रांचीः काफी जद्दोजहद के बाद झारखंड में 20 सूत्री निगरानी समिति का गठन होना शुरू हुआ था. मगर जैसे ही इसकी अधिसूचना जारी होने लगी सत्तारूढ़ दलों के बीच हिस्सेदारी को लेकर घमासान भी शुरू हो गए. हालत यह है कि राज्य में रांची सहित कई जिलों में बीस सूत्री निगरानी कमिटी की घोषणा अब तक नहीं हो पाई है. इसके पीछे सत्तारूढ़ दल के बीच अंर्तविरोध माना जा रहा है.
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हर दल अपनी भागीदारी अधिक से अधिक लेने की जुगत में है. जिस वजह से ना केवल रांची सहित अन्य जिलों में पेंच फंस गया है बल्कि योजना एवं विकास विभाग द्वारा जारी अधिसूचना में भी संशोधन की मांग उठने लगी है. सरकार के सहयोगी दल राजद ने साफ तौर पर कह दिया है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस द्वारा बनाया गया फार्मूला उन्हें मान्य नहीं है. राजद के वरिष्ठ नेता राजेश यादव ने कहा है कि राजद को एकमात्र जिला चतरा देना कहीं से भी उचित नहीं है. उन्होंने गठबंधन के सहयोगी दल झामुमो और कांग्रेस को चेतावनी देते हुए कहा है कि राजद को राजनीतिक रुप से कम नहीं आंका जाए. उन्होंने सभी जिलों में सभी तीनों दलों के लोगों की भागीदारी देने की मांग की है. इसके अलावा सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों के लिए गठित हो रहे 15 सूत्री कमिटी में राजद को हिस्सेदारी सभी जिलों में देने की मांग की है जिससे गठबंधन के अंदर समन्वय बनी रहे.
कांग्रेस के अंदर भी कई जिलों के लिए घोषित 20 सूत्री निगरानी कमिटी में भागीदारी नहीं मिलने पर घमासान मचा हुआ है. जिसके कारण फिलहाल शेष बचे जिलों में अधिसूचना प्रकाशन टाल दिया गया है. गठबंधन के अंदर जारी घमासान से झामुमो पशोपेश में है. पार्टी द्वारा बीच का रास्ता निकालने की कोशिश हो रही है. झामुमो नेता मनोज पांडे भी स्वीकारते हैं कि गठबंधन के अंदर 20 सूत्री निगरानी समिति को लेकर मतभेद है जिसे शीघ्र दूर कर लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि जो भी गतिरोध है वह मुख्यमंत्री के संज्ञान में है और जल्द ही सभी दल बैठकर निर्णय कर लेंगे.
अब तक इन जिलों के लिए जारी हुई है अधिसूचनाः योजना एवं विकास विभाग द्वारा राज्य के पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां, रामगढ़, गिरिडीह, बोकारो, चतरा, साहिबगंज, पाकुड़, जामताड़ा, गढ़वा, लातेहार, खूंटी, लोहरदगा, गुमला और सिमडेगा जिलों के प्रखंड और जिलास्तरीय कमिटी की अधिसूचना जारी की जा चुकी है. बहरहाल रांची सहित शेष जिलों के लिए 20 सूत्री निगरानी समिति गठन पर किचकिच जारी है और हर दल अधिक से अधिक भागीदारी की मांग कर नए सिरे से इसका गठन करने की मांंग कर रहे हैं.