रांची: कृषि कानून वापस लिए जाने के बाद पीएम के खिलाफ कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी (Congress MLA Irfan Ansari) का विवादित बयान अब गरमाने लगा है. दरअसल, इरफान अंसारी ने बयान जारी कर कहा था कि काले कानून के खिलाफ आंदोलन की वजह से सैकड़ों किसानों को जान गंवानी पड़ी है. इतना कुछ होने के बाद पीएम ने कानून वापस लेने की घोषणा की. ऐसे में तो उन्हें फांसी दी जानी चाहिए.
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विधायक इरफान के इस बयान के हिस्से को ट्वीटर पर साझा करते हुए भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही (BJP MLA Bhanu Pratap Shahi) ने तल्ख अंदाज की टिप्पणी की थी. उन्होंने लिखा था कि इरफान अंसारी पाकिस्तान परस्त आईएसआई स्लीपर सेल का एजेंट है. फांसी की सजा तो आपके जैसे नालायक बदजुबान विधायक को होनी चाहिए.
दो विधायकों के बीच ट्वीटर पर चल रहा तकरार विधानसभा स्थापना दिवस समारोह के प्रांगण तक पहुंच गया. दोनों विधायकों ने एक दूसरे पर तल्ख टिप्पणी की. इसपर इरफान अंसारी ने भानु प्रताप शाही पर एक गैर जिम्मेदार पुत्र होने का आरोप मढ़ते हुए चटुकार कह दिया. उन्होंने कहा कि समझ में नहीं आता कि मोदी जी के बारे में इतनी ज्यादा चापसूली और दलाली क्यों. भानु प्रताप शाही अपनी खामियों को छुपाने के लिए भाजपा में गये हैं.
इरफान अंसारी ने कहा कि भानु प्रताप शाही को कांग्रेस ने ही मंत्री बनाया था. लेकिन मंत्री बनते ही लूटने लगे. जेल में चले गए. फिर भी पार्टी ने उनके पिता को मंत्री बनाया. लेकिन आज उनके पिताजी दर दर की ठोकरें खा रहे हैं. जो अपने पिता का सम्मान नहीं कर सकता वो किसी पार्टी का क्या सम्मान करेगा. प्रधानमंत्री गलत करेंगे तो मैं क्यों नहीं बोलूंगा. जब काला कानून लाया उसी समय वापस ले लिए होते तो आंदोलन में शामिल सैकड़ों लोगों की जान नहीं जाती.
भानु प्रताप शाही ने कहा कि इरफान अंसारी ने सारी मर्यादाओं को तोड़ा है. उन्हें जनता से माफी मांगनी चाहिए. पीएम मोदी देश की सवा सौ करोड़ जनता के स्वाभिमान और अभिमान हैं. लेकिन एक विधायक उनके खिलाफ इस तरह का बयान दे तो विरोध होना लाजमी है. आप हमारे नेता का अपमान करेंगे तो जवाब जरूर मिलेगा. भानु प्रतान शाही ने कहा कि जिस तरह का बयान उन्होंने दिया है उससे साफ है कि विधायक ने मानसिक संतुलन खो दिया है.