रांची: 18 अक्टूबर से राजभवन के सामने धरना पर बैठे संविदा पर नियुक्त घंटी आधारित असिस्टेंट प्रोफेसरों ने अपनी भूख हड़ताल तोड़ दी है. झारखंड राज्य अनुबंध प्राध्यापक संघ के प्रतिनिधियों से बुधवार को बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने मुलाकात की और उनकी भूख हड़ताल खत्म करवाई.
बीजेपी नेताओं से आश्वासन मिलने के बाद तोड़ा अनशन
बता दें कि राज्य में लगभग 1000 ऐसे अनुबंध पर काम कर रहे प्रोफेसर हैं, जिन्हें प्रत्येक घंटी के हिसाब से सरकारी दर से पैसे दिए जाते है. वहीं इसके विपरीत इन प्रोफेसरों की मांग है कि उन्हें एक फिक्स सैलरी मिले. अपनी इसी मांग को लेकर 18 अक्टूबर से झारखंड राज्य अनुबंध प्राध्यापक संघ के बैनर तले छह सदस्य भूख हड़ताल पर बैठे हुए थे. इस बाबत संघ ने बीजेपी मुख्यालय जाकर अपना मांग पत्र भी दिया था, हालांकि राज्य सरकार की तरफ से इस पर कथित तौर पर कोई पहल नहीं हुई. लेकिन बीजेपी के नेताओं से आश्वासन मिलने के बाद इन्होंने अनशन तोड़ दिया.
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इन नेताओं ने खत्म करवाई भूख हड़ताल
बुधवार को बीजेपी के प्रदेश संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह, पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रदीप वर्मा, आदित्य साहू, प्रदेश महामंत्री दीपक प्रकाश, प्रदेश मंत्री सुबोध सिंह गुड्डू समेत अन्य नेताओं ने आंदोलनरत असिस्टेंट प्रोफेसरों से मुलाकात कर उनका अनशन तोड़वाया.
राज्य सरकार मांगों को लेकर है संवेदनशील
इस मौके पर दीपक प्रकाश ने कहा कि राज्य सरकार असिस्टेंट प्रोफेसरों की मांग को लेकर संवेदनशील है और इन्हें कैसे आर्थिक मदद मिले इस दिशा में कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने कहा कि मामला शिक्षा से जुड़ा है और राज्य सरकार इसमें किसी तरह का समझौता नहीं करती है. इसलिए, यह कोशिश की जाएगी कि असिस्टेंट प्रोफेसरों के हित से जुड़ा कोई निर्णय लिया जा सके.