रांचीः स्थायीकरण समेत अपनी 15 सूत्रीय मांगों को लेकर राज्य के रसोइया और संयोजिका संघ के बैनर तले हजारों महिलाएं मुख्यमंत्री आवास घेराव करने निकली, लेकिन प्रशासन ने इन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया. राजभवन के समक्ष रोक दिया. पारा शिक्षकों के बाद राज्यभर के रसोइया और संयोजिका भी स्थायीकरण की मांग राज्य सरकार से की है.
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सबसे पहले आंदोलन के तहत रसोइया और संयोजिका संघ ने राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान में धरना दिया फिर एकजुट होकर मुख्यमंत्री आवास घेरने निकले, लेकिन बीच में ही इन्हें रोक दिया गया.
पुलिस प्रशासन की मुस्तैदी के कारण यह आगे नहीं बढ़ सके. बताते चलें कि विभिन्न सरकारी विद्यालयों में रसोइया संयोजिका काम कर रही हैं. इनको 42 रुपए रोज दिया जाता है. संयोजिका से शुरू से आज तक मुफ्त में काम लिया जा रहा है. इन्हें मानदेय दिए जाने की मांग को लेकर इस आंदोलन को तेज किया जा रहा है.
प्रतिदिन 400 रुपये मजदूरी देने की मांग
स्थायी करते हुए वेतन लागू करने की मांग की गई है. कई रसोइया संयोजिका को हटाया गया है. दोबारा इन्हें रखने की मांग संघ की ओर से की गई है. इसके अलावा रसोइया और संयोजिका को केरल की तर्ज पर प्रतिदिन 400 रुपये मजदूरी देने की मांग रखी गई है. बरसों से काम कर रही हो रसोइया संयोजिका को नियुक्ति पत्र जारी करने को लेकर भी मांग रखी गई है .ऐसे ही 15 सूत्री मांगों को लेकर इनके द्वारा आंदोलन शुरू हुई है.
राजभवन के समक्ष रसोइया संयोजिका संघ की अध्यक्ष अनीता देवी का कहना है कि प्रशासन ने उन्हें यहां रोक लिया. हालांकि उनके प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को 15 सूत्री मांगों के संबंध में ज्ञापन सौंपा है