रांची: दुमका में मयूराक्षी नदी पर बने नए पुल पर भाजपा द्वारा जगह-जगह तिलका मांझी सेतु का बैनर लगा देने के बाद फिर एक बार राज्य में पुल पर राजनीति तेज हो गई है. भारतीय जनता पार्टी इस पुल का नाम तिलका मांझी के नाम पर करने की मांग कर रही है. वहीं सरकार ने कृषि मंत्री के आग्रह के बाद इस नवनिर्मित पुल का नाम दिशोम गुरु शिबू सोरेन के नाम पर रखने का मन बना लिया है.
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अब ऐसे में राज्य के सत्ताधारी दल झामुमो-कांग्रेस और विपक्षी पार्टी भाजपा के नेताओं के बीच तीखी बयानबाजी शुरू हो गई है. इसके केंद्र में शिबू सोरेन और पीएम मोदी तक को रखा जा रहा है. मयूराक्षी नदी पर बने नव निर्मित पुल का नाम दिशोम गुरु के नाम पर करने के प्रस्ताव का भाजपा विरोध कर रही है. इसी को लेकर कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राकेश सिन्हा ने कहा कि जब गुजरात में स्टेडियम बना था तब उसका नाम भी महात्मा गांधी के नाम पर होना चाहिए था. उसे नरेंद्र मोदी के नाम पर क्यों बनाया गया. कहा इसका जवाब भाजपा को देना चाहिए. भाजपा का मानसिक दिवालियापन करार देते हुए कहा कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन हर झारखंडी के लिए भगवान हैं, जिन्होंने झारखंड राज्य हमें दिया.
मयूराक्षी नदी पर बने पुल का नाम अमर शहीद तिलका मांझी के नाम पर करने की मांग को भाजपा ने जायज बताया. झारखंड प्रदेश भाजपा प्रवक्ता अविनेश कुमार सिंह ने कहा कि तिलका मांझी के साथ शिबू सोरेन की तुलना ही गलत है. भाजपा नेता ने कहा कि जिन्हें झारखंड का गांधी बताया जा रहा है उन्होंने तो झारखंड का दिल्ली में बैठ कर सौदा कर लिया था.
दुमका में मयूराक्षी नदी पर 198 करोड़ की राशि से बने उच्चस्तरीय पुल का मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 30 अक्टूबर 2023 को उदघाटन किया था. तब से पुल के नाम पर राज्य की राजनीति गरमाई हुई है. उद्घाटन के दौरान कृषि मंत्री बादल पत्रलेख द्वारा पुल का नाम दिशोम गुरु शिबू सोरेन के नाम पर कर देने की सलाह के बाद पुल पर पॉलिटिक्स शुरू हुई थी. भाजपा इसका नाम तिलका मांझी के नाम पर करने की लगातार मांग कर रही है. गौरतलब है कि 2.34 किलो मीटर लंबे उच्चस्तरीय पुल के निर्माण में 198 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं.