रांची: 24 जनवरी से आमरण अनशन पर बैठे अनुबंधित स्वास्थ्य कर्मचारियों का अनशन समाप्त हो गया लेकिन उनका आंदोलन और हड़ताल जारी रहेगा. स्वास्थ्य संयुक्त सचिव ने आमरण अनशन पर बैठे अनुबंध पर बहाल स्वास्थ्यकर्मियों को जूस पिलाकर अनशन खत्म कराया और उनकी मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया. बता दें कि 23 दिन से राजभवन के समक्ष नियमितीकरण समेत कई मांगों के साथ बेमियादी अनशन कर रहे थे.
गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग की ओर से संयुक्त सचिव आलोक चतुर्वेदी अनशन स्थल पर पहुंचे. यहां पर उन्होंने अनशन पर बैठे कर्मचारियों से बात की उनका हालचाल लिया. इसके बाद उन्होंने बातचीत के क्रम में हड़ताली कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा और स्वास्थ्य मंत्री से सलाह ली जाएगी. काफी समझाने के बाद और संयुक्त सचिव आलोक चतुर्वेदी से मिले आश्वासन के बाद अनुबंध पर बहाल स्वास्थ्यकर्मियों ने अपना आमरण अनशन समाप्त किया.
अनशन खत्म पर हड़ताल जारी रहेगाः वहीं मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने सभी कर्मचारियों से हड़ताल वापस लेने का भी आग्रह किया. जिससे स्वास्थ विभाग का कार्य फिर से पूर्व की तरह संचालित हो सके और लोगों को उसका लाभ मिले. लेकिन उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगों पर स्वास्थ्य मंत्री की तरफ से कोई सही संकेत नहीं मिलते तब तक उनकी हड़ताल जारी रहेगी. बता दें कि अनुबंध पर बहाल करीब 13 हजार ऐसे स्वास्थ्य कर्मचारी हैं जो नियमित वेतनमान और स्थायीकरण की मांग कर रहे हैं.
16 साल पूराना मामला- राजेश ठाकुरः स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा अनशन तोड़ने के बाद मौके पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर भी पहुंचे. उन्होंने कहा कि यह 16 साल पुराना मामला है, जिसे समझने में वक्त लग रहा है, इसलिए इसे सुलझाने में भी समय लग रहा है. उन्होंने कहा कि जैसे ही सरकार कर्मचारियों की बात को समझ लेगी और कर्मचारी सरकार की मजबूरी को, वैसे ही सारे समस्या के समाधान निकल जाएंगे.
उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर स्वास्थ्य मंत्री की तरफ से पहल की गई है. स्वास्थ्य मंत्री ने 24 फरवरी को इस पर बात करने का आश्वासन दिया है. उन्हें उम्मीद है कि जल्द से जल्द सारे मामले सुलझ जाएंगे और कर्मचारियों की जो मांग है वह काफी हद तक पूरी हो पाएंगी.
स्वास्थ्य व्यवस्था पर बुरा असरः 23 दिन से प्रदेश के सभी अनुबंधित स्वास्थ्य कर्मचारी, एएनएम, जीएनएम और लैब टेक्नीशियन के पद पर कार्यरत कर्मी आंदोलनरत हैं. इनके हड़ताल पर जाने की वजह से स्वास्थ्य विभाग के कई काम प्रभावित हो गई है. इसके अलावा लगातार अनशन के दौरान कई स्वास्थ्य कर्मचारियों की तबीयत भी बिगड़ी थी. जिन्हें इलाज के रांची के सदर अस्पताल और रिम्स में भर्ती कराया गया, वहीं एक कर्मचारी को एम्स में भर्ती कराया गया है. कर्मचारियों के बिगड़ते स्वास्थ्य को देखते हुए सरकार की तरफ से गुरुवार को अधिकारी अनशन स्थल पर पहुंचकर उनका अनशन समाप्त करवाया.