रांचीः झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सह मंत्री रामेश्वर उरांव की अध्यक्षता में बुधवार को कांग्रेस स्टेट हेड क्वार्टर में बैठक की गई. इसमें कृषि उत्पाद व्यापार और वाणिज्य विधेयक, कृषि आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक कानून के विरोध में राज्यव्यापी आंदोलन की रूपरेखा पर चर्चा हुई. इस बैठक में कांग्रेस विधायक दल के नेता, सरकार में शामिल मंत्री, विधायक, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष, जोनल को-ऑर्डिनेटर समेत अन्य वरिष्ठ नेता उपस्थित थे.
काला कानून
इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने कहा कि कृषि संबंधित इन तीनों विधेयकों के संसद में पारित होने से देशभर के किसानों की हालात और खराब होने की आशंका उत्पन्न हो गयी है. पार्टी हाई कमान ने इस निर्णय के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन की रणनीति बनायी है. उन्होंने कहा कि इन विधेयकों को लेकर पूरे देश के किसानों को डर है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य आधारित खरीद प्रणाली का अंत होगा और निजी कंपनियों की ओर से शोषण बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि भारतीय खाद्य एवं कृषि व्यवसाय पर हावी होने की इच्छा रखने वाले बड़े उद्योगपतियों के अनुरूप इस कानून को बनाया गया है, जो किसानों की मोलतोल करने की शक्ति को कमजोर करेगा.
सोशल मीडिया से प्रतिरोध जताएंगे
वहीं प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दुबे ने कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए बताया कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के दिशा-निर्देश पर इस फैसले के खिलाफ 24 सितंबर को पार्टी के प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह 12.30 बजे वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे, जिसमें प्रदेश अध्यक्ष भी उपस्थित रहेंगे, जबकि 26 सितंबर को स्पीक अप फाॅर फामर्स कार्यक्रम के तहत सभी पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ता आम जनता के साथ सोशल मीडिया के माध्यम से वीडियो अपलोड कर प्रतिरोध जताएंगे.
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28 सितंबर को रांची के मोरहाबादी मैदान स्थित बापू वाटिका से राजभवन मार्च कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष, सभी मंत्री, विधायक, पूर्व सांसद, पूर्व विधायक और वरिष्ठ नेता हिस्सा लेंगे. प्रदेश कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह भी राजभवन मार्च में मुख्य अतिथि के रुप में शामिल होंगे.
वहीं 30 सितंबर से 31 अक्टूबर तक इस काले कानून के खिलाफ देशव्यापी हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा, जिसमें दो करोड़ लोगों के हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन राष्ट्रपति को सौंपा जाएगा. वहीं 2 अक्टूबर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जन्म जयंती पर सभी जिला मुख्यालयों पर कृषि नीति का विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.