रांचीः राजधानी रांची में एटीएम से पैसा निकालने वाले लोग साइबर अपराधियों और ठगों के निशाने पर हैं. पिछले दो महीने के भीतर एक दर्जन से ज्यादा लोग ऐसे ठगों के शिकार हुए हैं, जिनके लाखों रुपये गायब कर दिए गए हैं. रांची के विभिन्न स्थानों में ऐसे दर्जन भर मामले रिपोर्ट किए गए हैं, लेकिन किसी भी कांड का अब तक खुलासा नहीं हो पाया है.
एटीएम से ठगी चरम पर
रांची के एटीएम साइबर क्रिमिनल्स और ठगों के निशाने पर हैं. कभी एटीएम कार्ड बदल कर तो कभी एटीएम मशीन में छेड़छाड़ कर रांची वासियों के पैसे गायब किए जा रहे हैं. दरअसल, साइबर अपराधी अब एटीएम के ऑटोमेटिक डिपॉजिट विड्रॉल मशीन को टारगेट कर रहे हैं. अब जब लोग साइबर अपराधियों के ठगी के पुराने तरीके समझने लगे और अलर्ट हुए तो ठगों ने अपना पैटर्न बदल दिया. अब साइबर अपराधी एटीएम मशीन, ऑटोमेटिक डिपोजिट-विड्रॉल मशीन से छेड़छाड़ कर ठगी की वारदात को अंजाम देने लगे हैं.
जानकार बताते हैं कि साइबर अपराधी एटीएम मशीन में छेड़छाड़ कर ऐसी परिस्थितियां बना देते हैं कि जब आप एटीएम से पैसे की निकासी के लिए अपना कार्ड डालते हैं तो सारा प्रोसेस पूरा होने के बावजूद आपका पैसा नहीं निकलता है. आप थोड़ी देर परेशान होने के बाद वहां से चले जाते हैं. ठीक थोड़े ही देर बाद साइबर अपराधी एटीएम पहुंचते हैं और पैसे निकालकर फरार हो जाते हैं.
केस स्टडी-1
23 फरवरी 2025 को रांची के करम टोली के रहने वाले संजय कुमार का एटीएम गायब कर उनके खाते से 19 हजार रुपये की अवैध निकासी कर ली गई थी.
केस स्टडी-2
25 फरवरी 2025 को रांची के पंडरा के रहने वाले हिमांशु शेखर का एटीएम कार्ड बदलकर उनके खाते से दो लाख रुपये की अवैध निकासी कर ली गई थी.
केस स्टडी-3
5 फरवरी 2025 को झारखंड आर्म्ड फोर्स के जवान सुनील गुरुंग का एटीएम बदलकर एक लाख रुपये की निकासी कर ली गई थी.
केस स्टडी-4
14 जनवरी 2025 को रांची के सदर थाना क्षेत्र के रहने वाले उपेंद्र ठाकुर का एटीएम बदलकर 40 हजार रुपये की अवैध निकासी कर ली गई थी.
केस स्टडी-5
8 जनवरी 2025 को धुर्वा के रहने वाले सत्य प्रकाश कुमार का एटीएम गायब कर उनके खाते से एक लाख रुपये की अवैध निकासी कर ली गई थी.
एटीएम कार्ड बदल कर ठगी
वहीं दूसरी तरफ रांची में एटीएम कार्ड बदलकर ठगी करने वाला गिरोह भी सक्रिय है. एटीएम कार्ड बदलकर ठगी करने वाले ठग ऐसे एटीएम को निशाना बना रहे हैं, जहां के एटीएम में सिक्युरिटी गार्ड नहीं होते हैं. सबसे पहले साइबर अपराधी एटीएम मशीन के कुछ बटन को निष्क्रिय कर देते हैं. इसके बाद ग्राहक आने का इंतजार करते हैं. वे एटीएम के आसपास ही मंडराते रहते हैं. इस बीच पैसे निकालने के लिए जैसे ही कोई शख्स एटीएम में आता है और मशीन में अपना कार्ड डालता, बटन निष्क्रिय होने के कारण राशि नहीं निकल पाती है.
इस बीच ठग मदद करने के बहाने एटीएम में आता है और मशीन में दोबारा कार्ड डालकर पैसे निकाल देने का भरोसा देता है. पैसे निकालने के लिए एटीएम कार्ड का पासवर्ड भी पूछ लेता है. इसके बाद ग्राहक के बताए अनुसार राशि एटीएम से निकाल कर के दे देता है. इस बीच बड़ी चालाकी से उसका एटीएम कार्ड दूसरे कार्ड से बदल देता है. साइबर ठग अपने पास वैसे एटीएम कार्ड ही रखते हैं जो पैसे निकालने वाले का होता है. ऐसे में एटीएम बदलने के बाद भी लोगों को यह पता नहीं चलता कि उनका एटीएम बदल दिया गया है. बाद में दूसरे शहर या फिर कहीं दूर जाकर उनके एटीएम से पैसे ठग निकाल लेते हैं.
आधी रात के बाद करते हैं शिकार!
साइबर ठग इतने चालक हैं कि वह पैसे की निकासी मध्य रात्रि के समय करते हैं. यह सभी जानते हैं कि एटीएम में पैसे निकासी की एक सीमा होती है जो रात के 12:00 तक ही रहता है. रात 12 बीतने के बाद दूसरा दिन शुरू हो जाता है ऐसे में एक एटीएम कार्ड से साइबर अपराधी दो बार निकासी कर लेते हैं.
एटीएम प्रयोग करते समय सतर्कता जरूरी
रांची के सिटी एसपी राजकुमार मेहता ने बताया कि एटीएम से पैसा निकालने के समय सतर्कता बेहद जरूरी है. सिटी एसपी ने बताया कि एटीएम से पैसे गायब करने वाले गिरोह की तलाश गंभीरता के साथ की जा रही है, लेकिन जरूरी है कि लोग एटीएम में जाने के बाद किसी भी अनजाने शख्स पर भरोसा ना करें. एटीएम के बाहर मदद का भरोसा देने वाला व्यक्ति ठग हो सकता है.
अगर पैसा निकालते समय किसी तरह की टेक्निकल समस्या आती है तो आप सीधे बैंक से संपर्क करें ना कि अपने आसपास खड़े व्यक्ति से. अगर पैसे निकालने में कोई परेशानी आ रही है तो आप अपने किसी परिचित व्यक्ति को फोन कर के एटीएम बुलाए उसके बाद ही पैसे की निकासी करें. एटीएम के बाहर अगर कोई संदेश दिखता है तो तुरंत उसके बारे में डायल 112 पर पुलिस को सूचना दें.
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