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केंद्र और राज्य के बीच जारी तकरार से अधर में प्रधानमंत्री आवास योजना, जानिए वजह - रांची न्यूज

प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर झारखंड में किच-किच जारी है. राज्य सरकार केंद्र पर सौतेला व्यवहार अपनाने का आरोप लगा रही है. वहीं बीजेपी ने भी पलटवार किया है.

Controversy between central and Jharkhand
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 23, 2023, 10:57 AM IST

Updated : Aug 23, 2023, 11:25 AM IST

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रांचीः देश के हर नागरिक को रहने के लिए अपना घर हो इसकी कवायद लंबे समय से चल रही है. कांग्रेस शासन में शुरू की गई बहुचर्चित इंदिरा आवास योजना का नाम भले ही बदल दिया गया हो मगर आज भी लोगों के जेहन पर यह है. 2016 में इंदिरा आवास योजना का नाम बदलकर प्रधानमंत्री आवास योजना रखा गया. इसके माध्यम से शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले गरीब परिवार को पक्का मकान बनाने के लिए सरकारी सहायता राशि दी जाती रही है. वर्तमान समय में इस योजना के तहत मैदानी क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए 1 लाख 20 हजार और पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए 1 लाख 30 हजार का प्रावधान है.

ये भी पढ़ेंः VIDEO: सदन में उठा प्रधानमंत्री आवास योजना का मामला, कांग्रेस ने केंद्र पर साधा निशाना

आखिर क्यों चर्चा में है प्रधानमंत्री आवास योजनाः झारखंड के विभिन्न जिलों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बन रहे मकान पर ग्रहण लगने जा रहा है. इसके पीछे की वजह केंद्र और राज्य के बीच में हाल के दिनों में बढ़ रहा विवाद है. विवाद का कारण प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत झारखंड के द्वारा की गई मांग और केंद्र द्वारा दी गई आवंटित राशि की उपयोगिता प्रमाण पत्र की मांग है.

Controversy between central and Jharkhand
कुछ राज्यों में पीएम आवास योजना के तहत बने घर

ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम का मानना है कि झारखंड ने देश के अन्य राज्यों की तुलना में काफी बेहतर प्रदर्शन किया है. 95.86% झारखंड का अचीवमेंट है. हमारा टारगेट 15 लाख 93 हजार 553 था, जिसमें 15 लाख 40 हजार 120 पूर्ण हो चुका है. इसके बावजूद झारखंड के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है और केंद्र सरकार के द्वारा किस्त की राशि नहीं दी जा रही है.

इधर केंद्र की बीजेपी सरकार पर राज्य सरकार के द्वारा लगातार हमला बोले जाने पर झारखंड बीजेपी ने पलटवार किया है. झारखंड बीजेपी मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक ने कहा है कि केंद्र सरकार के द्वारा जो इस मद में राशि दी गई है, उसकी उपयोगिता प्रमाण पत्र राज्य सरकार नहीं दे रही है. जब कभी भी राज्य सरकार को अपनी कमी छुपानी होती है तो उसे केंद्र के मत्थे थोप दिया जाता है. पिछले 9 वर्षों में झारखंड में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 18 लाख प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर बने हैं. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक बिहार का 97.12%, छत्तीसगढ़ 74.39%, उत्तराखंड का 73.68% एचीवमेंट रेट है.

गौरतलब है कि 2024 तक केंद्र सरकार ने सभी बेघरों को आवास उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है. बहरहाल केंद्र और राज्य के बीच बढ़ रहे विवाद के बीच हेमंत सरकार ने अबुआ आवास योजना शुरू करने की घोषणा कर केंद्र को यह दिखाने की कोशिश की है कि राज्य सरकार अपने बलबूते बेघरों को घर मुहैया कराने में सक्षम है.

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रांचीः देश के हर नागरिक को रहने के लिए अपना घर हो इसकी कवायद लंबे समय से चल रही है. कांग्रेस शासन में शुरू की गई बहुचर्चित इंदिरा आवास योजना का नाम भले ही बदल दिया गया हो मगर आज भी लोगों के जेहन पर यह है. 2016 में इंदिरा आवास योजना का नाम बदलकर प्रधानमंत्री आवास योजना रखा गया. इसके माध्यम से शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले गरीब परिवार को पक्का मकान बनाने के लिए सरकारी सहायता राशि दी जाती रही है. वर्तमान समय में इस योजना के तहत मैदानी क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए 1 लाख 20 हजार और पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए 1 लाख 30 हजार का प्रावधान है.

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आखिर क्यों चर्चा में है प्रधानमंत्री आवास योजनाः झारखंड के विभिन्न जिलों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बन रहे मकान पर ग्रहण लगने जा रहा है. इसके पीछे की वजह केंद्र और राज्य के बीच में हाल के दिनों में बढ़ रहा विवाद है. विवाद का कारण प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत झारखंड के द्वारा की गई मांग और केंद्र द्वारा दी गई आवंटित राशि की उपयोगिता प्रमाण पत्र की मांग है.

Controversy between central and Jharkhand
कुछ राज्यों में पीएम आवास योजना के तहत बने घर

ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम का मानना है कि झारखंड ने देश के अन्य राज्यों की तुलना में काफी बेहतर प्रदर्शन किया है. 95.86% झारखंड का अचीवमेंट है. हमारा टारगेट 15 लाख 93 हजार 553 था, जिसमें 15 लाख 40 हजार 120 पूर्ण हो चुका है. इसके बावजूद झारखंड के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है और केंद्र सरकार के द्वारा किस्त की राशि नहीं दी जा रही है.

इधर केंद्र की बीजेपी सरकार पर राज्य सरकार के द्वारा लगातार हमला बोले जाने पर झारखंड बीजेपी ने पलटवार किया है. झारखंड बीजेपी मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक ने कहा है कि केंद्र सरकार के द्वारा जो इस मद में राशि दी गई है, उसकी उपयोगिता प्रमाण पत्र राज्य सरकार नहीं दे रही है. जब कभी भी राज्य सरकार को अपनी कमी छुपानी होती है तो उसे केंद्र के मत्थे थोप दिया जाता है. पिछले 9 वर्षों में झारखंड में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 18 लाख प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर बने हैं. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक बिहार का 97.12%, छत्तीसगढ़ 74.39%, उत्तराखंड का 73.68% एचीवमेंट रेट है.

गौरतलब है कि 2024 तक केंद्र सरकार ने सभी बेघरों को आवास उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है. बहरहाल केंद्र और राज्य के बीच बढ़ रहे विवाद के बीच हेमंत सरकार ने अबुआ आवास योजना शुरू करने की घोषणा कर केंद्र को यह दिखाने की कोशिश की है कि राज्य सरकार अपने बलबूते बेघरों को घर मुहैया कराने में सक्षम है.

Last Updated : Aug 23, 2023, 11:25 AM IST
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