक मरीज कोरोना की जंग लड़ रहे थे, जहां अस्पताल के डॉक्टर भी लगातार इस मरीज को ठीक करने के लिए एड़ी-चोटी की मेहनत कर रहे थे. मेडिका अस्पताल के आईसीयू में भर्ती इस मरीज के ठीक होने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने मरीज का स्वागत करते हुए उन्हें खुशी-खुशी अस्पताल से डिस्चार्ज किया है. अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद मरीज ने मेडिका के डॉक्टरों का धन्यवाद अदा किया. इसके अलावा उन्होंने कोरोना से संक्रमित मरीजों को संदेश देते हुए कहा कि कोरोना जैसे खतरनाक वायरस से लोगों को डरने की नहीं, बल्कि उससे लड़ने की जरूरत है.

ये भी पढ़ें-गिरिडीह: अटका नरसंहार पीड़ितों को आज भी है नौकरी का इंतजार, 22 वर्ष पूर्व मुखिया सहित 10 की हुई थी हत्या

अस्पताल में कोविड मरीजों के लिए विशेष तैयारी

मेडिका अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर सह क्रिटिकल केयर विभाग के निदेशक डॉ विजय कुमार मिश्रा ने बताया कि रांची के नामकुम के रहने वाले 57 वर्षीय मरीज 8 जून को निमोनिया और मलेरिया की शिकायत लेकर भर्ती हुए थे. मेडिका आने से पहले वह करीब 8-10 दिनों तक रांची के विभिन्न अस्पतालों में अपना इलाज करा रहे थे, लेकिन फायदा न होते देखकर उनके परिजन ने उन्हें मेडिका अस्पताल ले आए. यहां 9 जून को कोविड की आरटीपीसीआर जांच के लिए सैंपल लिया गया, जिसमें रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई. इसके बाद अस्पताल में कोविड मरीजों के लिए विशेष तौर पर तैयार किये गए कोविड वार्ड में उसे शिफ्ट कर दिया गया.

सोशल डिस्टेंस का पालन

मेडिका अस्पताल के सलाहकार डॉ श्रीवास्तव ने बताया कि मरीज के इलाज में कोई कोताही न हो, इसे लेकर अस्पताल के एवीपी अनिल कुमार बराबर नजर बनाए हुए थे. उन्होंने बताया कि घर जाने से पहले मरीज ने अस्पताल के डॉक्टर, नर्स और प्रबंधन के अधिकारियों का शुक्रिया अदा किया. मरीज का कहना था कि अस्पताल में उसे नया जीवन मिला है. अगर समय पर यहां नहीं आते तो न जाने क्या होता. वहीं, मेडिका के सलाहकार डॉ श्रीवास्तव ने कहा कि कोरोना लाइलाज बीमारी नहीं है. बस एहतियात बरतना जरूरी है. लोग सोशल डिस्टेंस का पालन करें और घर से बाहर न निकलें और हमेशा मास्क का प्रयोग करें. बता दें कि राज्य में मेडिका पहली निजी अस्पताल है, जहां से कोरोना के मरीज ठीक होकर घर गए हैं.

रांची: राजधानी में एक तरफ कोरोना संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या को लेकर लोग परेशान हैं तो वहीं दूसरी ओर मरीज के ठीक होने का भी सिलसिला लगातार जारी है, जिससे लोगों में थोड़ी राहत है. इसी के मद्देनजर राज्य में पहली बार निजी अस्पताल मेडिका में कोरोना की जंग में जीत पाकर अस्पताल से डिस्चार्ज हुए हैं.

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वायरस से डरने की नहीं, बल्कि लड़ने की जरूरत

लगभग 25 दिन तक राजधानी के मेडिका अस्पताल में भर्ती नामकुम के एक मरीज कोरोना की जंग लड़ रहे थे, जहां अस्पताल के डॉक्टर भी लगातार इस मरीज को ठीक करने के लिए एड़ी-चोटी की मेहनत कर रहे थे. मेडिका अस्पताल के आईसीयू में भर्ती इस मरीज के ठीक होने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने मरीज का स्वागत करते हुए उन्हें खुशी-खुशी अस्पताल से डिस्चार्ज किया है. अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद मरीज ने मेडिका के डॉक्टरों का धन्यवाद अदा किया. इसके अलावा उन्होंने कोरोना से संक्रमित मरीजों को संदेश देते हुए कहा कि कोरोना जैसे खतरनाक वायरस से लोगों को डरने की नहीं, बल्कि उससे लड़ने की जरूरत है.

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अस्पताल में कोविड मरीजों के लिए विशेष तैयारी

मेडिका अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर सह क्रिटिकल केयर विभाग के निदेशक डॉ विजय कुमार मिश्रा ने बताया कि रांची के नामकुम के रहने वाले 57 वर्षीय मरीज 8 जून को निमोनिया और मलेरिया की शिकायत लेकर भर्ती हुए थे. मेडिका आने से पहले वह करीब 8-10 दिनों तक रांची के विभिन्न अस्पतालों में अपना इलाज करा रहे थे, लेकिन फायदा न होते देखकर उनके परिजन ने उन्हें मेडिका अस्पताल ले आए. यहां 9 जून को कोविड की आरटीपीसीआर जांच के लिए सैंपल लिया गया, जिसमें रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई. इसके बाद अस्पताल में कोविड मरीजों के लिए विशेष तौर पर तैयार किये गए कोविड वार्ड में उसे शिफ्ट कर दिया गया.

सोशल डिस्टेंस का पालन

मेडिका अस्पताल के सलाहकार डॉ श्रीवास्तव ने बताया कि मरीज के इलाज में कोई कोताही न हो, इसे लेकर अस्पताल के एवीपी अनिल कुमार बराबर नजर बनाए हुए थे. उन्होंने बताया कि घर जाने से पहले मरीज ने अस्पताल के डॉक्टर, नर्स और प्रबंधन के अधिकारियों का शुक्रिया अदा किया. मरीज का कहना था कि अस्पताल में उसे नया जीवन मिला है. अगर समय पर यहां नहीं आते तो न जाने क्या होता. वहीं, मेडिका के सलाहकार डॉ श्रीवास्तव ने कहा कि कोरोना लाइलाज बीमारी नहीं है. बस एहतियात बरतना जरूरी है. लोग सोशल डिस्टेंस का पालन करें और घर से बाहर न निकलें और हमेशा मास्क का प्रयोग करें. बता दें कि राज्य में मेडिका पहली निजी अस्पताल है, जहां से कोरोना के मरीज ठीक होकर घर गए हैं.

Last Updated : Jul 7, 2020, 11:29 AM IST

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