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जेपीएससी पदाधिकारी प्रमोशन मामला: झारखंड हाई कोर्ट में अवमाननावाद याचिका दायर

जेपीएससी पदाधिकारी प्रमोशन मामले में झारखंड हाई कोर्ट में अवमाननावाद याचिका दायर की गई है. जिसमें कहा गया है कि झारखंड हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद अधिकारी को प्रोन्नति नहीं मिली है. यह अदालत के आदेश का अवमानना है.

contempt petition in jharkhand high court in jpsc officer promotion case
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Published : Mar 8, 2022, 4:56 PM IST

Updated : Mar 8, 2022, 8:36 PM IST

रांची: जेपीएससी थर्ड बैच के पदाधिकारियों की बेसिक ग्रेड से जूनियर सिलेक्शन ग्रेड में प्रोन्नति के मामले में हाई कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश के बावजूद भी प्रोन्नति नहीं दिए जाने पर प्रार्थी राजकिशोर महतो ने अवमाननावाद याचिका दायर की है. याचिका के माध्यम से अदालत को जानकारी दी गई है कि झारखंड हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद अधिकारी को प्रोन्नति नहीं मिली है. यह अदालत के आदेश का अवमानना है. दोषी अधिकारी पर कार्रवाई किए जाने की मांग की गई है. याचिका में वरीय अधिकारी को प्रतिवादी बनाया गया है.

ये भी पढ़ें- झारखंड हाई कोर्ट ने सरकार के आदेश को किया निरस्त, कहा- 4 सप्ताह में दें प्रमोशन

झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश डॉ एसएन पाठक की अदालत ने इस मामले कि पूर्व में सुनवाई की थी. दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत सुनवाई की प्रक्रिया पूर्ण कर अदालत ने राज्य सरकार के अधिकारी को प्रन्नति देने का आदेश दिया था. लेकिन राज्य सरकार ने झारखंड हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी प्रोन्नति नहीं दी.

राज किशोर प्रसाद सहित अन्य की ओर से याचिका दायर की गई थी. याचिका के माध्यम से अदालत से प्रोन्नति की गुहार लगाई थी. अदालत को जानकारी दी गई थी कि राज्य सरकार के द्वारा प्रोन्नति पर रोक लगाए जाने संबंधी आदेश नियम के विरुद्ध है, असंवैधानिक है. अतः इसे निरस्त कर दिया जाए. उसी याचिका पर सुनवाई हुई. उसके बाद अदालत ने राज्य सरकार के प्रोन्नति पर रोक लगाने के आदेश को रद्द कर दिया था. अधिकारी को प्रोन्नति देने संबंधी आदेश दिया था.

रांची: जेपीएससी थर्ड बैच के पदाधिकारियों की बेसिक ग्रेड से जूनियर सिलेक्शन ग्रेड में प्रोन्नति के मामले में हाई कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश के बावजूद भी प्रोन्नति नहीं दिए जाने पर प्रार्थी राजकिशोर महतो ने अवमाननावाद याचिका दायर की है. याचिका के माध्यम से अदालत को जानकारी दी गई है कि झारखंड हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद अधिकारी को प्रोन्नति नहीं मिली है. यह अदालत के आदेश का अवमानना है. दोषी अधिकारी पर कार्रवाई किए जाने की मांग की गई है. याचिका में वरीय अधिकारी को प्रतिवादी बनाया गया है.

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झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश डॉ एसएन पाठक की अदालत ने इस मामले कि पूर्व में सुनवाई की थी. दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत सुनवाई की प्रक्रिया पूर्ण कर अदालत ने राज्य सरकार के अधिकारी को प्रन्नति देने का आदेश दिया था. लेकिन राज्य सरकार ने झारखंड हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी प्रोन्नति नहीं दी.

राज किशोर प्रसाद सहित अन्य की ओर से याचिका दायर की गई थी. याचिका के माध्यम से अदालत से प्रोन्नति की गुहार लगाई थी. अदालत को जानकारी दी गई थी कि राज्य सरकार के द्वारा प्रोन्नति पर रोक लगाए जाने संबंधी आदेश नियम के विरुद्ध है, असंवैधानिक है. अतः इसे निरस्त कर दिया जाए. उसी याचिका पर सुनवाई हुई. उसके बाद अदालत ने राज्य सरकार के प्रोन्नति पर रोक लगाने के आदेश को रद्द कर दिया था. अधिकारी को प्रोन्नति देने संबंधी आदेश दिया था.

Last Updated : Mar 8, 2022, 8:36 PM IST
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