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बिजली को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना, कहा- महागठबंधन की लोकप्रिय सरकार को बदनाम करने की साजिश

झारखंड में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने राज्य में बिजली की खराब स्थिति को लेकर केंद्र सरकार और पूर्व की झारखंड सरकार पर जमकर निशाना साधा है. झारखंड कांग्रेस के प्रवक्ता आलोक दुबे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राज्य के इस हालात के लिए केंद्र की बीजेपी सरकार को जिम्मेवार बताया है.

Congress targeted the central government for electricity cut in jharkhand
झारखंड कांग्रेस पार्टी
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Published : Mar 12, 2020, 6:38 PM IST

रांची: झारखंड में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने राज्य में बिजली की खराब स्थिति को लेकर केंद्र सरकार और पूर्ववर्ती झारखंड सरकार पर जमकर निशाना साधा है. गौरतलब है कि बकाया राशि को लेकर दामोदर वैली कारपोरेशन यानी डीवीसी ने झारखंड के 7 जिलों में बिजली की आपूर्ति बंद कर दी है. इस मामले को लेकर झारखंड कांग्रेस के प्रवक्ता आलोक दुबे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राज्य के इस हालात के लिए केंद्र की बीजेपी सरकार को जिम्मेवार बताया है.

देखें पूरी खबर
कांग्रेस प्रवक्ता आलोक दुबे के अनुसार झारखंड में महागठबंधन की लोकप्रिय सरकार को बदनाम करने के लिए डीवीसी 10 मार्च से ही 18 घंटे की राज्य के कई जिलों में लोड शेडिंग कर रही है. जिसके कारण रामगढ़, कोडरमा, चतरा, बोकारो, हजारीबाग, गिरिडीह, धनबाद और पूर्वी सिंहभूम के कुछ इलाके में रहने वाले लोगों को काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. लगभग 7 जिलों में मात्र 6 घंटे ही बिजली उपलब्ध हो पा रही है. कांग्रेस के अनुसार लोकप्रिय सरकार को जानबूझकर परेशान और बदनाम करने की बड़ी गहरी साजिश रची गई है.

ये भी देखें- राज्यसभा चुनाव में तीसरा कैंडिडेट आया तो होगी हॉर्स ट्रेडिंग, पक्ष और विपक्ष ने किया जीत का दावा

जनता ने दिया बिल, फिर भी नहीं हुआ भुगतान
कांग्रेस प्रवक्ता के अनुसार जब झारखंड के उपभोक्ता अपने बिजली बिल का भुगतान कर रहे हैं तो आखिर पूर्व की सरकार ने 5000 करोड़ रुपए का बकाया कैसे किया. उन्होंने डीवीसी को भुगतान क्यों नहीं किया यह बहुत बड़ा सवाल है. आलोक दुबे के अनुसार झारखंड की जमीन पर डीवीसी काम करती है और यहां का कोयला यहां का पानी और यहां का मानव श्रम का प्रयोग करती है.

इसके बावजूद अगर यहां के लोगों को बिजली नहीं मिलती है, तो यह किसी बड़ी साजिश की तरफ इशारा करता है. कांग्रेस की तरफ से डीवीसी को यह अल्टीमेटम दिया गया है कि वे राज्य में बिजली व्यवस्था को बहाल करें नहीं तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.

ये भी देखें- सदन में अपने लिए पहली बार खड़े हुए मरांडी, कहा-दिक्कत हो रही हो तो सत्तापक्ष से किसी को बना दें नेता प्रतिपक्ष

क्या है मामला
दरअसल, डीवीसी बिजली आपूर्ति कमांड एरिया झारखंड के 7 जिले हजारीबाग, चतरा, कोडरमा, रामगढ़, बोकारो, धनबाद और गिरिडीह में प्रतिदिन 18 घंटे की बिजली कटौती की जा रही है. डीवीसी का झारखंड सरकार पर 5000 करोड़ बकाया है. डीवीसी के तरफ से 25 फरवरी 2020 को भुगतान करने का डेटलाइन निर्धारित की गई थी. बकाया बिल का भुगतान नहीं होने पर 50% बिजली काटने की सूचना भी दी गई थी.

जिसके बाद डीवीसी ने 10 मार्च 2020 से बिजली कटौती शुरू कर दी है. डीवीसी झारखंड में 300 एमवीए बिजली आपूर्ति जेवीएनएल को करती है. जेवीएनएल झारखंड के 7 जिलों में घर-घर बिजली आपूर्ति करती है. डीवीसी बिजली आपूर्ति का बिल बकाया होने के कारण बिजली में कटौती का काम शुरू कर चुकी है. इस मामले को लेकर झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में भी जमकर हंगामा हुआ है.

रांची: झारखंड में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने राज्य में बिजली की खराब स्थिति को लेकर केंद्र सरकार और पूर्ववर्ती झारखंड सरकार पर जमकर निशाना साधा है. गौरतलब है कि बकाया राशि को लेकर दामोदर वैली कारपोरेशन यानी डीवीसी ने झारखंड के 7 जिलों में बिजली की आपूर्ति बंद कर दी है. इस मामले को लेकर झारखंड कांग्रेस के प्रवक्ता आलोक दुबे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राज्य के इस हालात के लिए केंद्र की बीजेपी सरकार को जिम्मेवार बताया है.

देखें पूरी खबर
कांग्रेस प्रवक्ता आलोक दुबे के अनुसार झारखंड में महागठबंधन की लोकप्रिय सरकार को बदनाम करने के लिए डीवीसी 10 मार्च से ही 18 घंटे की राज्य के कई जिलों में लोड शेडिंग कर रही है. जिसके कारण रामगढ़, कोडरमा, चतरा, बोकारो, हजारीबाग, गिरिडीह, धनबाद और पूर्वी सिंहभूम के कुछ इलाके में रहने वाले लोगों को काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. लगभग 7 जिलों में मात्र 6 घंटे ही बिजली उपलब्ध हो पा रही है. कांग्रेस के अनुसार लोकप्रिय सरकार को जानबूझकर परेशान और बदनाम करने की बड़ी गहरी साजिश रची गई है.

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जनता ने दिया बिल, फिर भी नहीं हुआ भुगतान
कांग्रेस प्रवक्ता के अनुसार जब झारखंड के उपभोक्ता अपने बिजली बिल का भुगतान कर रहे हैं तो आखिर पूर्व की सरकार ने 5000 करोड़ रुपए का बकाया कैसे किया. उन्होंने डीवीसी को भुगतान क्यों नहीं किया यह बहुत बड़ा सवाल है. आलोक दुबे के अनुसार झारखंड की जमीन पर डीवीसी काम करती है और यहां का कोयला यहां का पानी और यहां का मानव श्रम का प्रयोग करती है.

इसके बावजूद अगर यहां के लोगों को बिजली नहीं मिलती है, तो यह किसी बड़ी साजिश की तरफ इशारा करता है. कांग्रेस की तरफ से डीवीसी को यह अल्टीमेटम दिया गया है कि वे राज्य में बिजली व्यवस्था को बहाल करें नहीं तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.

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क्या है मामला
दरअसल, डीवीसी बिजली आपूर्ति कमांड एरिया झारखंड के 7 जिले हजारीबाग, चतरा, कोडरमा, रामगढ़, बोकारो, धनबाद और गिरिडीह में प्रतिदिन 18 घंटे की बिजली कटौती की जा रही है. डीवीसी का झारखंड सरकार पर 5000 करोड़ बकाया है. डीवीसी के तरफ से 25 फरवरी 2020 को भुगतान करने का डेटलाइन निर्धारित की गई थी. बकाया बिल का भुगतान नहीं होने पर 50% बिजली काटने की सूचना भी दी गई थी.

जिसके बाद डीवीसी ने 10 मार्च 2020 से बिजली कटौती शुरू कर दी है. डीवीसी झारखंड में 300 एमवीए बिजली आपूर्ति जेवीएनएल को करती है. जेवीएनएल झारखंड के 7 जिलों में घर-घर बिजली आपूर्ति करती है. डीवीसी बिजली आपूर्ति का बिल बकाया होने के कारण बिजली में कटौती का काम शुरू कर चुकी है. इस मामले को लेकर झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में भी जमकर हंगामा हुआ है.

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